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प्रदेश में कई क्षेत्रों में डेढ़ करोड़ रोजगार देने की तैयारी, सरकार ने बनाई ये योजना

यूपी की योगी सरकार वन ट्रिलियन इकोनॉमी तक ले जाने के लिए प्रयास कर रही है. इसके लिए औद्योगिक विकास विभाग सहित कई विभागों में बड़ी तैयारी की गई है.

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Published : May 9, 2023, 3:23 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश में वन ट्रिलियन इकोनॉमी तक ले जाने को लेकर कई स्तर पर तैयारी कर रही है. एक तरफ जहां प्रदेश में निवेश बड़ी संख्या में लाया जा रहा है तो रोजगार के साधन मुहैया कराया जा रहा है. उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास विभाग सहित कई विभागों के स्तर पर वन ट्रिलियन इकोनॉमी को आगे ले जाने के लिए बड़ी तैयारी की गई है. वस्त्रोद्योग, खाद्य प्रसंस्करण सहित कई क्षेत्रों में निवेश बढ़ाकर करीब डेढ़ करोड़ से ज्यादा रोजगार दिए जाएंगे. कई विभागों में नए पद सृजित करते हुए रोजगार दिए जाने की तैयारी की गई है, इसको लेकर सरकार के स्तर पर पूरी रूपरेखा बनाई गई है.


दरअसल, सरकार निवेश को यूपी में बड़े पैमाने पर उतारने के लिए काम कर रही है. अभी पिछले दिनों सरकार ने तय किया है कि यूपी में मेगा टेक्सटाइल पार्क बनाने का रास्ता साफ किया है. इससे प्रदेश में बड़े रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे. राजधानी लखनऊ में 1200 करोड़ की लागत से एक हजार एकड़ में बनने जा रहे मेगा टेक्सटाइल पार्क स्थापित करने का रास्ता साफ हो गया है. इसके जरिए वस्त्रोद्योग से जुड़े सारे कार्य व सुविधाएं एक ही परिसर में उपलब्ध रहेंगी. इसके साथ ही प्रदेश के कारीगर, बुनकर, हस्तशिल्पियों के लिए ये टेक्सटाइल पार्क के माध्यम से 10 हजार करोड़ के निवेश की उम्मीद है. इससे काफी संख्या में रोजगार मुहैया कराए जाएंगे.

ग्राफिक्स
ग्राफिक्स

मेगा टेक्सटाइल पार्क को धरातल पर उतारने के लिए योगी सरकार ने एक स्पेशल पर्पस व्हीकल (एसपीवी) का गठन करने का भी फैसला किया है. इसके लिए 10 करोड़ (पेड अप कैपिटल) की व्यवस्था करने के निर्देश सीएम ने दिए हैं. हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग टेक्सटाइल पार्क के लिए जमीन उपलब्ध कराने का काम करेगा. प्रदेश में करीब 8 सेक्टर में डेढ़ करोड़ रोजगार सृजन करने के उद्देश्य से योगी सरकार करीब 700 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना पर काम शुरू कर रही है. इसके लिए उप्र टेक्सटाइल एण्ड गारमेंटिंग पॉलिसी-2022 लाई गई है. साथ ही वस्त्र क्षेत्र के निवेशकों एवं नया स्वरोजगार शुरू करने वाले युवाओं को वित्तीय सुविधाओं देने के लिए 150 करोड़ रुपए के बजट को भी व्यवस्था की गई है. खास बात यह है कि इसके साथ ही गारमेन्टिंग नीति के अन्तर्गत भी करीब 175 करोड़ रुपये की व्यवस्था इंडस्ट्री डिपार्टमेंट ने की है. इस योजना के माध्यम से प्रदेश के पावरलूम बुनकरों को रियायती दरों पर बिजली उपलब्ध कराई जाएगी. उल्लेखनीय है कि सरकार की इस योजना के अंतर्गत टेक्सटाइल सेक्टर में एक हजार से ज्यादा निवेश प्रस्ताव अब तक मिले हुए हैं. विभागीय अधिकारियों के अनुसार, टेक्सटाइल सेक्टर में करीब 53 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं. इन्हीं सब के माध्यम से प्रदेश में कुल डेढ़ करोड़ से ज्यादा के रोजगार उपलब्ध कराये जाएंगे.


प्रदेश के एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने कहा कि 'प्रदेश में टेक्सटाइल क्षेत्र के माध्यम से बड़े रोजगार के अवसर देने की योजना बनाई गई है. वस्त्रोद्योग सहित इंडस्ट्री और अन्य विभागों में निवेश बढ़ाकर रोजगार दिए जाएंगे. इसको लेकर हर स्तर पर तैयारी की जा रही है. प्रदेश की वन ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल करने के इस तरह की योजनाओं पर काम चल रहा है.'

यह भी पढ़ें : बीएसपी सुप्रीमो की जनता से अपील, बहुजन समाज पार्टी के पक्ष में करें मतदान

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश में वन ट्रिलियन इकोनॉमी तक ले जाने को लेकर कई स्तर पर तैयारी कर रही है. एक तरफ जहां प्रदेश में निवेश बड़ी संख्या में लाया जा रहा है तो रोजगार के साधन मुहैया कराया जा रहा है. उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास विभाग सहित कई विभागों के स्तर पर वन ट्रिलियन इकोनॉमी को आगे ले जाने के लिए बड़ी तैयारी की गई है. वस्त्रोद्योग, खाद्य प्रसंस्करण सहित कई क्षेत्रों में निवेश बढ़ाकर करीब डेढ़ करोड़ से ज्यादा रोजगार दिए जाएंगे. कई विभागों में नए पद सृजित करते हुए रोजगार दिए जाने की तैयारी की गई है, इसको लेकर सरकार के स्तर पर पूरी रूपरेखा बनाई गई है.


दरअसल, सरकार निवेश को यूपी में बड़े पैमाने पर उतारने के लिए काम कर रही है. अभी पिछले दिनों सरकार ने तय किया है कि यूपी में मेगा टेक्सटाइल पार्क बनाने का रास्ता साफ किया है. इससे प्रदेश में बड़े रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे. राजधानी लखनऊ में 1200 करोड़ की लागत से एक हजार एकड़ में बनने जा रहे मेगा टेक्सटाइल पार्क स्थापित करने का रास्ता साफ हो गया है. इसके जरिए वस्त्रोद्योग से जुड़े सारे कार्य व सुविधाएं एक ही परिसर में उपलब्ध रहेंगी. इसके साथ ही प्रदेश के कारीगर, बुनकर, हस्तशिल्पियों के लिए ये टेक्सटाइल पार्क के माध्यम से 10 हजार करोड़ के निवेश की उम्मीद है. इससे काफी संख्या में रोजगार मुहैया कराए जाएंगे.

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मेगा टेक्सटाइल पार्क को धरातल पर उतारने के लिए योगी सरकार ने एक स्पेशल पर्पस व्हीकल (एसपीवी) का गठन करने का भी फैसला किया है. इसके लिए 10 करोड़ (पेड अप कैपिटल) की व्यवस्था करने के निर्देश सीएम ने दिए हैं. हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग टेक्सटाइल पार्क के लिए जमीन उपलब्ध कराने का काम करेगा. प्रदेश में करीब 8 सेक्टर में डेढ़ करोड़ रोजगार सृजन करने के उद्देश्य से योगी सरकार करीब 700 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना पर काम शुरू कर रही है. इसके लिए उप्र टेक्सटाइल एण्ड गारमेंटिंग पॉलिसी-2022 लाई गई है. साथ ही वस्त्र क्षेत्र के निवेशकों एवं नया स्वरोजगार शुरू करने वाले युवाओं को वित्तीय सुविधाओं देने के लिए 150 करोड़ रुपए के बजट को भी व्यवस्था की गई है. खास बात यह है कि इसके साथ ही गारमेन्टिंग नीति के अन्तर्गत भी करीब 175 करोड़ रुपये की व्यवस्था इंडस्ट्री डिपार्टमेंट ने की है. इस योजना के माध्यम से प्रदेश के पावरलूम बुनकरों को रियायती दरों पर बिजली उपलब्ध कराई जाएगी. उल्लेखनीय है कि सरकार की इस योजना के अंतर्गत टेक्सटाइल सेक्टर में एक हजार से ज्यादा निवेश प्रस्ताव अब तक मिले हुए हैं. विभागीय अधिकारियों के अनुसार, टेक्सटाइल सेक्टर में करीब 53 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं. इन्हीं सब के माध्यम से प्रदेश में कुल डेढ़ करोड़ से ज्यादा के रोजगार उपलब्ध कराये जाएंगे.


प्रदेश के एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने कहा कि 'प्रदेश में टेक्सटाइल क्षेत्र के माध्यम से बड़े रोजगार के अवसर देने की योजना बनाई गई है. वस्त्रोद्योग सहित इंडस्ट्री और अन्य विभागों में निवेश बढ़ाकर रोजगार दिए जाएंगे. इसको लेकर हर स्तर पर तैयारी की जा रही है. प्रदेश की वन ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल करने के इस तरह की योजनाओं पर काम चल रहा है.'

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