लखनऊ : मौलाना कल्बे ज़व्वाद के शिया महाविद्यालय विरोधी कृत्य के खिलाफ शिया काॅलेज टीचर्स एसोसिएशन (शियाक्टा) ने डालीगंज स्थित शिया काॅलेज परिसर के मुख्य द्वार पर सोमवार को धरना दिया. इस धरने में शिक्षकों ने अपना रोष व्यक्त किया. धरने पर मौजूद शिक्षकों ने आह्वान किया कि पूरी दुनिया में फैले शिया काॅलेज के पूर्व छात्रों को ऑनलाइन माध्यम से जोड़कर एक ऑनलाइन प्रतिरोध किया जाएगा. इसके अलावा बहुत शीघ्र शिया पीजी काॅलेज, लखनऊ के अन्दर शिया कालेज एलूमिनाई एसोसिएशन के साथ पूर्व छात्रों की एक ‘प्रोटेस्ट मीट’ आयोजित की जाएगी. इस धरने में शिया कालेज से जुडे़ शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के अलावा फुफुक्टा के कार्यालय सचिव मनीष हिंदवी, लुआक्टा के अध्यक्ष मनोज पाण्डेय, महामंत्री लुआक्टा अंशू केडिया, विद्यांत महाविद्यालय शिक्षक संघ के महामंत्री श्रवण गुप्ता, लुआक्टा उपाध्यक्ष त्रिमल सिंह, जयनरायण मिश्र पीजी कालेज शिक्षक संघ के महामंत्री, विक्रम सिंह, शिया कालेज छात्रसंघ के पूर्व महामंत्री इरशाद अहमद आदि ने शिया कालेज आकर शिया काॅलेज के साथ अपनी एकजुटता प्रदर्शित की. धरने की अध्यक्षता शियाक्टा अध्यक्ष डाॅ. सरताज़ शब्बर रिज़वी तथा संचालन शियाक्टा महामंत्री डाॅ. आग़ा परवेज मसीह ने की.
शियाक्टा महामंत्री डाॅ. आग़ा परवेज मसीह ने बताया कि मौलाना कल्बे जव्वाद नक़वी ने बीते 16 अक्टूबर 2022 को निदेशक, राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद् (नैक) को पत्र लिखकर यह अनुरोध किया था कि शिया काॅलेज की प्रत्यायन प्रक्रिया रोक दी जाए. इसके अलावा कॉलेज को प्रमाण-पत्र प्रदान न किया जाए. इतना ही नहीं उन्होंने यह भी अनुरोध किया था कि शिया महाविद्यालय को ब्लैक-लिस्ट किया जाए. डाॅ. मसीह ने बताया कि इसका सबसे बुरा प्रभाव महाविद्यालय में कार्यरत 114 शिक्षक एवं 116 शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के वेतन पर पड़ता. उनका वेतन रूक जाता. जिससे सैकड़ों परिवारों के ऊपर गम्भीर संकट आ जाता. इसलिए महाविद्यालय के शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारी आक्रोशित थे. गत 4 फरवरी, 2022 को शिया कालेज टीचर्स एसोसिएशन की आम सभा हुई थी. जिसमें मौलाना कल्बे जव्वाद के कृत्य की भर्त्सना की गई थी और इस धरने का आह्वान किया गया था.
धरने में मौजूद वक्ताओं ने कहा कि मौलाना कल्बे ज़व्वाद का यह कृत्य शिया महाविद्यालय के शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के साथ-साथ महाविद्यालय में पढ़ रहे हजारों विद्यार्थियों, पूर्व छात्रों तथा आने वाली पीढ़ी के खिलाफ साजिश है. मौलाना कल्बे जव्वाद ने यह पत्र लिखकर यह साबित कर दिया कि उनको शिया काॅलेज और शिया कौम से कोई मोहब्बत नहीं है, क्योंकि अगर मोहब्बत होती तो शिया कौम के सबसे बड़े इदारे को निशाना नहीं बनाते. मौलाना कल्बे जव्वाद का यह कृत्य शिया काॅलेज का निर्माण करने वाले पूर्वजों का भी अपमान है. धरने के अन्दर बड़ी संख्या में शिक्षक, शिक्षिकाएं, शिक्षणेत्तर कर्मचारी शामिल हुए और धरने को सम्बोधित किया.