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यूपी में शिक्षा विभाग के कर्मचारियों का अनशन खत्म, कल से खुलेंगे सभी बीएसए और डीआईओएस कार्यालय

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Published : Nov 25, 2021, 10:56 PM IST

विभाग की तरफ शिक्षा विभाग के कर्मचारियों की मांगें स्वीकार किए जाने के बाद अनशन खत्म हो गया. कर्मचारी बीते 22 नवंबर से राजधानी स्थित बेसिक शिक्षा निदेशालय पर अनशन पर बैठे थे. पदोन्नति समेत उनकी सभी मांगों को विभाग की तरफ से मान लिया गया है.

शिक्षा विभाग के कर्मचारियों का अनशन वापस
शिक्षा विभाग के कर्मचारियों का अनशन वापस

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग के कर्मचारियों का अनशन गुरुवार देर शाम खत्म हो गया. उत्तर प्रदेश एजुकेशनल मिनिस्ट्रीयल ऑफीसर्स एसोसियेशन के बैनर तले कर्मचारी बीते सोमवार से आमरण अनशन पर बैठे थे.

अपनी मांगों को लेकर कर्मचारियों ने गुरुवार को राजधानी समेत प्रदेश भर के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय और जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर ताले लगा दिए थे. देर शाम शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ उनकी वार्ता हुई. आश्वाशन मिलने पर अनशन खत्म कर दिया गया.

यह कर्मचारी बीते 22 नवंबर से राजधानी स्थित बेसिक शिक्षा निदेशालय पर अनशन पर बैठे थे. संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विवेक यादव ने बताया कि उनकी मांग स्वीकार किए जाने के चलते गुरुवार को विरोध प्रदर्शन वापस ले लिया गया. पदोन्नति समेत सभी मांगों को विभाग की तरफ से मान लिया गया जिसके बाद जल ग्रहण कर अनशन को तोड़ दिया गया है.


ये हैं प्रदर्शनकारी कर्मचारियों की मांगें

05 फरवरी 2019 को वरिष्ठ सहायक से प्रधान सहायक में पदोन्नति की गयी थी. पदोन्नति आदेश में उल्लेख किया गया था कि जो जिस कार्यालय में कार्यरत हैं, वहीं कार्यभार ग्रहण कर लें. पदस्थापना आदेश अलग से निर्गत किया जाएगा. पदोन्नति प्राप्त 97 कर्मचारियों का 2 साल 10 महीने के बाद भी पदस्थापन अद्यतन निर्गत नहीं किया गया.

प्रमुख सचिव के शासनादेश 01 अक्टूबर 2021 में स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि 31 अक्टूबर 2021 तक पदोन्नति के रिक्त सभी पदों को पदोन्नति से भर दिए जाएं. शासन के आदेश के बावजूद एक भी पदोन्नति नहीं की गई जबकि प्रशासनिक अधिकारी के 62 पदों पर प्रधान सहायक के लगभग 200 पद, वैयक्तिक सहायक के 37 पद व वैयक्तिक सहायक ग्रेड-1 के 48 पद रिक्त हैं.

यह भी पढ़ें- अब यूपी को मिलेगी मुफ्त राशन की डोज, डबल इंजन की सरकार में 15 करोड़ लाभार्थियों को दोगुने राशन का तोहफा

वार्षिक प्रबंध में पावर डिलीगेट न होने से किसी कर्मचारी का स्थानांतरण नहीं हो पाया था. इससे निजी व्यय पर स्थानांतरण चाहने पर भी स्थानांतरण नहीं हो पाये थे. वहीं निजी व्यय के स्थानांतरण पर कोई व्ययभार नहीं होना है. निजी व्यय के स्थानांतरण आदेश जारी किए जाएं.

राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान व जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में कार्यरत राजकीय कर्मचारियों का वेतन तीन माह से लंबित है. यह भुगतान कराया जाए. तीन माह से अधिक समय से कर्मचारी निलंबित हैं.

मांग की गई कि उन्हें आज तक आरोप पत्र निर्गत नहीं किया गया और न ही बहाल किया गया है. निलंबित कर्मचारियों को इस प्रतिबंध के साथ तत्काल बहाली कराई जाए.

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग के कर्मचारियों का अनशन गुरुवार देर शाम खत्म हो गया. उत्तर प्रदेश एजुकेशनल मिनिस्ट्रीयल ऑफीसर्स एसोसियेशन के बैनर तले कर्मचारी बीते सोमवार से आमरण अनशन पर बैठे थे.

अपनी मांगों को लेकर कर्मचारियों ने गुरुवार को राजधानी समेत प्रदेश भर के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय और जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर ताले लगा दिए थे. देर शाम शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ उनकी वार्ता हुई. आश्वाशन मिलने पर अनशन खत्म कर दिया गया.

यह कर्मचारी बीते 22 नवंबर से राजधानी स्थित बेसिक शिक्षा निदेशालय पर अनशन पर बैठे थे. संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विवेक यादव ने बताया कि उनकी मांग स्वीकार किए जाने के चलते गुरुवार को विरोध प्रदर्शन वापस ले लिया गया. पदोन्नति समेत सभी मांगों को विभाग की तरफ से मान लिया गया जिसके बाद जल ग्रहण कर अनशन को तोड़ दिया गया है.


ये हैं प्रदर्शनकारी कर्मचारियों की मांगें

05 फरवरी 2019 को वरिष्ठ सहायक से प्रधान सहायक में पदोन्नति की गयी थी. पदोन्नति आदेश में उल्लेख किया गया था कि जो जिस कार्यालय में कार्यरत हैं, वहीं कार्यभार ग्रहण कर लें. पदस्थापना आदेश अलग से निर्गत किया जाएगा. पदोन्नति प्राप्त 97 कर्मचारियों का 2 साल 10 महीने के बाद भी पदस्थापन अद्यतन निर्गत नहीं किया गया.

प्रमुख सचिव के शासनादेश 01 अक्टूबर 2021 में स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि 31 अक्टूबर 2021 तक पदोन्नति के रिक्त सभी पदों को पदोन्नति से भर दिए जाएं. शासन के आदेश के बावजूद एक भी पदोन्नति नहीं की गई जबकि प्रशासनिक अधिकारी के 62 पदों पर प्रधान सहायक के लगभग 200 पद, वैयक्तिक सहायक के 37 पद व वैयक्तिक सहायक ग्रेड-1 के 48 पद रिक्त हैं.

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वार्षिक प्रबंध में पावर डिलीगेट न होने से किसी कर्मचारी का स्थानांतरण नहीं हो पाया था. इससे निजी व्यय पर स्थानांतरण चाहने पर भी स्थानांतरण नहीं हो पाये थे. वहीं निजी व्यय के स्थानांतरण पर कोई व्ययभार नहीं होना है. निजी व्यय के स्थानांतरण आदेश जारी किए जाएं.

राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान व जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में कार्यरत राजकीय कर्मचारियों का वेतन तीन माह से लंबित है. यह भुगतान कराया जाए. तीन माह से अधिक समय से कर्मचारी निलंबित हैं.

मांग की गई कि उन्हें आज तक आरोप पत्र निर्गत नहीं किया गया और न ही बहाल किया गया है. निलंबित कर्मचारियों को इस प्रतिबंध के साथ तत्काल बहाली कराई जाए.

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