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बड़ा मंगल 2021: राजधानी में मोबाइल भंडारे से भक्तों के बीच प्रसाद वितरित

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Published : Jun 1, 2021, 2:19 PM IST

आज ज्येष्ठ माह का पहला मंगलवार है. हर साल इस मौके पर राजधानी लखनऊ में दो से ढाई हजार भंडारे का आयोजन होता था. लेकिन, कोरोना संक्रमण के खतरे के कारण इस साल राजधानी में बड़े पैमाने भंडारे का आयोजन नहीं हो रहा है. ऐसे में लखनऊ नगर निगम की तरफ से मोबाइल भंडारे के द्वारा भक्तों के बीच प्रसाद वितरण किया जा रहा है.

बड़ा मंगल 2021
बड़ा मंगल 2021

लखनऊ: ज्येष्ठ माह का पहला बड़ा मंगल आज यानी मंगलवार को है. पर इस बार ना तो राजधानी के हनुमान मंदिरों में बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है और ना ही सड़कों पर लगने वाला भंडारा ही दिख रहा है. राजधानी का हनुमान सेतु मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध हनुमान मंदिर है. मान्यता है कि यहां पर भक्त जो भी मन की मुराद मांगते हैं, बजरंगबली भक्तों की हर मुराद पूरी करते हैं. यही कारण है कि इस मंदिर पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. पर इस बार कोरोना संक्रमण के कारण भक्तों की संख्या काफी कम है. लखनऊ नगर निगम की टीम मोबाइल भंडारे के जरिए लोगों तक प्रसाद पहुंचा रही है.

बड़ा मंगल 2021



क्या कहते हैं पुजारी

हनुमान सेतु के महंत उमाशंकर मिश्रा ने बताया कि इस मंदिर की स्थापना 26 जनवरी 1967 को नीम करोली बाबा ने की थी. नीम करोली बाबा इस मंदिर को गवर्नर जनरल कहते थे. मंदिर के पुजारी का कहना है कि भक्तों की हर समस्या का समाधान बजरंगबली के दर्शन तिलक लगाने और प्रसाद खाने से होता है. यहां पर जो भी भक्त अपनी मुराद लेकर आया, बजरंगबली ने अपने भक्तों की हर मुराद पूरी की है. यही कारण है कि यहां बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ती है.


1995 से शुरू हुआ भंडारा

मंदिर के पुजारी उमाशंकर मिश्रा ने बताया कि मंदिर के सचिव एस कपूर ने 1995 में भंडारे का शुभारंभ किया. जिसके बाद से लगातार राजधानी में भंडारों की संख्या बढ़ती गई. आज हिंदुस्तान ही नहीं, पूरे विश्व में इतने भंडारे नहीं होते जितना कि राजधानी लखनऊ में जेष्ठ माह में आयोजित किए जाते हैं. मंदिर के पुजारी का कहना है कि जिसके चारों बड़े मंगल के साथ साथ 26 जनवरी जोकि मंदिर का स्थापना दिवस है, इसके साथ ही गुरु पूर्णिमा और हनुमान जयंती के अवसर पर भंडारे आयोजित किए जाते हैं. इसमें बड़ी संख्या में भक्त आकर प्रसाद ग्रहण करते हैं. पुजारी ने बताया कि 1995 में जब भंडारे का शुभारंभ हुआ तो उस समय भंडारे में पूड़ी सब्जी का वितरण किया जाता था पर धीरे-धीरे राजधानी में भंडारों की संख्या बढ़ती गई. आज 2000 से अधिक भंडारे राजधानी लखनऊ में लगते हैं.

मोबाइल भंडारे से प्रसाद वितरित

महापौर संयुक्ता भाटिया का कहना है कि जिस तरह से राजधानी में संक्रमण बढ़ा हुआ है. इसके मद्देनजर लखनऊ नगर निगम की टीम मोबाइल भंडारे का आयोजन कर रही हैं. इसके साथ ही लखनऊ के जो भी लोग इसमें दान स्वेच्छा से करना चाहते हैं, वह दान कर सकते हैं. उन्हें प्रसाद वितरण की तस्वीरें और वीडियो भी उपलब्ध कराए जाएंगे. महापौर ने बताया कि मोबाइल भंडारे से जरूरतमंद लोगों के साथ-साथ मोहल्लों और गलियों में प्रसाद वितरित किया जाएगा.

इसे भी पढे़ं- विश्वनाथ कॉरिडोर में बड़ा हादसा, 2 की मौत, कई घायल

हनुमान मंदिर में दर्शन करने आई क्षमा अग्रवाल ने कहा कि हनुमान जी में बहुत श्रद्धा है. वर्षों से हमलोग भंडारा करते रहे हैं. पर कोरोना के कारण इस वर्ष हम व्यापक स्तर पर नहीं कर पा रहे हैं. इसलिए घर से लेकर आए हैं और हम हनुमान जी से प्रार्थना करते हैं कि इस संक्रमण को जल्द दूर करें.

श्रद्धालु रेनू बाजपेई ने बताया कि वर्तमान समय में हर इंसान डरा हुआ है. जगह-जगह भंडारे आयोजित होने से गरीब और मध्यम वर्ग के परिवार भंडारे में प्रसाद ग्रहण करते थे. लेकिन, जिस तरह से नगर निगम मोबाइल से भंडारा हो रहा है, ऐसे में नगर निगम से अपील करते हैं कि किसी ऐसी जगह भंडारे का आयोजन करें, जहां से सभी गरीबों को प्रसाद मिल सके.'

लखनऊ: ज्येष्ठ माह का पहला बड़ा मंगल आज यानी मंगलवार को है. पर इस बार ना तो राजधानी के हनुमान मंदिरों में बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है और ना ही सड़कों पर लगने वाला भंडारा ही दिख रहा है. राजधानी का हनुमान सेतु मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध हनुमान मंदिर है. मान्यता है कि यहां पर भक्त जो भी मन की मुराद मांगते हैं, बजरंगबली भक्तों की हर मुराद पूरी करते हैं. यही कारण है कि इस मंदिर पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. पर इस बार कोरोना संक्रमण के कारण भक्तों की संख्या काफी कम है. लखनऊ नगर निगम की टीम मोबाइल भंडारे के जरिए लोगों तक प्रसाद पहुंचा रही है.

बड़ा मंगल 2021



क्या कहते हैं पुजारी

हनुमान सेतु के महंत उमाशंकर मिश्रा ने बताया कि इस मंदिर की स्थापना 26 जनवरी 1967 को नीम करोली बाबा ने की थी. नीम करोली बाबा इस मंदिर को गवर्नर जनरल कहते थे. मंदिर के पुजारी का कहना है कि भक्तों की हर समस्या का समाधान बजरंगबली के दर्शन तिलक लगाने और प्रसाद खाने से होता है. यहां पर जो भी भक्त अपनी मुराद लेकर आया, बजरंगबली ने अपने भक्तों की हर मुराद पूरी की है. यही कारण है कि यहां बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ती है.


1995 से शुरू हुआ भंडारा

मंदिर के पुजारी उमाशंकर मिश्रा ने बताया कि मंदिर के सचिव एस कपूर ने 1995 में भंडारे का शुभारंभ किया. जिसके बाद से लगातार राजधानी में भंडारों की संख्या बढ़ती गई. आज हिंदुस्तान ही नहीं, पूरे विश्व में इतने भंडारे नहीं होते जितना कि राजधानी लखनऊ में जेष्ठ माह में आयोजित किए जाते हैं. मंदिर के पुजारी का कहना है कि जिसके चारों बड़े मंगल के साथ साथ 26 जनवरी जोकि मंदिर का स्थापना दिवस है, इसके साथ ही गुरु पूर्णिमा और हनुमान जयंती के अवसर पर भंडारे आयोजित किए जाते हैं. इसमें बड़ी संख्या में भक्त आकर प्रसाद ग्रहण करते हैं. पुजारी ने बताया कि 1995 में जब भंडारे का शुभारंभ हुआ तो उस समय भंडारे में पूड़ी सब्जी का वितरण किया जाता था पर धीरे-धीरे राजधानी में भंडारों की संख्या बढ़ती गई. आज 2000 से अधिक भंडारे राजधानी लखनऊ में लगते हैं.

मोबाइल भंडारे से प्रसाद वितरित

महापौर संयुक्ता भाटिया का कहना है कि जिस तरह से राजधानी में संक्रमण बढ़ा हुआ है. इसके मद्देनजर लखनऊ नगर निगम की टीम मोबाइल भंडारे का आयोजन कर रही हैं. इसके साथ ही लखनऊ के जो भी लोग इसमें दान स्वेच्छा से करना चाहते हैं, वह दान कर सकते हैं. उन्हें प्रसाद वितरण की तस्वीरें और वीडियो भी उपलब्ध कराए जाएंगे. महापौर ने बताया कि मोबाइल भंडारे से जरूरतमंद लोगों के साथ-साथ मोहल्लों और गलियों में प्रसाद वितरित किया जाएगा.

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हनुमान मंदिर में दर्शन करने आई क्षमा अग्रवाल ने कहा कि हनुमान जी में बहुत श्रद्धा है. वर्षों से हमलोग भंडारा करते रहे हैं. पर कोरोना के कारण इस वर्ष हम व्यापक स्तर पर नहीं कर पा रहे हैं. इसलिए घर से लेकर आए हैं और हम हनुमान जी से प्रार्थना करते हैं कि इस संक्रमण को जल्द दूर करें.

श्रद्धालु रेनू बाजपेई ने बताया कि वर्तमान समय में हर इंसान डरा हुआ है. जगह-जगह भंडारे आयोजित होने से गरीब और मध्यम वर्ग के परिवार भंडारे में प्रसाद ग्रहण करते थे. लेकिन, जिस तरह से नगर निगम मोबाइल से भंडारा हो रहा है, ऐसे में नगर निगम से अपील करते हैं कि किसी ऐसी जगह भंडारे का आयोजन करें, जहां से सभी गरीबों को प्रसाद मिल सके.'

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