लखनऊ : इस्लाम धर्म में दो ईद मनाई जाती हैं. एक रमजान महीने के बाद ईद उल फितर दूसरी जिल हिज्जा महीने में ईद उल अजहा. दोनों ही ईद की शुरुआत नमाज अदा करने से होती है. ईद उल अजहा (बकरीद) के दिन मुस्लिम समुदाय के लोग अल्लाह की राह में कुर्बानी करते हैं और उसके गोश्त को गरीब और जरूरतमंद लोगों को दान करते हैं.
मान्यता है कि सैकड़ों वर्षों पहले हजरत इब्राहीम को ख्वाब आया कि अल्लाह ने उनका इम्तिहान लेने के लिए उनके बेटे यानी हजरत इस्माइल की कुर्बानी मांगी है. इब्राहिम ने जब अपने बेटे से यह बताई तो वह फौरन ही राजी हो गए. जब हजरत इब्राहिम ने आंखे बंद कर अपने बेटे पर छुरी चलाई तो वहां पर अल्लाह ने उनके बेटे की जगह दुंबा भेज दिया. इसके बाद से मुस्लिम समुदाय में बकरे की कुर्बानी देने की परंपरा शुरू हो गई.
इस्लामिक महीने जिल हिज्जा की 10 तारीख को ईद उल अजहा का त्योहार मनाया जाता है. यह महीना मुसलमानों के लिए बेहद खास होता है. इसी महीने में पवित्र यात्रा हज भी होता है. इस्लाम धर्म में हर साहिबे हैसियत (जो कुरबानी कर सकता हो) को कुर्बानी करनी होती है. कुछ लोग एक जानवर और कुछ दर्जनों जानवरों की कुर्बानी करते हैं. इसके गोश्त के एक हिस्सों को अपने जरूरतमंद रिश्तेदारों दूसरे हिस्से को गरीब और भूखों को वह तीसरे हिस्से को अपने लिए रखते हैं. ईद उल अजहा में लोग एक दूसरे के घर जाते हैं और बकरीद की मुबारकबाद पेश करते हैं. गुरुवार सुबह से ही बकरीद की नमाज अदा होते ही घरों में लोगो ने कुर्बानी करने का सिलसिला शुरू कर दिया.
![आगरा में ताजमहल परिसर मेंअदा की गई नमाज.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/29-06-2023/18871665_ars1.jpg)
ताजमहल में अदा की गई नमाज. तीन घंटे रही पर्यटकों की फ्री एंट्री
आगरा : ईद-उल-अजहा (बकरीद) पर गुरुवार सुबह मोहब्बत की निशानी ताजमहल परिसर स्थित शाही मस्जिद में नमाज अदा की गई. शाही मस्जिद में सुबह साढ़े आठ बजे खुदा की इबादत में हजारों सिर झुके. नमाजियों ने देश और दुनिया में अमन-चैन व खुशहाली की दुआ की. इस दौरान ताजमहल में नमाजियों के साथ देशी और विदेशी पर्यटकों की फ्री एंट्री रही. साथ ही आगरा में ईदगाह, प्रमुख मस्जिदों में भी लाखों सिर खुदा की इबादत में झुके.
![अलीगढ़ में सामूहिक नमाज.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/29-06-2023/18871665_ars3.jpg)
अलीगढ़ में सड़क पर नहीं पढ़ने दी गई नमाज
अलीगढ़ में बकरीद पर भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ईदगाह और मस्जिदों में नमाज अदा की गई. इस दौरान अलीगढ़ पुलिस प्रशासन ने रोड पर बैरिकेडिंग, ढकेल लगाकर सड़क पर नमाज नहीं पढ़ने दी. एसपी सिटी कुलदीप गुनावत ने बताया कि ईद की त्यौहार सुरक्षा और समरसता के साथ मनाया जा रहा है. सुरक्षा के लिए पीएसी तैनात की गई है और ड्रोन से मस्जिदों और ईदगाह पर निगरानी रखी जा रही है.
![सहारनपुर में नमाज अदा करते अकादतमंद.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/29-06-2023/18871665_ars5.jpg)
![मेरठ में नमाज के दौरान रही सतर्कता.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/29-06-2023/18871665_ars4.jpg)
मेरठ में बरती रही सजगकता
मेरठ में बीते दिनों एक हिंदूवादी नेता ने बैठक करके सड़कों पर नमाज के बदले हनुमान चालीसा का पाठ करने की चेतावनी दी थी. इस मामले पुलिस ने नेता के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था. इसके मद्देनजर गुरुवार को यहां पुलिस और प्रशासन काफी सतर्क रहा. मेरठ शहर में नमाजियों के लिए फैज ए आम इंटर कॉलेज में वैकल्पिक व्यवस्था की गई थी.
![गोरखपुर में नमाजियों की अदा की नमाज.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/29-06-2023/18871665_ars.jpg)
गोरखपुर में नमाज अदा कर दी गई कुर्बानी
गोरखपुर में मुस्लिम समाज के लोगों ने नमाज अदी की और कुर्बानी दी. मरकजी मदीना जामा मस्जिद रेती चौक में मुफ्ती मेराज अहमद कादरी ने कुर्बानी के फजायल बयान किए. हुसैनी जामा मस्जिद बड़गो में मौलाना उस्मान बरकाती ने कहा कि कुर्बानी अल्लाह को बहुत प्यारी है.
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