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केजीएमयू के लिंब सेंटर में कोविड-19 अस्पताल बनाने का प्रस्ताव, कर्मचारियों ने किया विरोध

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित केजीएमयू के लिंब सेंटर में कोविड-19 अस्पताल बनाए जाने की भी बात कही जा रही है, जिसका वहां के कर्मचारी विरोध कर रहे हैं.

covid 19 hospital.
लखनऊ केजीएमयू.
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Published : May 7, 2020, 10:33 AM IST

लखनऊः कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार तरह-तरह के कदम उठा रही है. इन कदमों में हर चिकित्सा संस्थान में एक अलग कोविड-19 अस्पताल बनाए जाने की भी बात कही जा रही है. किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के लिंब सेंटर में कोविड-19 अस्पताल बनाए जाने को लेकर कर्मचारी विरोध कर रहे हैं.

केजीएमयू की टास्क फोर्स मीटिंग
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के सीएमएस डॉ एसएन शंखवार के मुताबिक सरकार की ओर से यह मंशा जाहिर की गई थी कि हर चिकित्सा संस्थान अपने परिसर में डेडीकेटेड कोविड-19 अस्पताल का निर्माण करवाएं, जिससे अन्य मरीजों को असुविधा न हो. इसको देखते हुए केजीएमयू की टास्क फोर्स मीटिंग में यह प्रस्ताव रखा गया था कि चिकित्सा विश्वविद्यालय में लिंब सेंटर ही एकमात्र ऐसा स्थान है जो अन्य सभी विभागों से दूर है और कोविड-19 से संक्रमित रोगियों के लिए उपयुक्त जगह है. अभी इस प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है.

लिंब सेंटर के कर्मचारियों का विरोध
लिंब सेंटर में कोविड-19 अस्पताल बनाए जाने को लेकर लिंब सेंटर के कर्मचारियों का विरोध जारी है. कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के अनुसार प्रदेश भर के दिव्यांग मरीज लिंब सेंटर में आते हैं. ऐसे में कोविड-19 अस्पताल बन जाने से उन्हें परेशानी उठानी पड़ सकती है. लिंब सेंटर में प्रति वर्ष लगभग 65000 से भी अधिक मरीजों का इलाज किया जाता है और लगभग 8000 कृत्रिम अंग बनाए जाते हैं. यदि इसे कोविड-19 अस्पताल में बदला जाता है तो दिव्यांग मरीजों का पुनर्वास और इलाज मुश्किल हो जाएगा.

लखनऊः कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार तरह-तरह के कदम उठा रही है. इन कदमों में हर चिकित्सा संस्थान में एक अलग कोविड-19 अस्पताल बनाए जाने की भी बात कही जा रही है. किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के लिंब सेंटर में कोविड-19 अस्पताल बनाए जाने को लेकर कर्मचारी विरोध कर रहे हैं.

केजीएमयू की टास्क फोर्स मीटिंग
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के सीएमएस डॉ एसएन शंखवार के मुताबिक सरकार की ओर से यह मंशा जाहिर की गई थी कि हर चिकित्सा संस्थान अपने परिसर में डेडीकेटेड कोविड-19 अस्पताल का निर्माण करवाएं, जिससे अन्य मरीजों को असुविधा न हो. इसको देखते हुए केजीएमयू की टास्क फोर्स मीटिंग में यह प्रस्ताव रखा गया था कि चिकित्सा विश्वविद्यालय में लिंब सेंटर ही एकमात्र ऐसा स्थान है जो अन्य सभी विभागों से दूर है और कोविड-19 से संक्रमित रोगियों के लिए उपयुक्त जगह है. अभी इस प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है.

लिंब सेंटर के कर्मचारियों का विरोध
लिंब सेंटर में कोविड-19 अस्पताल बनाए जाने को लेकर लिंब सेंटर के कर्मचारियों का विरोध जारी है. कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के अनुसार प्रदेश भर के दिव्यांग मरीज लिंब सेंटर में आते हैं. ऐसे में कोविड-19 अस्पताल बन जाने से उन्हें परेशानी उठानी पड़ सकती है. लिंब सेंटर में प्रति वर्ष लगभग 65000 से भी अधिक मरीजों का इलाज किया जाता है और लगभग 8000 कृत्रिम अंग बनाए जाते हैं. यदि इसे कोविड-19 अस्पताल में बदला जाता है तो दिव्यांग मरीजों का पुनर्वास और इलाज मुश्किल हो जाएगा.

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