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प्रियंका की 2022 पर नजर, शुरू किया उत्तर प्रदेश का सफर

जिस उम्मीद के साथ प्रियंका गांधी ने सक्रिय राजनीति में कदम रखा था. वह उम्मीद तो पूरी नहीं हो पाई, लेकिन अब 2022 विधानसभा चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो गया है. ऐसे में इस बार प्रियंका का डंका बजे, इसे लेकर प्रियंका समेत तमाम कांग्रेसी नेता मैदान में उतर पड़े हैं.

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Published : Feb 12, 2021, 7:52 PM IST

प्रियंका गांधी.
प्रियंका गांधी.

लखनऊः प्रियंका गांधी लगातार उत्तर प्रदेश की सड़कें छानेंगी और जनता को कांग्रेस से जोड़ेंगी. इस समय सहारनपुर, मेरठ, मथुरा, प्रयागराज में प्रियंका ने डेरा डाला हुआ है. इसके बाद सीधा दौरा उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का होगा. लखनऊ मुख्यालय को प्रियंका के दौरे का सेंटर प्वाइंट बनाया जाएगा. यहीं से वे पूर्वांचल के तमाम जिलों के दौरे करेंगी. जनता को कांग्रेस पार्टी की तरफ आकर्षित करने के लिए प्रियंका नए-नए जतन भी कर रही हैं. इनमें हिन्दू-मुस्लिम वोटर्स को लुभाने के लिए मंदिर, दरगाह पर भी जा रही हैं. किसान महापंचायत में शामिल हो रही हैं तो गंगा स्नान भी कर रही हैं.

यूपी कांग्रेस कमेटी.

तो प्रियंका को आने में हुई देरी

कांग्रेसी जब प्रियंका गांधी को सक्रिय राजनीति में उतारने की बार-बार मांग कर रहे थे तो कांग्रेस हाईकमान ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया. 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले पहली बार जब सक्रिय राजनीति में प्रियंका गांधी ने कदम रखा तो उन्हें राष्ट्रीय महासचिव समेत पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभार सौंपा गया, लेकिन जिस उम्मीद के साथ प्रियंका को सक्रिय राजनीति में उतारा गया. चुनाव परिणाम आते ही वह सारी उम्मीद धूमिल हो गईं. कांग्रेसी मानने लगे कि जब गोल्डन अपॉर्चुनिटी थी, तब प्रियंका को मैदान में नहीं उतारा गया. मैदान में देरी से उतारने के चलते ही कांग्रेस आशानुरूप परिणाम लाने में सफल नहीं हो पाई. अब 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले प्रियंका गांधी फिर से पूरी तरह सक्रिय हो गई हैं. किसान महापंचायत को संबोधित कर, किसानों के बीच जाकर प्रियंका कांग्रेस पार्टी को ही किसानों का सबसे बड़ा हितैषी मनवाने में जुटी हैं.

कांग्रेसियों की उम्मीद प्रियंका

उत्तर प्रदेश में उम्भा हो या हाथरस, आजमगढ़ हो सहारनपुर, प्रियंका लगातार हर वर्ग को कांग्रेस के साथ लाने की जद्दोजहद में जुटी हैं. भले ही प्रियंका को मेहनत का नतीजा 2019 के लोकसभा चुनावों में न मिल पाया हो, लेकिन पिछले उपचुनावों में कांग्रेस के मत प्रतिशत में इजाफा जरूर हुआ है. पिछले साल विधानसभा के जो उपचुनाव हुए थे उनमें कांग्रेस पार्टी ने समाजवादी पार्टी को कई सीटों पर पटखनी दे डाली थी. हालांकि यहां पर भी कांग्रेस पार्टी अपनी हार का सूखा खत्म नहीं कर पाई, लेकिन मत प्रतिशत बढ़ने से ही कांग्रेसियों में एक उम्मीद जरूर जगी है. इसी भरोसे 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस करिश्माई प्रदर्शन की उम्मीद जता रहे हैं.

हिंदुत्व कार्ड खेलने में जुटी प्रियंका

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी को भी शायद अब ये समझ आ गया है कि उत्तर प्रदेश में अगर राजनीति चमकानी है तो हिंदुत्व एजेंडा ही काम आ सकता है. यही वजह है कि हाथों में रुद्राक्ष का माला लपेट और गंगा स्नान करने के साथ ही मंदिरों में पूजा-पाठ और संतों का आशीर्वाद लेने भी प्रियंका गांधी पहुंच रही हैं. हालांकि इस बीच अपने परंपरागत मुस्लिम वोटरों से भी दूरी नहीं दर्शना चाहती. इसलिए दरगाह पर भी माथा टेकने पहुंचती हैं. प्रियंका का प्रयाग में गंगा स्नान करना भी राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है. राजनीतिक पंडितों की मानें तो अगर कांग्रेस को फिर से सत्ता में वापस लौटना है तो हिंदुत्व एजेंडे की राजनीति पर ही आगे बढ़ना होगा. इसके पीछे वे तर्क भी देते हैं कि मुस्लिम वर्ग कई पार्टियों में विभाजित है. कांग्रेस से वह काफी दूर छिटक चुका है, जिसे मनाने में कांग्रेस को समय लगेगा. शायद यही वजह है कि प्रियंका हिंदुत्व झंडे पर तेजी से काम करने लगी हैं.

भगवा गेटअप आया था सामने

पिछले साल ही पहली बार कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी का भगवा गेटअप सामने आया था. माथे पर तिलक लगाए और भगवा रंग की साड़ी पहने प्रियंका का यह गेटअप देख कांग्रेसी ही आश्चर्यचकित रह गए. लोगों में उनका यह भगवा गेटअप काफी चर्चा का विषय बना.

अब लखनऊ की बारी

उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में भ्रमण कर रही प्रियंका गांधी का अगला टारगेट उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 25 जनवरी से पहले कम से कम तीन दिन का कार्यक्रम लगाने की तैयारी हो रही है. लखनऊ के आसपास जिलों के साथ ही प्रियंका गांधी पूर्वांचल के कई जिलों की भी मॉनिटरिंग करेंगी. यहीं से वे कई जिलों के दौरे पर भी जाएंगी.

लखनऊः प्रियंका गांधी लगातार उत्तर प्रदेश की सड़कें छानेंगी और जनता को कांग्रेस से जोड़ेंगी. इस समय सहारनपुर, मेरठ, मथुरा, प्रयागराज में प्रियंका ने डेरा डाला हुआ है. इसके बाद सीधा दौरा उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का होगा. लखनऊ मुख्यालय को प्रियंका के दौरे का सेंटर प्वाइंट बनाया जाएगा. यहीं से वे पूर्वांचल के तमाम जिलों के दौरे करेंगी. जनता को कांग्रेस पार्टी की तरफ आकर्षित करने के लिए प्रियंका नए-नए जतन भी कर रही हैं. इनमें हिन्दू-मुस्लिम वोटर्स को लुभाने के लिए मंदिर, दरगाह पर भी जा रही हैं. किसान महापंचायत में शामिल हो रही हैं तो गंगा स्नान भी कर रही हैं.

यूपी कांग्रेस कमेटी.

तो प्रियंका को आने में हुई देरी

कांग्रेसी जब प्रियंका गांधी को सक्रिय राजनीति में उतारने की बार-बार मांग कर रहे थे तो कांग्रेस हाईकमान ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया. 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले पहली बार जब सक्रिय राजनीति में प्रियंका गांधी ने कदम रखा तो उन्हें राष्ट्रीय महासचिव समेत पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभार सौंपा गया, लेकिन जिस उम्मीद के साथ प्रियंका को सक्रिय राजनीति में उतारा गया. चुनाव परिणाम आते ही वह सारी उम्मीद धूमिल हो गईं. कांग्रेसी मानने लगे कि जब गोल्डन अपॉर्चुनिटी थी, तब प्रियंका को मैदान में नहीं उतारा गया. मैदान में देरी से उतारने के चलते ही कांग्रेस आशानुरूप परिणाम लाने में सफल नहीं हो पाई. अब 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले प्रियंका गांधी फिर से पूरी तरह सक्रिय हो गई हैं. किसान महापंचायत को संबोधित कर, किसानों के बीच जाकर प्रियंका कांग्रेस पार्टी को ही किसानों का सबसे बड़ा हितैषी मनवाने में जुटी हैं.

कांग्रेसियों की उम्मीद प्रियंका

उत्तर प्रदेश में उम्भा हो या हाथरस, आजमगढ़ हो सहारनपुर, प्रियंका लगातार हर वर्ग को कांग्रेस के साथ लाने की जद्दोजहद में जुटी हैं. भले ही प्रियंका को मेहनत का नतीजा 2019 के लोकसभा चुनावों में न मिल पाया हो, लेकिन पिछले उपचुनावों में कांग्रेस के मत प्रतिशत में इजाफा जरूर हुआ है. पिछले साल विधानसभा के जो उपचुनाव हुए थे उनमें कांग्रेस पार्टी ने समाजवादी पार्टी को कई सीटों पर पटखनी दे डाली थी. हालांकि यहां पर भी कांग्रेस पार्टी अपनी हार का सूखा खत्म नहीं कर पाई, लेकिन मत प्रतिशत बढ़ने से ही कांग्रेसियों में एक उम्मीद जरूर जगी है. इसी भरोसे 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस करिश्माई प्रदर्शन की उम्मीद जता रहे हैं.

हिंदुत्व कार्ड खेलने में जुटी प्रियंका

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी को भी शायद अब ये समझ आ गया है कि उत्तर प्रदेश में अगर राजनीति चमकानी है तो हिंदुत्व एजेंडा ही काम आ सकता है. यही वजह है कि हाथों में रुद्राक्ष का माला लपेट और गंगा स्नान करने के साथ ही मंदिरों में पूजा-पाठ और संतों का आशीर्वाद लेने भी प्रियंका गांधी पहुंच रही हैं. हालांकि इस बीच अपने परंपरागत मुस्लिम वोटरों से भी दूरी नहीं दर्शना चाहती. इसलिए दरगाह पर भी माथा टेकने पहुंचती हैं. प्रियंका का प्रयाग में गंगा स्नान करना भी राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है. राजनीतिक पंडितों की मानें तो अगर कांग्रेस को फिर से सत्ता में वापस लौटना है तो हिंदुत्व एजेंडे की राजनीति पर ही आगे बढ़ना होगा. इसके पीछे वे तर्क भी देते हैं कि मुस्लिम वर्ग कई पार्टियों में विभाजित है. कांग्रेस से वह काफी दूर छिटक चुका है, जिसे मनाने में कांग्रेस को समय लगेगा. शायद यही वजह है कि प्रियंका हिंदुत्व झंडे पर तेजी से काम करने लगी हैं.

भगवा गेटअप आया था सामने

पिछले साल ही पहली बार कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी का भगवा गेटअप सामने आया था. माथे पर तिलक लगाए और भगवा रंग की साड़ी पहने प्रियंका का यह गेटअप देख कांग्रेसी ही आश्चर्यचकित रह गए. लोगों में उनका यह भगवा गेटअप काफी चर्चा का विषय बना.

अब लखनऊ की बारी

उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में भ्रमण कर रही प्रियंका गांधी का अगला टारगेट उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 25 जनवरी से पहले कम से कम तीन दिन का कार्यक्रम लगाने की तैयारी हो रही है. लखनऊ के आसपास जिलों के साथ ही प्रियंका गांधी पूर्वांचल के कई जिलों की भी मॉनिटरिंग करेंगी. यहीं से वे कई जिलों के दौरे पर भी जाएंगी.

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