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बरेली का प्रगतिशील सांस्कृतिक मठ ने जामिया में चल रहे प्रदर्शन को दिया समर्थन

देश की राजधानी दिल्ली में स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया विश्‍वविद्यालय में चल रहे प्रदर्शन को प्रगतिशील सांस्कृतिक मठ ने समर्थन दिया है.

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प्रगतिशील सांस्कृतिक मठ.
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Published : Jan 16, 2020, 5:52 PM IST

नई दिल्ली: जामिया मिलिया इस्लामिया में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर चल रहे प्रदर्शन में बरेली से आए प्रगतिशील सांस्कृतिक मठ ने जामिया के मंच से लोगों को सम्बोधित किया. जामिया पहुंचे प्रगतिशील सांस्कृतिक मठ के संस्थापक किरूरीज जी ने बताया कि वह इस काले कानून के खिलाफ जामिया का समर्थन करने आए हैं. साथ ही उन्होंने इसकी शुरूआत इंकलाब के नारे से की.

प्रगतिशील सांस्कृतिक मठ का जामिया को समर्थन.


'हम पीछे नहीं हटेंगे'
बरेली से आए प्रगतिशील सांस्कृतिक मठ के लोगों ने कहा कि आज जिस तरह का देश में माहौल है, शासक वर्ग मेहनतकश की आवाज को दबाना चाहता है. इसके साथ ही हम सरकार से कहना चाहते हैं, हम पीछे नहीं हटेंगे. आपको बता दें कि CAA और NRC को लेकर देश विदेश में जो आवाजें उठ रहीं हैं. वह सभी जामिया से किसी न किसी तरह से जुड़ती जा रही हैं.

इसे भी पढ़ें:- अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की सभी परीक्षाएं स्थगित, नई तिथियों की घोषणा जल्द

नई दिल्ली: जामिया मिलिया इस्लामिया में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर चल रहे प्रदर्शन में बरेली से आए प्रगतिशील सांस्कृतिक मठ ने जामिया के मंच से लोगों को सम्बोधित किया. जामिया पहुंचे प्रगतिशील सांस्कृतिक मठ के संस्थापक किरूरीज जी ने बताया कि वह इस काले कानून के खिलाफ जामिया का समर्थन करने आए हैं. साथ ही उन्होंने इसकी शुरूआत इंकलाब के नारे से की.

प्रगतिशील सांस्कृतिक मठ का जामिया को समर्थन.


'हम पीछे नहीं हटेंगे'
बरेली से आए प्रगतिशील सांस्कृतिक मठ के लोगों ने कहा कि आज जिस तरह का देश में माहौल है, शासक वर्ग मेहनतकश की आवाज को दबाना चाहता है. इसके साथ ही हम सरकार से कहना चाहते हैं, हम पीछे नहीं हटेंगे. आपको बता दें कि CAA और NRC को लेकर देश विदेश में जो आवाजें उठ रहीं हैं. वह सभी जामिया से किसी न किसी तरह से जुड़ती जा रही हैं.

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Intro:नई दिल्ली।जामिया मिलाया इस्लामिया पर चल रहे प्रदर्शन के बीच अलग - अलग जगह और अलग भाषा ,सांस्कृति से लोग आकर अपने -अपने तरीके और लोक गीत गाकर धरने पर बैठे लोगों से जुड़ रहे हैं। बरेली से आये प्रगतिशील सांस्कृतिक मठ ने जामिया क् मंच से अपनी भाषा में इंकलाबी तराना पेश किया । नागरिकता संशोधन कानून को सिरे से मानने से इंकार कर दिया।Body:दरअसल उत्तर प्रदेश से आये प्रगतिशील सांस्कृतिक मठ की ओर से एक इंकलाबी कराना पेश किया गया जिसे लोगों ने बेहद पसंद भी किया । इस बरेली से आई टीम के संस्थापक किरूरीज जी ने बताया कि वह इस काले कानून के खिलाफ जामिया को समर्थन करने यहां आये हैं और इसी असंवेधानिक कानून के ऊपर उनकी टीम ने एक इंकलाबी तराना बनाया है उसी को हम लोग यहां गयेंगे और लोगों को कहेंगे कि डरे नहीं हम सब एक हैं।

इकलाबी नारे की से की शुरूआत
सांस्कृतिक मठ से आये लोगं ने बताया कि आज जिसे तरह का देश में माहोल है कैसे शासक वर्ग जो है मेहनतकश की आवाज़ को दबना चाहता है ये ये तराना उसी पर आधारित है। हम कहना चाहते हैं उस सरकार से कि हम पीछे नहीं हटेंगे। बरेली की टीम के गाने के में कई सरकार को नसीहत और उनको तंज कसे गये हैं लेकिन मधुर और प्रेम की वाणी के साथ इन लोगों हर मुद्दे को उठाया है। उन्होंने गीत में कहा कि देश में एक आवाज़ अऩकी है एक हमारी है जनता को ये तय करना है कि वह कौनसी आवाज़ सुनती है के साथ तराना शुरू किया ।Conclusion:आपको बता दें कि CAA और NRC को स्कर देश विदेश में जो आवाज़ें उठ रहीं हैं वह सभी जामिया की दहलीज़ से किसी न किसी रंग में जुड़ती जा रही हैं । हर दिन तमाम दगाहों से लोग आकर इस लड़ाई में साथ दे रहे हैं।
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