लखनऊः स्मार्ट मीटर की क्वालिटी कैसी है. स्मार्ट मीटर लगने के फायदे हैं या नुकसान. मीटर तेजी से तो नहीं भाग रहा है. क्या आप पूरी तरह से स्मार्ट मीटर से संतुष्ट हैं. स्मार्ट मीटर के उपभोक्ताओं के पास इस तरह के सवालों के आने का सिलसिला अभी भी जारी है. फीडबैक लेने की अवधि बीत जाने के बाद भी फोन आना बंद नहीं हुआ है. स्मार्ट मीटर से करीब 60 फीसद लोग संतुष्ट नहीं हैं. ऐसा फीडबैक में सामने आ चुका है. बावजूद इसके बिजली विभाग स्मार्ट मीटर को क्लीन चिट देने की तैयारी में जुट गया है.
तकनीकी दिक्कतें अभी भी बरकरार
पिछले साल जन्माष्टमी के अवसर पर शाम को लखनऊ समेत प्रदेश भर के आधा दर्जन से अधिक जिलों के लाखों स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं की बिजली गुल हो गई थी. काफी जद्दोजहद के बाद देर रात तक बिजली आपूर्ति सामान्य हो सकी थी. हजारों उपभोक्ता ऐसे थे, जिनके यहां तीन से चार दिन बाद बिजली आ सकी. लखनऊ की बात करें, तो शायद ही कोई उपखंड हो, जहां स्मार्ट मीटर से जुड़ी समस्याएं न आ रही हों. सारी दिक्कतों को दरकिनार कर बिजली विभाग स्मार्ट मीटर को बेहतर बताकर क्लीन चिट देने पर विचार करने लगा है.
बिल मिलने में समस्याएं
50 फीसद नेट मीटर वाले उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगे हैं. इसके बाद भी उन्हें तय समय पर बिजली बिल नहीं मिल रहा है. इसके लिए जब वे उपकेंद्रों पर अधिकारियों के चक्कर काटते हैं, तब जाकर उन्हें अपना बिजली का बिल मिल पा रहा है. स्मार्ट मीटर में औपचारिकताएं निभाई जा रही हैं. लखनऊ में स्मार्ट मीटर का फीड बैक लेने का ग्राफ अभी तक 50 फीसद भी न हो पाया है.