लखनऊः जेल में बंद कैदी शब्द सुनते ही अक्सर लोगों के मन में खूंखार अपराधी की तस्वीर बनती है लेकिन कहते हैं ना हर सिक्के के दो पहलू होते हैं. इस मामले का दूसरा पहलू ये है कि वो सिर्फ कैदी ही नहीं, अच्छे किसान, एक अच्छे कामगार और एक अच्छे लघु उद्यमी भी हैं. जेलों में जहां कैदी छोटे-छोटे उद्योग धंधे लगाते हैं, वहीं वे कृषि उत्पादन में भी पीछे नहीं हैं. राज्य के विभिन्न कारागारों में 1051.58 एकड़ भूमि उपलब्ध है. इनमें कृषि के साथ पौधरोपण भी कराया गया है. इस पर कैदियों द्वारा खरीद, रबी और जायद फसलों के साथ हरी सब्जियों की पैदावार की जाती है. यदि कारागार विभाग के आंकड़ों पर ध्यान दें तो कैदियों ने 1051.58 एकड़ भूमि पर 1013.28 लाख रुपये की लागत की 79067.79 क्विंटल धान, आलू, सब्जी, प्याज, लहसुन और चारा का उत्पादन किया है.
फसल का नाम | क्षेत्रफल (एकड़ में) | उत्पादन | मूल्य (लाख में) |
धान | 8.52 | 128.31 | 2.70 |
आलू | 305.26 | 23754.19 | 330.0 |
हरी सब्जी | 693.79 | 51220.44 | 642.15 |
अन्य सब्जी | 21.60 | 1546.00 | 25.96 |
प्याज | 12.51 | 407.83 | 7.63 |
लहसुन | 0.37 | 7.65 | 0.22 |
चारा | 9.53 | 2003.37 | 4.52 |
कुल | 1051.58 | 79067.79 | 1013.28 |
कैदी सिर्फ खेती ही नहीं कर रहे तमाम लघु उद्योग भी चला रहे हैं. उत्तर प्रदेश के आगरा में साबुन, फिनायल, दरी, सिलाई उद्योग, केंद्रीय कारागार नैनी में कंबल, सिलाई, दरी, चादर एवं गमछा उद्योग, कपड़ा डिटर्जेंट, संगम बॉथ सोप उद्योग, फिनायल, फर्नीचर एवं काष्ठ कला उद्योग चलाया जा रहा है. इसी तरह केंद्रीय कारागार बरेली में कंबल, वस्त्र, सिलाई, काष्ठ कला उद्योग, केंद्रीय कारागार और वाराणसी में दरी, वस्त्र, सिलाई, स्टील, काष्ट व लौह उद्योग चल रहा है. इसके अलावा केंद्रीय कारागार फतेहगढ़ में सिलाई, दरी, प्रकीर्ण, रंगाई व छपाई उद्योग, लखनऊ आदर्श कारागार में पावरलूम, हस्त निर्मित, कागज प्रिंटिंग प्रेस एवं सिलाई उद्योग चलाया जा रहा है. जिला कारागार उन्नाव में सिलाई व दरी उद्योग, जिला कारागार सीतापुर में दरी उद्योग एवं जिला कारागार गोरखपुर में सिलाई उद्योग स्थापित हैं. जेलों में स्थापित उद्योगों के संचालन का मुख्य उद्देश कारागार में निरुद्ध बंदियों की आवश्यकता सामग्री के उत्पादन के साथ-साथ बंदियों को व्यवसायिक प्रशिक्षण प्रदान करना है, जिससे वे कारागार से रिहाई के उपरांत स्वावलंबी बनकर अर्जित अनुभवों व कुशलता से जीवन यापन कर सकें.
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औद्योगिक उत्पादन का 3 वर्षों का तुलनात्मक विवरण
कारागार | औद्योगिक उत्पादन मूल्य (रुपया लाख में) | ||
2017-18 | 2018-19 | 2019-2020 | |
केंद्रीय कारागार आगरा | 84.11 | 81.38 | 99.40 |
केंद्रीय कारागार नैनी | 144.02 | 94.61 | 110.65 |
केंद्रीय कारागार बरेली | 51.16 | 53.41 | 39.87 |
केंद्रीय कारागार वाराणसी | 42.23 | 35.56 | 23.61 |
केंद्रीय कारागार फतेहगढ़ | 19.04 | 15.64 | 18.88 |
आदर्श कारागार लखनऊ | 141.25 | 148.89 | 161.85 |
जिला कारागार उन्नाव | 15.41 | 10.53 | 09.45 |
जिला कारागार गोरखपुर | 04.05 | 10.58 | 7.34 |
जिला कारागार सीतापुर | 03.37 | 04.20 | 06.20 |
योग | 504.64 | 454.80 | 477.25 |
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