लखनऊ : बीते मंगलवार को स्केटिंग करने के दौरान राजधानी में एएसपी श्वेता श्रीवास्तव का 10 वर्षीय बेटा नामिश बेकाबू एक्सयूवी की चपेट में आ गया, जिससे उसकी मौत हो गई. यह हादसा कार सवार युवकों की लापरवाही से हुआ, लेकिन इस हादसे के बाद सभी माता-पिता को इस बात की चिंता सताने लगी है कि उनके बच्चे जो स्केटिंग, साइकलिंग और दौड़ लगाते हैं उनकी सुरक्षा के लिए वे क्या करें. ऐसे में आइए बताते हैं कि एथलीट्स एक्सपर्ट्स के मुताबिक आपको किन किन बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है.
स्केटिंग और साइकिलिंग के समय हेलमेट जरूरी |
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यदि आप सुबह तड़के या फिर रात को दौड़ लगाते हैं, तो भी आपको कई बातों का ध्यान रखना होता है. कोशिश करें कि हमेशा फुटपाथ पर ही दौड़ लगाएं. यदि आप सड़क पर दौड़ लगा रहे हैं तो अपने दाहिनी ओर ही से दौड़ लगाएं, ताकि सामने से आती गाड़ी को आप देख सकें. अंधेरे में दौड़ लगाते समय ध्यान दें कि कपड़े रिफ्लेक्शन वाले पहनें, जिससे पीछे या आगे से आ रही गाड़ी चालक को आप दूर से ही दिखाई पड़ जाए. कोशिश करें तो सुबह होने पर उजाला होने का इंतजार करें फिर दौड़ लगाएं.
बच्चे साइकिलिंग करते हैं तो यह ध्यान रहे |
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जिन मार्गों पर सीसीटीवी हों वहीं करें स्केटिंग, साइकिलिंग और दौड़ : हर माता पिता को यह देखना चाहिए कि उनका बेटा जो साइकलिंग या स्केटिंग करता हो या दौड़ लगाता हो तो उसे ऐसा स्थान चुनना चाहिए जहां सुरक्षा के लिहाज से सभी इंतजाम हों. यानि जिन स्थानों, सड़कों और पार्कों में सीसीटीवी कैमरे लगे हों, सुरक्षा गार्ड या पुलिस की मौजूदगी हो तो ऐसे स्थान पर किसी दुर्घटना होने पर समय से मदद मिल सकती है. इसके अलावा दुर्घटना करने वाले व्यक्ति का भी सुराग आसानी से मिल सकेगा. हालांकि मंगलवार को एएसपी का बेटा जिस जगह पर स्केटिंग कर रहा था, वहां एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं था. लिहाजा आरोपी गाड़ी चालक को ढूंढने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. स्पेशल डीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने भी कहा है कि बच्चों की सुरक्षा की एक बार फिर समीक्षा की जाएगी. जिन इलाकों में ऐसे बच्चे जो खेल कूद या एथलीट्स करते हैं वहां सुरक्षा के इंतजाम कराए जाएंगे.