ETV Bharat / state

लखीमपुर हिंसा के लिए प्रमोद तिवारी ने केंद्र और राज्य सरकार को ठहराया जिम्मेदार

लखीमपुर खीरी हिंसा प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत रद्द कर दी है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का कांग्रेस ने स्वागत किया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि इस मामले में पूरा विपक्ष एकमत था. लगातार पीड़ितों को इंसाफ दिलाने और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग की गई, लेकिन केंद्र व राज्य सरकार ने इस पर कोई संज्ञान तक नहीं लिया.

pramod tiwari,  Lucknow latest news  etv bharat up news  लखीमपुर खीरी हिंसा  Lakhimpur Kheri violence  लखीमपुर हिंसा मामला  कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी  राज्य सरकार को ठहराया जिम्मेदार  Pramod Tiwari blames central govt  state government for Lakhimpur violence  आरोपी आशीष मिश्रा  गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी  वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी
pramod tiwari, Lucknow latest news etv bharat up news लखीमपुर खीरी हिंसा Lakhimpur Kheri violence लखीमपुर हिंसा मामला कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी राज्य सरकार को ठहराया जिम्मेदार Pramod Tiwari blames central govt state government for Lakhimpur violence आरोपी आशीष मिश्रा गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी
author img

By

Published : Apr 18, 2022, 1:43 PM IST

लखनऊः लखीमपुर खीरी हिंसा प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत रद्द कर दी है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का कांग्रेस ने स्वागत किया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि इस मामले में पूरा विपक्ष एकमत था. पीड़ित और परिजन लगातार मदद की गुहार लगा रहे थे. आज भारत सरकार के गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत खारिज कर दी गई है. आगे लखीमपुर खीरी हिंसा को सुनियोजित और सोच समझकर की गई हत्या करार देते हुए केंद्र व राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा. साथ ही कहा कि इस वाक्या के बाद भी केंद्र सरकार ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री को उनके पद से नहीं हटाया. वहीं, राज्य सरकार जिसे इस मामले में पैरवी करनी चाहिए थी और पीड़ितों का पक्ष रखना चाहिए था. उसने भी दोषी अजय मिश्रा के परिवार का साथ दिया.

ये है सुप्रीम कोर्ट का आदेश: लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य आरोपी व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत रद्द कर दी है. उन्हें एक हफ्ते में सरेंडर करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में हाईकोर्ट ने जल्दबाजी दिखाई है. पीड़ित पक्ष को सुना ही नहीं गया है. पीड़ित परिवार के पक्ष और बाकी तमाम बिंदुओं को आधार बनाते हुए जमानत को रद्द कर दिया गया.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी

इसे भी पढ़ें - सत्य समाचार जनता तक पहुंचाना ही लोकतंत्र की वास्तविक सेवा: योगी आदित्यनाथ

क्या है मामला: घटना 3 अक्तूबर, 2021 की है. लखीमपुर जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर नेपाल की सीमा से सटे तिकुनिया गांव में प्रदर्शनकारी किसानों को तीन गाड़ियों (थार जीप, फॉर्च्यूनर और स्कॉर्पियो) से रौंद दिया गया था. इस घटना में 4 किसान, एक स्थानीय पत्रकार और दो भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत हो गई थी. आरोप है कि केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की कार ने विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को कुचला था. बड़े ही नाटकीय ढंग से आशीष की गिरफ्तारी हुई थी और 129 दिन के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 10 फरवरी को आशीष मिश्रा को जमानत दी थी.

इस घटना को लेकर विपक्ष ने सरकार पर खुलकर निशाना साधा था. कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा जब घटनास्थल पर पीड़ितों से मिलने के लिए निकली तो उन्हें सीतापुर में तीन दिन के लिए नजरबंद कर दिया गया था. पार्टी की तरफ से लगातार केंद्रीय राज्यमंत्री के इस्तीफे की मांगे उठाई गई, लेकिन सरकार चुप्पी साधे बैठी रही. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान ही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आशीष की जमानत को मंजूरी दे दी थी.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊः लखीमपुर खीरी हिंसा प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत रद्द कर दी है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का कांग्रेस ने स्वागत किया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि इस मामले में पूरा विपक्ष एकमत था. पीड़ित और परिजन लगातार मदद की गुहार लगा रहे थे. आज भारत सरकार के गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत खारिज कर दी गई है. आगे लखीमपुर खीरी हिंसा को सुनियोजित और सोच समझकर की गई हत्या करार देते हुए केंद्र व राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा. साथ ही कहा कि इस वाक्या के बाद भी केंद्र सरकार ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री को उनके पद से नहीं हटाया. वहीं, राज्य सरकार जिसे इस मामले में पैरवी करनी चाहिए थी और पीड़ितों का पक्ष रखना चाहिए था. उसने भी दोषी अजय मिश्रा के परिवार का साथ दिया.

ये है सुप्रीम कोर्ट का आदेश: लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य आरोपी व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत रद्द कर दी है. उन्हें एक हफ्ते में सरेंडर करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में हाईकोर्ट ने जल्दबाजी दिखाई है. पीड़ित पक्ष को सुना ही नहीं गया है. पीड़ित परिवार के पक्ष और बाकी तमाम बिंदुओं को आधार बनाते हुए जमानत को रद्द कर दिया गया.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी

इसे भी पढ़ें - सत्य समाचार जनता तक पहुंचाना ही लोकतंत्र की वास्तविक सेवा: योगी आदित्यनाथ

क्या है मामला: घटना 3 अक्तूबर, 2021 की है. लखीमपुर जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर नेपाल की सीमा से सटे तिकुनिया गांव में प्रदर्शनकारी किसानों को तीन गाड़ियों (थार जीप, फॉर्च्यूनर और स्कॉर्पियो) से रौंद दिया गया था. इस घटना में 4 किसान, एक स्थानीय पत्रकार और दो भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत हो गई थी. आरोप है कि केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की कार ने विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को कुचला था. बड़े ही नाटकीय ढंग से आशीष की गिरफ्तारी हुई थी और 129 दिन के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 10 फरवरी को आशीष मिश्रा को जमानत दी थी.

इस घटना को लेकर विपक्ष ने सरकार पर खुलकर निशाना साधा था. कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा जब घटनास्थल पर पीड़ितों से मिलने के लिए निकली तो उन्हें सीतापुर में तीन दिन के लिए नजरबंद कर दिया गया था. पार्टी की तरफ से लगातार केंद्रीय राज्यमंत्री के इस्तीफे की मांगे उठाई गई, लेकिन सरकार चुप्पी साधे बैठी रही. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान ही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आशीष की जमानत को मंजूरी दे दी थी.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.