लखनऊ: 2019 लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को पूर्वी यूपी प्रभारी और ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभार सौंपा गया था. पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी पद से ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे के बाद अब यूपी की पूरी राजनीति प्रियंका गांधी के कंधों पर होगी. वहीं प्रियंका गांधी को लेकर इस तरह की चर्चाएं तेज हो गईं हैं. हालांकि सिंधिया के इस्तीफा देने के बाद से ही पूरे यूपी की राजनीति में प्रियंका गांधी सक्रिय हैं, लेकिन लिखित तौर पर वह अभी भी पूर्वी उत्तर प्रदेश की ही प्रभारी हैं. वहीं अब लिखित तौर पर भी प्रदेश भर का प्रभार उन्हें दिया जा सकता है.
इस बार पिछली कांग्रेस कमेटी से 10 गुना छोटी नई प्रदेश कांग्रेस कमेटी गठित की जाएगी. नई प्रदेश कांग्रेस कमेटी की औसत आयु 38 से 40 साल रखी जानी है. ऐसा भी बताया जा रहा है कि सभी वर्गों को प्रदेश कार्यकारिणी में प्रभार सौंपा जाएगा. हर जनपद में एक जिला उपाध्यक्ष महिला तैनात की जाएगी. यह सब प्रियंका गांधी के ही नेतृत्व में किया जाएगा. प्रियंका ने नई प्रदेश कार्यकारिणी गठित करने के लिए नेताओं को कई बार दिल्ली बुलाकर मीटिंग भी की है. सिर्फ इतना ही नहीं सभी 75 जिलों में नए जिलाध्यक्ष की तैनाती को लेकर तमाम पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का साक्षात्कार भी इस बार प्रियंका गांधी ने दिल्ली में लिया है. कांग्रेस के विश्वास सूत्रों की माने तो जन संगठनों विभागों और प्रकोष्ठों में भी इस बार बड़े स्तर पर बदलाव होंगे. प्रियंका के साथ ही एआईसीसी के सचिव लगातार जिलों का दौरा कर रहे हैं. ऐसे में जल्द ही अब जिला कार्यकारिणी और प्रदेश कार्यकारिणी का गठन हो जाएग. प्रियंका की एक्टिव पॉलिटिक्स से कांग्रेसियों में ये भी चर्चा है कि जिला अध्यक्ष के साथ यूपी के प्रदेश अध्यक्ष की भी कमान किसी को भी मिल जाए, लेकिन राज प्रियंका गांधी का ही होगा.
इस बार भारतीय जनता पार्टी की तरह ही यूपी कांग्रेस ने भी सदस्यता अभियान का लक्ष्य एक करोड़ निर्धारित किया है. इसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नई कार्यकारिणी गठित कर प्रियंका गांधी समेत सभी बूथ, जिला और प्रदेश स्तर के पदाधिकारी और कार्यकर्ता सदस्यता अभियान में जुटेंगे.