लखनऊः मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने गुरुवार को हाईटेक टाउनशिप नीति में प्रस्तावित संशोधनों का प्रस्तुतीकरण देखा. जरूरी संशोधन के सुझाव भी आए. उन पर विस्तार से चर्चा की गई. प्रमुख सचिव आवास एवं नगर विकास दीपक कुमार ने हाईटेक टाउनशिप नीति में प्रस्तावित संशोधनों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी.
इन मुद्दों पर हुई चर्चा
बैठक में परियोजनाओं को पूर्ण कराने, औचित्यपूर्ण विलम्ब की अवधि को शून्य मानते हुए अतिरिक्त समय प्रदान करने और विस्तारित परियोजनाओं को पूर्ण करने के लिए परियोजना अवधि में विस्तार किये जाने पर चर्चा हुई. परियोजनाओं को पूर्ण करने में न्यायालय के स्थगनादेश अथवा नियामक/शासकीय अभिकरण के कारण हुए विलंब हेतु उक्त अवधि को शून्य माने जाने पर चर्चा हुई. इसके अलावा जिन परियोजनाओं को पूर्व से ही विस्तारित समय अनुमन्य था, ऐसी परियोजनाओं को पूर्ण करने के लिए विलंब शुल्क फिक्स करते हुये अतिरिक्त समय प्रदान करने पर गहन विचार विमर्श किया गया.
उच्च स्तरीय अवस्थापना सुविधाओं के आधार पर ग्रेडिंग
इसके अतिरिक्त हाईटेक टाउनशिप के विकसित क्षेत्र को चिह्नित करने के लिए विकास के विभिन्न कार्यान्शों के आधार पर गणना करने पर भी चर्चा की गई. हाईटेक टाउनशिप के अंतर्गत ईडब्ल्यूएस एवं एलआईजी भवनों का निर्माण, उच्च स्तरीय अवस्थापना सुविधाओं के आधार पर ग्रेडिंग सिस्टम अपनाने और ग्रेडिंग सिस्टम का उपयोग केवल विभिन्न शुल्कों के निर्धारण हेतु किये जाने पर भी विचार-विमर्श किया गया.
विभिन्न संस्थाओं की समस्याएं भी सुनीं
इससे पूर्व, मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कार्यशील हाईटेक टाउनशिप परियोजनाओं के विकासकर्ताओं अंसल प्रापर्टीज लखनऊ, गर्व बिल्डटेक लखनऊ, उप्पल चड्ढ़ा गाजियाबाद, सनसिटी गाजियाबाद, सनसिटी मथुरा, उत्तम स्टील्स बुलंदशहर के प्रतिनिधियों से उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुना. उनके निस्तारण के लिए सम्बन्धित प्राधिकरण के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए. साथ ही इस सम्बन्ध में आख्या उपलब्ध कराने को भी कहा है.