लखनऊ: पॉक्सो के विशेष जज महेश चन्द्र वर्मा ने छेड़छाड़ के एक मामले में अंतिम रिपोर्ट खारिज करते हुए पुर्नविवेचना का आदेश दिया है. साथ ही इस मामले के विवेचक व एसआई भूपेंद्र प्रताप सिंह, तत्कालीन प्रभारी एसएचओ और एसीपी हजरतगंज के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई का आदेश दिया है. कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर से कृत कार्यवाही की आख्या भी तीन माह में तलब की है. कोर्ट ने यह आदेश पीड़िता की मां की प्रोटेस्ट अर्जी को मंजूर करते हुए दिया है.
24 अगस्त, 2019 को इस मामले की एफआईआर पीड़िता की मां ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी. विवेचना के बाद अभियुक्त अमन पुत्र मोहम्मद शाकिल को क्लीन चिट देते हुए अदालत में अंतिम रिपोर्ट दाखिल की गई थी. विवेचक ने इस बात की नोटिस भी पीड़िता की मां को नहीं दिया था. अदालत द्वारा नोटिस भेजने पर पीड़िता की मां ने अंतिम रिपोर्ट के खिलाफ प्रोटेस्ट अर्जी दाखिल किया था.
हत्या के मामले में किशोर अपचारी की अपील खारिज
वहीं एक अन्य मामले में विशेष जज महेश चन्द्र वर्मा ने हत्या के आरोप को लेकर निरुद्ध किशोर अपचारी की अपील खारिज कर दी है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अपराध के समय किशोर अपचारी की उम्र 18 साल से कुछ ही माह कम थी लेकिन अपराध करने के तरीके और हत्या में प्रयुक्त अस्त्र से स्पष्ट है कि वह इसके परिणाम से एक वयस्क की तरह सक्षम था. लिहाजा, उसकी दांडिक अपील निरस्त की जाती है.
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सरकारी वकील अशोक श्रीवास्तव के मुताबिक, 12 जनवरी, 2021 को किशोर न्याय बोर्ड ने हत्या के इस मामले में किशोर अपचारी की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी. किशोर अपचारी की ओर से इस आदेश के खिलाफ सत्र अदालत में दांडिक अपील दाखिल की गई. इस अपील में किशोर न्याय बोर्ड के आदेश को निरस्त करने की मांग की गई थी. 28 दिसंबर, 2019 को इस मामले की एफआईआर मृतक की पत्नी कविता मिश्रा ने थाना पीजीआई में दर्ज कराई थी. पांच जनवरी, 2021 को किशोर अपचारी को न्यायिक अभिरक्षा में लिया गया था.