अंबाला: कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते समूचे देश मे अलग-अलग राज्यों द्वारा सख्त नियम लागू किए जा रहे हैं. वहीं दिल्ली में लॉकडाउन लगने के बाद हरियाणा में काम करने आए प्रवासी मजदूरों को डर लगने लगा है की कहीं हरियाणा सरकार भी लॉकडाउन न लगा दें जिसी वजह से उन्होंने पलायन करना शुरू कर दिया है.
इसी कड़ी में यूपी और बिहार के प्रवासी मजदूरों का जमावड़ा अंबाला कैंट बस स्टैंड पर देखने को मिल रहा है, तो वहीं हरियाणा सरकार द्वारा 50 प्रतिशत बसें भरकर चलने के आदेशों के बाद से प्रवासी मजदूरों की परेशानियां बढ़ गयी है. तो वहीं सरकार द्वारा उठाये गए इस कदम का फायदा प्राइवेट बस चालक उठा रहे हैं जिस वजह से प्रवासी मजदूरों की परेशानिया लगातार बढ़ती जा रही है.
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ईटीवी भारत के साथ बातचीत में प्रवासी मजदूरों ने बताया कि लॉकडाउन लगने के डर से वो अपने घरों की तरफ जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते बसों में 50% यात्री ही सफर कर सकेंगे जिसके बाद से प्राइवेट बस चालक मनमाना किराया वसूल कर रहें हैं.
उन्होंने बताया कि अंबाला कैंट से लखनऊ के लिए सरकारी बस का किराया 870 रुपये है तो वहीं प्राइवेट बस चालक इतनी ही दूरी का सफर तय करने के लिए दो हजार से से ढाई हजार रुपये किराया वसूल कर रहे हैं.
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तो वहीं इस बात को लेकर जब ईटीवी भारत ने अंबाला कैंट बस स्टैंड के कार्यवाहक बस अड्डा इंचार्ज एवं ताऊ निर्मल सिंह से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि यदि प्रवासी मजदूरों की तादात बढ़ जाती है तो हम अतिरिक्त बसे यूपी के लिए चलाएंगे. उन्होंने बताया कि प्राइवेट बस चालकों पर नकेल कसने के लिए जिला प्रशासन या फिर आरटीओ अधिकारी को सख्ती बरतनी पड़ेगी.