लखनऊ : उत्तर प्रदेश में अलग-अलग बैच के 107 आईएएस अधिकारियों के लिए बुधवार का दिन खासा अच्छा रहा. विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक के बाद इनको प्रमोशन की हरी झंडी दे दी गई है. 2005 और 2006 बैच के दो आईएएस अफसरों के खिलाफ जांच को लेकर अभी तक पदोन्नति को रोक दिया गया है. दोनों के खिलाफ जांच चल रही है. अनेक अफसर सचिव बने हैं, अनेक प्रमुख सचिव भी बन चुके हैं. सभी को एक जनवरी को नए पदों पर ज्वाइनिंग दी जाएगी. शासन की इच्छा के अनुरूप नई पोस्टिंग दी जाएगी.
गौरतलब है कि मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र की अध्यक्षता में विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक हुई थी, इसमें इन अधिकारियों के प्रमोशन की पुष्टि हो गई है. 1998 बैच, 2007 बैच और 2019 बैच की DPC संपन्न हुई है. 1998 बैच के 6 IAS अफसर प्रमुख सचिव बनाए गए हैं. आलोक कुमार तृतीय, अनिल सागर, अनिल कुमार, अजय चौहान, नीना शर्मा भी प्रमुख सचिव बनाए गए हैं. वरिष्ठ आईएएस अधिकारी पंधारी यादव भी प्रमुख सचिव बनाए गए हैं. मजे की बात यह है कि पंधारी यादव बिना किसी जांच के आसानी से प्रमुख सचिव बन गए हैं, जबकि वेंकटेश्वर लू का प्रमोशन रोक दिया गया है.
2007 बैच के नौ IAS अफसर सचिव रैंक में प्रमोट किए गए हैं. नोएडा डीएम सुहास एलवाई सचिव पद पर, शीतल वर्मा, आलोक तिवारी, चैत्रा वी, नवीन कुमार, मुथुस्वामी सचिव पद पर प्रमोट किए गए हैं. लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और उसके बाद आगरा के डीएम रहे राहत आयुक्त प्रभु नारायण सिंह को भी सचिव बनाया गया है. अभय कुमार, डॉ. आदर्श सिंह सचिव पद पर प्रमोट किए गए हैं. सभी अफसरों को नए पद पर साल के पहले दिन यानी 1 जनवरी 2023 को तैनाती मिल जाएगी.
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