लखनऊ: राजधानी के सिविल अस्पताल में ऑपरेशन करने वाले प्राइवेट क्लीनिक के डॉक्टर के खिलाफ अस्पताल प्रशासन ने जांच बैठा दी है. अस्पताल के अफसरों ने मंगलवार को कुछ डॉक्टरों और स्टाफ से इस मामले को लेकर पूछताछ भी की है. वहीं अफसरों का कहना है कि जांच में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी. साथ ही भविष्य में ऐसा न हो इसके लिए भी योजना बनाई जाएगी.
ये है पूरा मामला
हजरतगंज स्तिथ डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी यानी सिविल अस्पताल में सोमवार को झारखंड के पलामू जिला निवासी राम चंद्र का हिप रिप्लेसमेंट का ऑपरेशन हुआ था. ऑपरेशन करने वाला डॉक्टर अस्पताल का न होकर अस्पताल के सामने बनी एक निजी क्लीनिक का डॉक्टर था. मामले की जानकारी जब अस्पताल प्रशासन को हुई तो हड़कंप मच गया. आनन-फानन में आला अधिकारीयों ने जांच के आदेश देने के साथ ही जांच कमेटी भी बैठा दी थी.
वहीं सूत्रों का कहना है कि आरोपित डॉक्टर अनुभव अग्रवाल पहले सिविल अस्पताल में ही ऑर्थो विभाग में सीनियर रेजिडेंट था. कोरोना काल के दौरान सभी डॉक्टर की बारी-बारी कोविड में ड्यूटी लगाई जा रही थी. डॉ अनुभव की भी लोकबंधु कोविड अस्पताल में ड्यूटी लगाई थी, जिसको करने से मना कर दिया था. इसके तत्कालीन निदेशक ने इसकी शिकायत विभाग के बड़े अधिकारियो से की थी. जिसके बाद डॉ अनुभव ने अस्पताल से इस्तीफा दे दिया था.
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सिविल अस्पताल के निदेशक डॉ सुभाष ने बताया कि, ऑपरेशन थियटर में तैनात सभी डॉक्टर और सटाफ से पूछताछ की जा रही हैं. दो दिन में जांच रिपोर्ट तैयार कर ली जाएगी. जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी.