लखनऊ: गोमतीनगर स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (Lucknow Lohia Hospital) में पीजी छात्र का उत्पीड़न किए जाने के मामले की जांच के लिए बुधवार को समिति का गठन कर दिया गया है. समिति की रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.
जनरल सर्जरी विभाग के पीजी छात्र ने विभाग में काम कर रहे दो डॉक्टरों पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है. छात्र का आरोप है कि पीजी छात्रों का काम करने के कोई घंटे तय नहीं. 24 घंटे तक छात्रों को खाना नहीं मिलता है. 48 घंटे सो नहीं पाते हैं. अभद्र तरीके से मानसिक रूप से उनको परेशान किया जाता है. पीड़ित ने इसकी शिकायत संस्थान के सीएमएस और विभाग की एचओडी से की थी.
इस मामले का मंगलवार को एक पत्र भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. लोहिया संस्थान के सीएमएस डॉ. एके सिंह ने बताया कि मामले की जांच के लिए समिति का गठन (Probe Committee formed for doctor harassment in Lucknow Lohia Hospital) किया गया है.
केजीएमयू में बड़ी लापरवाही, पूरी रात मरीज को अंबु बैग से देते रहे सांसें, नहीं मिला वेंटिलेटर: लखीमपुर के रहने वाले विकास मौर्य ने बताया कि भतीजा विपिन कुमार (30) मंगलवार को हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गया था. जिला अस्पताल से उसे केजीएमयू रेफर कर दिया गया. मंगलवार शाम उसे लेकर ट्रॉमा सेंटर पहुंचे. इमरजेंसी में डॉक्टरों ने चेकअप कर कई जांचें लिख दीं. मरीज को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. डॉक्टरों ने मरीज को वेंटिलेटर की जरूरत बताई. पता चला कि ट्रॉमा सेंटर में संचालित सभी वेंटिलेटर फुल हैं. मरीज की सांसें उखड़ती देख उसे अंबु बैग लगाया गया.
सारी रात परिजन अंबु बैग से सांसें देते रहे. अगले दिन बुधवार दोपहर तक भी वेंटिलेटर नहीं मिल सका. डॉक्टरों ने भी हाथ खड़े कर दिए. हताश परिजन दोपहर करीब 12:30 बजे मरीज को ट्रॉमा से निकालकर लेकर चले गए. मरीज की हालत बेहद नाजुक थी. केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने कहा कि वेंटिलेटर खाली होता तो मरीज को जरूर मुहैया कराया जाता. परिजन अपनी मर्जी से मरीज को लेकर गए होंगे. मामले की जानकारी की जाएगी.
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