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भीषण गर्मी में बिजली संकट बरकरार, पावर प्लांट में बिजली उत्पादन की कमी

राजधानी समेत उत्तर प्रदेश के ज्यादातर जिलों में भीषण गर्मी पड़ने से बिजली की बड़ी किल्लत पैदा हो रही है. ग्रामीण इलाकों में तो बिजली आपूर्ति व्यवस्था पूरी तरह बेपटरी हो गई है.

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बिजली संकट
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Published : Apr 28, 2022, 9:17 PM IST

लखनऊ : राजधानी समेत उत्तर प्रदेश के ज्यादातर जिलों में भीषण गर्मी पड़ने के कारण बिजली की बड़ी किल्लत पैदा हो रही है. ग्रामीण इलाकों में तो बिजली आपूर्ति व्यवस्था पूरी तरह बेपटरी हो गई है. एक या दो नहीं बल्कि सात से आठ घंटे तक बिजली गुल हो रही है. जिला मुख्यालयों को छोड़ दिया जाए तो तहसील और ग्रामीण इलाके बिजली के लिए तरस रहे हैं. बिजली के अभाव में उपभोक्ताओं को बड़ी परेशानी उठानी पड़ रही है. कोयले की कमी से भी पावर प्लांट जूझ रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ आंधी के चलते कई इकाइयां क्षतिग्रस्त हो गईं हैं जिसके कारण बिजली आपूर्ति में और भी ज्यादा परेशानी आ रही है.

पिछले कई सालों से अप्रैल माह में बिजली की इतनी मांग कभी नहीं हुई. आपूर्ति के हिसाब से भी इतनी बिजली आपूर्ति भी नहीं की गई लेकिन अब संकट ज्यादा ही बढ़ गया है. लिहाजा, आपूर्ति बहाल रख पाना बिजली विभाग के लिए चुनौती साबित हो रही है. अप्रैल माह के शुरूआती दौर में जहां 19328 मेगावाट बिजली की मांग थी वह अब 2370 मेगावाट की बढ़ोत्तरी के साथ 21,698 मेगावाट हो गई है. पिछले तीन साल में इसी अवधि में अप्रैल 2021 को 19837 मेगावाट, अप्रैल 2020 में 17,176 मेगावाट व अप्रैल 2019 में 20,365 मेगावाट अधिकतम बिजली की मांग थी.

पढ़ेंः उपभोक्ताओं को लगेगा झटका, अब 5 हजार रुपये से ज्यादा बकाए पर भी कटेगा कनेक्शन

दुरुस्त की जा रही उत्पादन इकाइयां : विद्युत आपूर्ति को बढ़ाने के लिए तकनीकी कारणों से बंद उत्पादन इकाइयों को ठीक कर फिर से उत्पादन शुरू किया जा रहा है. इसमें आंधी तूफान से क्षतिग्रस्त हुईं हरदुआगंज की तीन इकाइयां (250-250-110) 610 मेगावाट को ठीक कराकर फिर से उत्पादन शुरू किया गया. इसी तरह प्रयागराज के तहसील बारा स्थित प्रयागराज पावन जेनरेशन-660 मेगावाट की इकाई की तकनीकी खामियों को दूर कर लाइटअप कर दिया गया.

ऊर्जामंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि मांग के अनुरूप विद्युत उपलब्धता पर्याप्त बनी रहे, इसके लिए पूरी सावधानी बरतें. सभी संबंधित अधिकारी रात्रि पेट्रोलिंग करें. साथ ही अपना मोबाइल 24 घंटे चालू रखें जिससे विद्युत व्यवधान की सूचनाएं उन्हें समय से प्राप्त हो सकें और शिकायतों पर तत्काल प्रभावी कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाए. उन्होंने सख्त हिदायत दी कि इस समय गर्मी के कारण विद्युत मांग में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. ऐसी स्थिति में किसी कार्मिक का मोबाइल नंबर बंद होने या न उठाने की शिकायत प्राप्त होती है तो उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी.

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लखनऊ : राजधानी समेत उत्तर प्रदेश के ज्यादातर जिलों में भीषण गर्मी पड़ने के कारण बिजली की बड़ी किल्लत पैदा हो रही है. ग्रामीण इलाकों में तो बिजली आपूर्ति व्यवस्था पूरी तरह बेपटरी हो गई है. एक या दो नहीं बल्कि सात से आठ घंटे तक बिजली गुल हो रही है. जिला मुख्यालयों को छोड़ दिया जाए तो तहसील और ग्रामीण इलाके बिजली के लिए तरस रहे हैं. बिजली के अभाव में उपभोक्ताओं को बड़ी परेशानी उठानी पड़ रही है. कोयले की कमी से भी पावर प्लांट जूझ रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ आंधी के चलते कई इकाइयां क्षतिग्रस्त हो गईं हैं जिसके कारण बिजली आपूर्ति में और भी ज्यादा परेशानी आ रही है.

पिछले कई सालों से अप्रैल माह में बिजली की इतनी मांग कभी नहीं हुई. आपूर्ति के हिसाब से भी इतनी बिजली आपूर्ति भी नहीं की गई लेकिन अब संकट ज्यादा ही बढ़ गया है. लिहाजा, आपूर्ति बहाल रख पाना बिजली विभाग के लिए चुनौती साबित हो रही है. अप्रैल माह के शुरूआती दौर में जहां 19328 मेगावाट बिजली की मांग थी वह अब 2370 मेगावाट की बढ़ोत्तरी के साथ 21,698 मेगावाट हो गई है. पिछले तीन साल में इसी अवधि में अप्रैल 2021 को 19837 मेगावाट, अप्रैल 2020 में 17,176 मेगावाट व अप्रैल 2019 में 20,365 मेगावाट अधिकतम बिजली की मांग थी.

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दुरुस्त की जा रही उत्पादन इकाइयां : विद्युत आपूर्ति को बढ़ाने के लिए तकनीकी कारणों से बंद उत्पादन इकाइयों को ठीक कर फिर से उत्पादन शुरू किया जा रहा है. इसमें आंधी तूफान से क्षतिग्रस्त हुईं हरदुआगंज की तीन इकाइयां (250-250-110) 610 मेगावाट को ठीक कराकर फिर से उत्पादन शुरू किया गया. इसी तरह प्रयागराज के तहसील बारा स्थित प्रयागराज पावन जेनरेशन-660 मेगावाट की इकाई की तकनीकी खामियों को दूर कर लाइटअप कर दिया गया.

ऊर्जामंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि मांग के अनुरूप विद्युत उपलब्धता पर्याप्त बनी रहे, इसके लिए पूरी सावधानी बरतें. सभी संबंधित अधिकारी रात्रि पेट्रोलिंग करें. साथ ही अपना मोबाइल 24 घंटे चालू रखें जिससे विद्युत व्यवधान की सूचनाएं उन्हें समय से प्राप्त हो सकें और शिकायतों पर तत्काल प्रभावी कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाए. उन्होंने सख्त हिदायत दी कि इस समय गर्मी के कारण विद्युत मांग में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. ऐसी स्थिति में किसी कार्मिक का मोबाइल नंबर बंद होने या न उठाने की शिकायत प्राप्त होती है तो उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी.

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