लखनऊः राजधानी में कोरोना संक्रमण से लगातार हालात खराब होते जा रहे हैं. लेकिन लखनऊ के कुछ निजी स्कूल सबक लेने के लिए तैयार नहीं है. इन स्कूलों में इस समय सीबीएसई की प्रैक्टिकल परीक्षाएं कराई जा रही है. अभिभावकों ने आरोप लगाया कि बच्चों को स्कूल आने के लिए मजबूर किया जा रहा है. जबकि प्रदेश सरकार ने 15 मई तक सभी स्कूल और कॉलेज पूरी तरह से बंद करने के स्पष्ट आदेश जारी किए हैं. अभिभावकों की शिकायत के आधार पर तीनों स्कूल के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है.
प्रैक्टिकल के लिए बच्चों को बुलाया जा रहा स्कूल
बता दें कि राजधानी के राजाजीपुरम स्थित रेड रोज सीनियर सेकेंडरी स्कूल में शुक्रवार को प्रैक्टिकल परीक्षाएं कराई गई. आरोप यह है प्रैक्टिकल में शामिल न होने वाले छात्रों को खराब अंक दिए जाने तक की धमकी दी गई. वहीं, इस मामले में स्कूल प्रशासन ने कुछ बोलने से इंकार कर दिया है. इसी तरह दिल्ली पब्लिक स्कूल इंदिरा नगर की ओर से आगामी 19 मई को प्रैक्टिकल परीक्षाएं प्रस्तावित है. अभिभावकों का कहना है कि स्कूल में कई टीचर और छात्र पहले ही संक्रमित हो चुके हैं. इसके बावजूद बच्चों के जीवन को खतरे में डाला जा रहा है. स्कूल के समन्वयक शिव का कहना है कि प्रदेश सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के आधार पर ही बच्चों को बुलाया जा रहा है.
स्कूल आने के लिए बनाया जा रहा दबाव
गोमती नगर के लोयला इंटरनेशनल स्कूल प्रशासन की ओर से भी बच्चों को प्रैक्टिकल परीक्षाओं के नाम पर स्कूल में बुलाने की शिकायतें सामने आ रही हैं. अभिभावकों का आरोप है कि बच्चों पर स्कूल आने के लिए दबाव बनाया जा रहा.
डीआईओएस ने शुरू की जांच
अभिभावकों की शिकायत के आधार पर तीनों स्कूल के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है. जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. मुकेश कुमार सिंह का कहना है कि संक्रमण को देखते हुए बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्राथमिकता है. इन हालातों में दोषी पाए जाने की स्थिति में स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.
यह भी पढ़ें-निजी स्कूलों की लापरवाही पड़ रही अभिभावकों पर भारी
15 मई तक सभी स्कूल बंद
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से एक दिन पहले ही राजधानी समेत प्रदेश के सभी स्कूल कॉलेजों को 15 मई तक बंद किए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं. उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने निर्देश जारी किया है कि इस दौरान कक्षाएं ऑनलाइन संचालित की जा सकती है. शिक्षकों और कर्मचारियों को शासन की ओर से जारी दिशानिर्देशों के हिसाब से ही बुलाया जा सकता है. उधर, सीबीएसई की ओर से पहले ही दसवीं की परीक्षाएं रद करने और 12वीं की परीक्षा स्थगित करने के आदेश जारी किए जा चुके हैं.