ETV Bharat / state

विकास प्राधिकरण और आवास विकास के डिफाल्टरों के लिए सरकार लाई एकमुश्त समाधान योजना

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार को लोकभवन में कैबिनेट की बैठक गई. इसमें एकमुश्त समाधान योजना के संचालन के संबंध में प्रस्ताव पास किया गया. इसे दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है. एक श्रेणी में 50 लाख से नीचे और दूसरी में 50 लाख से ऊपर वाले को रखा गया है.

ETV BHARAT
योगी सरकार लाई एकमुश्त समाधान योजना.
author img

By

Published : Feb 5, 2020, 6:38 PM IST

लखनऊः विकास प्राधिकरण और आवास विकास में एकमुश्त समाधान योजना को मंजूरी दी गई है. इसके तहत एकमुश्त धनराशि जमा करने पर आवंटी को दो प्रतिशत की छूट का भी प्रावधान किया गया है. पहली बार एक साथ पूरे प्रदेश के लिए विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद के आवंटियों के लिए सामूहिक एकमुश्त योजना सरकार लेकर आई है. बुधवार को सीएम योगी की अध्यक्षता में लोकभवन में आयोजित कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है.

योगी सरकार लाई एकमुश्त समाधान योजना.

ओटीएस 2019 के संचालन के संबंध में प्रस्ताव पास
योगी सरकार के प्रवक्ता व मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने ओटीएस 2019 के संचालन के संबंध में प्रस्ताव पास किया. यह विकास प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद के डिफाल्टरों को राहत देने के लिए है. यह डिफाल्टर वह लोग हैं, जिन्हें आवास विकास और विकास प्राधिकरण के आवास आवंटित किए गए थे, लेकिन वे लोग निर्धारित धनराशि जमा नहीं कर सके. इस वजह से उन्हें डिफॉल्टरों की सूची में शामिल कर दिया गया. अब सरकार ने बीच का रास्ता निकालते हुए डिफाल्टरों को धनराशि जमा कर समाधान के लिए एक और मौका दिया है.

इसे भी पढ़ें- जालौन: समाधान दिवस पर डीएम का आदेश, टीमें बनाकर भूमि संबंधी शिकायतों का मौके पर जाकर करें निस्तारण

डिफाल्टरों से साधारण ब्याज दर
सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि इसमें अनेक प्रकार के आवंटन दिए गए हैं. कुछ कमर्शियल प्रॉपर्टीज, सहकारी आवास, स्कूल और चैरिटेबल संस्थाओं को जमीन दी गई गई है. इन लोगों का डिफॉल्ट चलता आ रहा है. लोकभवन में आयोजित बैठक में ओटीएस 2019 योजना लागू करने का फैसला लिया गया है. इसमें डिफाल्टरों से पैसा साधारण ब्याज दर पर लिया जाएगा.

एकमुश्त समाधान योजना दो श्रेणी में विभाजित
योजना के तहत इन लोगों के ऊपर किसी भी प्रकार का दंड स्वरूप ब्याज नहीं लगाया जाएगा. इस योजना को लोगों तक पहुंचाने के लिए एक माह तक विभिन्न माध्यमों से प्रचार-प्रसार किया जाएगा. समाधान के इच्छुक आवंटियों से तीन माह के अंदर ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन लिए जाएंगे. इसके बाद तीन माह के अंदर इस पूरे प्रकरण को निस्तारित किया जाएगा. इस योजना को दो श्रेणी में विभाजित किया गया है. पहली श्रेणी में 50 लाख रुपये की संपत्ति वाले डिफाल्टर आवंटियों को रखा गया है. दूसरी श्रेणी में 50 लाख से ऊपर वाले डिफाल्टरों को रखा गया है.

इसे भी पढ़ें- कैसे सफल होगी जननी-शिशु सुरक्षा योजना, जब प्रसूताओं से होगी वसूली

ओटीएस जमा करने पर दो प्रतिशत की छूट
पहली श्रेणी यानी 50 लाख के अंदर वाले डिफाल्टर को चार माह के अंदर बकाया धनराशि जमा करनी होगी. दूसरी श्रेणी में 50 लाख से ऊपर वाले डिफाल्टर को सात माह के अंदर धनराशि जमा करने का समय दिया गया है. इसके साथ ही साथ इसके अंदर ओटीएस जमा करने पर दो प्रतिशत की छूट भी दी जाएगी.

लखनऊः विकास प्राधिकरण और आवास विकास में एकमुश्त समाधान योजना को मंजूरी दी गई है. इसके तहत एकमुश्त धनराशि जमा करने पर आवंटी को दो प्रतिशत की छूट का भी प्रावधान किया गया है. पहली बार एक साथ पूरे प्रदेश के लिए विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद के आवंटियों के लिए सामूहिक एकमुश्त योजना सरकार लेकर आई है. बुधवार को सीएम योगी की अध्यक्षता में लोकभवन में आयोजित कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है.

योगी सरकार लाई एकमुश्त समाधान योजना.

ओटीएस 2019 के संचालन के संबंध में प्रस्ताव पास
योगी सरकार के प्रवक्ता व मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने ओटीएस 2019 के संचालन के संबंध में प्रस्ताव पास किया. यह विकास प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद के डिफाल्टरों को राहत देने के लिए है. यह डिफाल्टर वह लोग हैं, जिन्हें आवास विकास और विकास प्राधिकरण के आवास आवंटित किए गए थे, लेकिन वे लोग निर्धारित धनराशि जमा नहीं कर सके. इस वजह से उन्हें डिफॉल्टरों की सूची में शामिल कर दिया गया. अब सरकार ने बीच का रास्ता निकालते हुए डिफाल्टरों को धनराशि जमा कर समाधान के लिए एक और मौका दिया है.

इसे भी पढ़ें- जालौन: समाधान दिवस पर डीएम का आदेश, टीमें बनाकर भूमि संबंधी शिकायतों का मौके पर जाकर करें निस्तारण

डिफाल्टरों से साधारण ब्याज दर
सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि इसमें अनेक प्रकार के आवंटन दिए गए हैं. कुछ कमर्शियल प्रॉपर्टीज, सहकारी आवास, स्कूल और चैरिटेबल संस्थाओं को जमीन दी गई गई है. इन लोगों का डिफॉल्ट चलता आ रहा है. लोकभवन में आयोजित बैठक में ओटीएस 2019 योजना लागू करने का फैसला लिया गया है. इसमें डिफाल्टरों से पैसा साधारण ब्याज दर पर लिया जाएगा.

एकमुश्त समाधान योजना दो श्रेणी में विभाजित
योजना के तहत इन लोगों के ऊपर किसी भी प्रकार का दंड स्वरूप ब्याज नहीं लगाया जाएगा. इस योजना को लोगों तक पहुंचाने के लिए एक माह तक विभिन्न माध्यमों से प्रचार-प्रसार किया जाएगा. समाधान के इच्छुक आवंटियों से तीन माह के अंदर ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन लिए जाएंगे. इसके बाद तीन माह के अंदर इस पूरे प्रकरण को निस्तारित किया जाएगा. इस योजना को दो श्रेणी में विभाजित किया गया है. पहली श्रेणी में 50 लाख रुपये की संपत्ति वाले डिफाल्टर आवंटियों को रखा गया है. दूसरी श्रेणी में 50 लाख से ऊपर वाले डिफाल्टरों को रखा गया है.

इसे भी पढ़ें- कैसे सफल होगी जननी-शिशु सुरक्षा योजना, जब प्रसूताओं से होगी वसूली

ओटीएस जमा करने पर दो प्रतिशत की छूट
पहली श्रेणी यानी 50 लाख के अंदर वाले डिफाल्टर को चार माह के अंदर बकाया धनराशि जमा करनी होगी. दूसरी श्रेणी में 50 लाख से ऊपर वाले डिफाल्टर को सात माह के अंदर धनराशि जमा करने का समय दिया गया है. इसके साथ ही साथ इसके अंदर ओटीएस जमा करने पर दो प्रतिशत की छूट भी दी जाएगी.

Intro:लखनऊ: एलडीएल एवं आवास विकास के डिफाल्टरों के लिए योगी सरकार लाई एकमुश्त समाधान योजना

लखनऊ। विकास प्राधिकरण और आवास विकास में एकमुश्त समाधान योजना को मंजूरी दी गई है। इसके तहत एकमुश्त धनराशि जमा करने पर आवंटी को दो प्रतिशत की छूट का भी प्रावधान किया गया है। पहली बार एक साथ पूरे प्रदेश के लिए विकास प्राधिकरण और आवास एवं विकास परिषद के आवंटियों को सामूहिक एकमुश्त योजना को सरकार लेकर आई है। बुधवार को यहां सीएम योगी की अध्यक्षता में लोकभवन में आयोजित कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। इसे दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है। एक श्रेणी 50 लाख से नीचे और दूसरी श्रेणी में 50 लाख से ऊपर वाले को रखा गया है।


Body:योगी सरकार के प्रवक्ता व मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने ओटीएस 2019 के संचालन के संबंध में प्रस्ताव पास हुआ है। यह विकास प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद के डिफाल्टरों को राहत देने के लिए है। यह डिफाल्टर वे लोग हैं जिन्हें आवास विकास और विकास प्राधिकरण के आवास आवंटित किए गए थे। लेकिन वे लोग निर्धारित धनराशि जमा नहीं कर सके। इस वजह से उन्हें डिफॉल्टरों की सूची में शामिल कर दिया गया। अब सरकार ने बीच का रास्ता निकालते हुए डिफाल्टरों को धनराशि जमा कर समाधान के लिए एक और मौका दिया है।

सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि इसमें अनेक प्रकार के आवंटन दिए गए हैं। कुछ कमर्शियल प्रॉपर्टीज भी हैं। सहकारी आवास है। स्कूल हैं। चैरिटेबल संस्थाएं हैं। उन्हें भी जमीन दी गई है। उन लोगों का डिफॉल्ट चलता आ रहा है। प्राधिकरण और विकास परिषद के माध्यम से था कि इसके लिए एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) लागू की जाए। तो इस पर योगी कैबिनेट की बैठक में चर्चा हुई। ओटीएस 2019 योजना लागू करने का फैसला लिया गया है। इसके अंदर डिफाल्टरों से साधारण ब्याज दर पर लिया जाएगा।

इस योजना के तहत इन लोगों के ऊपर किसी भी प्रकार का दंड स्वरूप ब्याज नहीं लगाया जाएगा। इस योजना का एक माह तक विभिन्न माध्यमों से प्रचार प्रसार किया जाएगा। ताकि लोगों को पता चल जाए। समाधान के इच्छुक आवंटियों से तीन माह के अंदर ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन लिए जाएंगे। इसके बाद तीन माह के अंदर इस पूरे प्रकरण को निस्तारित किया जाएगा। इस योजना को दो श्रेणी में विभाजित किया गया है। पहली श्रेणी में 50 लाख रुपये की संपत्ति वाले डिफाल्टर आवंटियों को रखा गया है। दूसरी श्रेणी में 50 लाख से ऊपर वाले डिफाल्टरों को रखा गया है।

पहली श्रेणी यानी 50 लाख के अंदर वाले डिफाल्टर को चार माह के अंदर बकाया धनराशि जमा करनी होगी। दूसरी श्रेणी में 50 लाख से ऊपर वाले डिफाल्टर को सात माह के अंदर धनराशि जमा करने का समय दिया गया है। इसके साथ ही साथ इसके अंदर ओटीएस जमा करने पर दो प्रतिशत की छूट भी दी जाएगी।

दिलीप शुक्ला, 9450663213


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.