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सफल नहीं हुई पीपीपी मॉडल के बस स्टेशन बनाने की कवायद, परिवहन मंत्री ने अब फिर लगाया जोर

उत्तर प्रदेश में पीपीपी माॅडल से बस स्टेशन बनाने की कवायद कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ पा रही है. लखनऊ का आलमबाग बस अड्डा बनने के बाद इस योजना में किसी निवेशक ने रुचि नहीं दिखाई. बहरहाल परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने एक फिर प्रयास शुरू किए हैं. इस कड़ी में बुधवार को परिवहन निगम मुख्यालय मे बैठक कर चर्चा की.

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Published : Dec 29, 2022, 8:02 AM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पीपीपी मॉडल पर विकसित एकमात्र आलमबाग बस स्टेशन के बाद परिवहन निगम के अधिकारियों ने प्रदेश में अन्य स्थानों पर पीपीपी मॉडल बस अड्डे बनाने के तमाम प्रयास किए, लेकिन यह सभी प्रयास विफल हुए. पांच साल में कई बार पीपीपी मॉडल के बस स्टेशनों को लेकर निवेशकों के साथ मीटिंग्स हुईं. महंगे होटलों में समिट का आयोजन हुआ. कई बार टेंडर की प्रक्रिया भी हुई, लेकिन पीपीपी मॉडल पर बस स्टेशन बनाने के लिए कोई भी आगे नहीं आया. अब एक बार फिर उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने पीपीपी मॉडल बस स्टेशन बनाने के लिए प्रयास शुरू किए हैं. बुधवार को परिवहन निगम मुख्यालय पर उन्होंने बैठक की.



उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह (Uttar Pradesh Minister of State for Transport (Independent Charge) Dayashankar Singh) ने परिवहन निगम के अधिकारियों और विभिन्न कम्पनियों के प्रतिनिधियों के साथ प्रदेश के 16 जनपदों के 23 बस स्टेशनों को पीपीपी मॉडल पर डिजाइन बिल्ड फाइनेन्स ऑपरेट एंड ट्रांसफर मॉडल पर विकसित किए जाने को लेकर बैठक की. उन्होंने कहा कि पीपीपी मॉडल में निवेशकों के हितों (Interest of investors in PPP model) को ध्यान में रखते हुए सुझाव पर विचार किया जाएगा. सबसे प्राइम जगह पर बस अड्डे के विकास के लिए जमीन उपलब्ध कराई जाएगी. प्रदेश के अन्य जनपदों में भी बस अड्डों को पीपीपी मॉडल पर विकसित किए जाने की योजना है. दयाशंकर सिंह ने कहा कि जनवरी 2023 में आवेदन के लिए निविदा जारी की जाएगी. पांच जनवरी 2023 तक आवेदक अपने सुझाव दे सकते हैं, जिस पर परिवहन निगम पीपीपी पॉलिसी की शर्तों के अधीन विचार करेगा. परिवहन राज्यमंत्री ने कहा (Minister of State for Transport said) कि उत्तर प्रदेश धार्मिक एवं पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है. यहां पर अधिक से अधिक संख्या में श्रद्धालु एवं यात्री आते हैं. जिनको अच्छी परिवहन सुविधा के साथ स्वच्छ और आधुनिक सुविधाओं से युक्त बस स्टेशन मिलें. इसके लिए पीपीपी मॉडल पर बस स्टेशनों के विकास की योजना बनाई गई है.

इस अवसर पर परिवहन मंत्री ने अवध डिपो की दो महिला प्रशिक्षु चालक रेखा और प्रज्ञा रावत को निगम की जैकेट भेंट की. परिवहन निगम के चेयरमैन आरके तिवारी (Transport Corporation Chairman RK Tiwari) ने कहा कि आप द्वारा उठाए गए सभी बिन्दुओं पर विचार-विमर्श करते हुए पूरी पारदर्शिता के साथ निविदा की जाएगी. उत्तर प्रदेश में महत्वपूर्ण बदलाव हो रहे हैं. परिवहन निगम में भी आमूलचूल परिवर्तन हो, इस दिशा में परिवहन निगम लगातार प्रयास कर रहा है. उत्तर प्रदेश का ग्रोथ रेट बहुत अच्छा चल रहा है. निवेशकों के हितों की सुरक्षा के साथ ही उन्हें विकास करने के सभी अवसर उपलब्ध हैं. निवेशक अधिक से अधिक संख्या में बिड में हिस्सेदारी करें और इस अवसर का लाभ उठाएं. बैठक में प्रमुख सचिव परिवहन वेंकटेश्वर लू, प्रबंध निदेशक परिवहन निगम संजय कुमार, अपर प्रबंध निदेशक अन्नपूर्णा गर्ग सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे.

यह भी पढ़ें : सड़क दुर्घटनाओं में राज मिस्त्री सहित दो लोगों की मौत, मड़ियांव और मलिहाबाद में हुए हादसे

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पीपीपी मॉडल पर विकसित एकमात्र आलमबाग बस स्टेशन के बाद परिवहन निगम के अधिकारियों ने प्रदेश में अन्य स्थानों पर पीपीपी मॉडल बस अड्डे बनाने के तमाम प्रयास किए, लेकिन यह सभी प्रयास विफल हुए. पांच साल में कई बार पीपीपी मॉडल के बस स्टेशनों को लेकर निवेशकों के साथ मीटिंग्स हुईं. महंगे होटलों में समिट का आयोजन हुआ. कई बार टेंडर की प्रक्रिया भी हुई, लेकिन पीपीपी मॉडल पर बस स्टेशन बनाने के लिए कोई भी आगे नहीं आया. अब एक बार फिर उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने पीपीपी मॉडल बस स्टेशन बनाने के लिए प्रयास शुरू किए हैं. बुधवार को परिवहन निगम मुख्यालय पर उन्होंने बैठक की.



उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह (Uttar Pradesh Minister of State for Transport (Independent Charge) Dayashankar Singh) ने परिवहन निगम के अधिकारियों और विभिन्न कम्पनियों के प्रतिनिधियों के साथ प्रदेश के 16 जनपदों के 23 बस स्टेशनों को पीपीपी मॉडल पर डिजाइन बिल्ड फाइनेन्स ऑपरेट एंड ट्रांसफर मॉडल पर विकसित किए जाने को लेकर बैठक की. उन्होंने कहा कि पीपीपी मॉडल में निवेशकों के हितों (Interest of investors in PPP model) को ध्यान में रखते हुए सुझाव पर विचार किया जाएगा. सबसे प्राइम जगह पर बस अड्डे के विकास के लिए जमीन उपलब्ध कराई जाएगी. प्रदेश के अन्य जनपदों में भी बस अड्डों को पीपीपी मॉडल पर विकसित किए जाने की योजना है. दयाशंकर सिंह ने कहा कि जनवरी 2023 में आवेदन के लिए निविदा जारी की जाएगी. पांच जनवरी 2023 तक आवेदक अपने सुझाव दे सकते हैं, जिस पर परिवहन निगम पीपीपी पॉलिसी की शर्तों के अधीन विचार करेगा. परिवहन राज्यमंत्री ने कहा (Minister of State for Transport said) कि उत्तर प्रदेश धार्मिक एवं पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है. यहां पर अधिक से अधिक संख्या में श्रद्धालु एवं यात्री आते हैं. जिनको अच्छी परिवहन सुविधा के साथ स्वच्छ और आधुनिक सुविधाओं से युक्त बस स्टेशन मिलें. इसके लिए पीपीपी मॉडल पर बस स्टेशनों के विकास की योजना बनाई गई है.

इस अवसर पर परिवहन मंत्री ने अवध डिपो की दो महिला प्रशिक्षु चालक रेखा और प्रज्ञा रावत को निगम की जैकेट भेंट की. परिवहन निगम के चेयरमैन आरके तिवारी (Transport Corporation Chairman RK Tiwari) ने कहा कि आप द्वारा उठाए गए सभी बिन्दुओं पर विचार-विमर्श करते हुए पूरी पारदर्शिता के साथ निविदा की जाएगी. उत्तर प्रदेश में महत्वपूर्ण बदलाव हो रहे हैं. परिवहन निगम में भी आमूलचूल परिवर्तन हो, इस दिशा में परिवहन निगम लगातार प्रयास कर रहा है. उत्तर प्रदेश का ग्रोथ रेट बहुत अच्छा चल रहा है. निवेशकों के हितों की सुरक्षा के साथ ही उन्हें विकास करने के सभी अवसर उपलब्ध हैं. निवेशक अधिक से अधिक संख्या में बिड में हिस्सेदारी करें और इस अवसर का लाभ उठाएं. बैठक में प्रमुख सचिव परिवहन वेंकटेश्वर लू, प्रबंध निदेशक परिवहन निगम संजय कुमार, अपर प्रबंध निदेशक अन्नपूर्णा गर्ग सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे.

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