ETV Bharat / state

Education Department : प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने कहा, अभिभावकों को दी गई रियायत

अनएडेड स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने कहा कि एसोसिएशन की ओर से कोविड (Education Department) के बीते दो वर्षों में अभिभावकों को कई तरह की रियायत फीस में दी गई है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Mar 7, 2023, 5:46 PM IST

जानकारी देते अनएडेड स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल

लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार आदेश कर कहा है कि सभी स्ववित्तपोषित विद्यालय कोर्ट के आदेश के अनुपालन करते हुए 15% फीस वापसी करें. उन्होंने आदेश में कहा है कि अगर इसके बाद भी कोई स्कूल फीस वापसी करने में आनाकानी करता है तो अभिभावकों को इसके खिलाफ मंडलीय स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष अपील करना होगा. प्राधिकरण इन्हीं अपील पर फीस वापसी का निर्णय लेगा.

इस पूरे मामले पर अनएडेड स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल का कहना है कि 'एसोसिएशन की ओर से कोविड के बीते दो वर्षों में अभिभावकों को कई तरह की रियायत फीस में दी गई है. अगर रियायत नहीं दी गई होती तो अब तक लखनऊ व प्रदेश के दूसरे जिलों से अभिभावक जरूर आवाज उठाते.'


अनएडेड स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया कि 'मार्च 2020 में जैसे ही कोविड-19 को लेकर लॉकडाउन हुआ था. सरकार ने इसके तुरंत बाद अप्रैल मंथ में फीस वापस लेने का आदेश जारी किया था. स्कूल एसोसिएशन ने उस साल 9.5 प्रतिशत फीस में बढ़ोतरी की थी. शासन के आदेश के बाद उसे वापस ले लिया गया और अगले 2 साल तक किसी तरह की फीस में कोई बढ़ोतरी स्कूलों की तरफ से नहीं की गई. तीन वर्षों के बाद इस साल स्कूल फीस में बढ़ोतरी कर रहा है. यहां तक कि जून 2020 में जब अभिभावकों के तरफ से फीस नहीं आ रही थी तो स्कूलों ने उन्हें राहत प्रदान करते हुए यह फीस किस्तों में देने की सुविधा तक प्रदान की थी. इसके अलावा कोविड-19 में स्कूलों की ओर से एडमिशन फीस, ट्रांसपोर्टेशन फीस सहित कई मदों में किए जाने वाली फीस को नहीं लिया था. साथ ही कोविड-19 में जिन विद्यार्थियों के अभिभावक खत्म हो गए थे, उनको भी 20% से लेकर 100% तक की फीस में राहत देने के साथ किताबें और यूनिफार्म तक मुहैया कराई गई हैं. अभिभावकों को राहत नहीं मिली होती तो वह जरूर अब तक सामने आ गए होते.ट


अनिल अग्रवाल ने कहा कि 'प्राइवेट स्कूलों ने अगर फीस में राहत नहीं प्रदान की होती तो आदेश के बाद अब तक अभिभावक सामने आ गए होते. उन्होंने कहा कि एसोसिएशन अब भी आदेश मानने के लिए बाध्य है. अगर किसी अभिभावक को लगता है कि राहत नहीं दिया गया है तो वह साक्ष्यों के साथ प्राधिकरण के सामने आएं. एसोसिएशन उसका समाधान जरूर करेगा. राजधानी के सभी छोटे से लेकर बड़े स्कूलों ने एक एक बच्चे को कोरोना काल में राहत दी है.'

यह भी पढ़ें : Traffic Department : चालान न जमा किया हो तो कर दें नहीं तो गाड़ी हो जायेगी सीज

जानकारी देते अनएडेड स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल

लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार आदेश कर कहा है कि सभी स्ववित्तपोषित विद्यालय कोर्ट के आदेश के अनुपालन करते हुए 15% फीस वापसी करें. उन्होंने आदेश में कहा है कि अगर इसके बाद भी कोई स्कूल फीस वापसी करने में आनाकानी करता है तो अभिभावकों को इसके खिलाफ मंडलीय स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष अपील करना होगा. प्राधिकरण इन्हीं अपील पर फीस वापसी का निर्णय लेगा.

इस पूरे मामले पर अनएडेड स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल का कहना है कि 'एसोसिएशन की ओर से कोविड के बीते दो वर्षों में अभिभावकों को कई तरह की रियायत फीस में दी गई है. अगर रियायत नहीं दी गई होती तो अब तक लखनऊ व प्रदेश के दूसरे जिलों से अभिभावक जरूर आवाज उठाते.'


अनएडेड स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया कि 'मार्च 2020 में जैसे ही कोविड-19 को लेकर लॉकडाउन हुआ था. सरकार ने इसके तुरंत बाद अप्रैल मंथ में फीस वापस लेने का आदेश जारी किया था. स्कूल एसोसिएशन ने उस साल 9.5 प्रतिशत फीस में बढ़ोतरी की थी. शासन के आदेश के बाद उसे वापस ले लिया गया और अगले 2 साल तक किसी तरह की फीस में कोई बढ़ोतरी स्कूलों की तरफ से नहीं की गई. तीन वर्षों के बाद इस साल स्कूल फीस में बढ़ोतरी कर रहा है. यहां तक कि जून 2020 में जब अभिभावकों के तरफ से फीस नहीं आ रही थी तो स्कूलों ने उन्हें राहत प्रदान करते हुए यह फीस किस्तों में देने की सुविधा तक प्रदान की थी. इसके अलावा कोविड-19 में स्कूलों की ओर से एडमिशन फीस, ट्रांसपोर्टेशन फीस सहित कई मदों में किए जाने वाली फीस को नहीं लिया था. साथ ही कोविड-19 में जिन विद्यार्थियों के अभिभावक खत्म हो गए थे, उनको भी 20% से लेकर 100% तक की फीस में राहत देने के साथ किताबें और यूनिफार्म तक मुहैया कराई गई हैं. अभिभावकों को राहत नहीं मिली होती तो वह जरूर अब तक सामने आ गए होते.ट


अनिल अग्रवाल ने कहा कि 'प्राइवेट स्कूलों ने अगर फीस में राहत नहीं प्रदान की होती तो आदेश के बाद अब तक अभिभावक सामने आ गए होते. उन्होंने कहा कि एसोसिएशन अब भी आदेश मानने के लिए बाध्य है. अगर किसी अभिभावक को लगता है कि राहत नहीं दिया गया है तो वह साक्ष्यों के साथ प्राधिकरण के सामने आएं. एसोसिएशन उसका समाधान जरूर करेगा. राजधानी के सभी छोटे से लेकर बड़े स्कूलों ने एक एक बच्चे को कोरोना काल में राहत दी है.'

यह भी पढ़ें : Traffic Department : चालान न जमा किया हो तो कर दें नहीं तो गाड़ी हो जायेगी सीज

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.