लखनऊ: सीएम योगी ने जेई, एईएस समेत अन्य संचारी रोगों की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए पूरी तैयारी समय पर किए जाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के विरुद्ध लड़ाई जारी है. ऐसे में जेई, एईएस और अन्य संचारी व विषाणु जनित रोगों के संबंध में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए. प्रत्येक जिले में अन्तर्विभागीय समन्वय से युद्धस्तर पर अभियान को आगे बढ़ाया जाए.
1 से 31 जुलाई तक चलेगा विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान
सीएम योगी शनिवार को अपने सरकारी आवास पर विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान की समीक्षा बैठक की. ज्ञातव्य है कि विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान प्रदेश में 1 से 31 जुलाई तक संचालित किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने जेई, एईएस से प्रभावित सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि 1 जुलाई से पहले संचारी रोग नियंत्रण के संबंध में जिला स्तर पर बैठक कर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि सभी जिलों में पीकू व नीकू वाॅर्ड में बेड की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. साप्ताहिक बंदी के दौरान शनिवार और रविवार को स्वच्छता, सैनिटाइजेशन और फाॅगिंग का विशेष कार्यक्रम संचालित किया जाए. तालाबों में एण्टी लार्वा का छिड़काव और कूड़े का निस्तारण ठीक ढंग से किया जाए. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने गोरखपुर, कानपुर, बस्ती व बरेली मण्डल के अधिकारियों से वर्चुअल संवाद भी किया.
डोर टू डोर सर्वे करने और दवाएं वितरित करने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा एक प्रतिस्पर्धा शुरू की जाएगी. जिस जिले में कोरोना का एक भी सक्रिय मामला लगातार एक सप्ताह तक नहीं मिलता है. उस जिले को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से पुरस्कृत किया जाएगा. उन्होंने कहा कि निगरानी समितियां डोर-टू-डोर सर्वे करें और यदि कोई बच्चा बुखार से ग्रसित है, तो उसे मेडिसिन किट उपलब्ध कराएं. साथ ही, महिलाओं और कुपोषित बच्चों को पुष्टाहार उपलब्ध कराया जाए. उन्होंने कहा कि पोषण अभियान के सफल संचालन हेतु एनजीओ की भी सहायता ली जाए.
सीएम योगी ने कहा कि बेहतर ड्रेनेज व्यवस्था और शुद्ध पेयजल को देखते हुए प्रदेश में व्यापक स्तर पर कार्य किये जाने हैं. इसलिए आवश्यक है कि प्लम्बर, इलेक्ट्रिशियन, राजमिस्त्री आदि को आईटीआई के माध्यम से प्रशिक्षित करने का कार्य किया जाए.
विभाग समन्वय बनाकर करें काम
मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों से संचारी रोगों के नियंत्रण व रोकथाम के संबंध में किए जा रहे कार्यों की जानकारी प्राप्त की. साथ ही उन्होंने चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, नगर विकास, पंचायतीराज, आईसीडीएस, ग्राम्य विकास, चिकित्सा शिक्षा, शिक्षा, दिव्यांगजन सशक्तीकरण, कृषि, पशुपालन और सूचना विभाग को स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय बनाकर जेई व एईएस की रोकथाम व नियंत्रण की कार्रवाई में और तेजी लाए जाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि व्यापक जागरूकता का कार्यक्रम संचालित किया जाए. पोस्टर, हैण्डबिल, इलेक्ट्राॅनिक एवं प्रिण्ट मीडिया के माध्यम से विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाए.
विद्यार्थियों को भी किया जाए जागरूक
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से विद्यार्थियों को जेई व एईएस के संबंध में जागरूक करे. जेई व एईएस के कारण शारीरिक व मानसिक दिव्यांगता उत्पन्न होती है. इसके दृष्टिगत दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है. वह इसकी पूरी मॉनिटरिंग करे. उन्होंने कहा कि सूचना विभाग के स्तर पर टीवी सहित संचार के अन्य माध्यमों से संचारी रोग से बचाव के सम्बन्ध में व्यापक प्रचार-प्रसार की व्यवस्था की जाए.
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री डाॅ. दिनेश शर्मा, चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, नगर विकास मंत्री आशुतोष टण्डन, जल शक्ति मंत्री डाॅ महेन्द्र सिंह, दुग्ध विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, महिला कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाती सिंह समेत अन्य मंत्री व शासन के अधिकारी मौजूद रहे.
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