लखनऊ: प्रदेश में इस बार मध्यांचल के अंतर्गत आने वाले जिलों में बिजली की समस्याएं कम रही हैं. वहीं लखनऊ में इस बार गर्मी आते ही ट्रांसफार्मर जलने का सिलसिला भी थम गया है. हर साल अप्रैल महीने से ही विद्युत की ज्यादा खपत के चलते ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी क्षेत्रों में ट्रांसफार्मर जलने की सबसे बड़ी समस्याएं होती थीं, लेकिन इस बार अप्रैल माह में जहां 77 ट्रांसफार्मर खराब हुए हैं तो वहीं मई में यह ग्राफ 100 तक रहा, जबकि पिछले साल संख्या इससे कहीं ज्यादा थी.
इस बार कहा जा रहा है कि कोरोना वायरस के चलते जहां सरकारी कार्यालय से लेकर दुकानें और शोरूम यहां तक कि शॉपिंग माल भी बंद रहे, उससे बिजली की खपत में बड़ी कमी आई है. लोगों ने घरों में एसी और कूलर भी कम चलाएं गए हैं. इसी के चलते ट्रांसफार्मर में खराबी की शिकायत मिली है.
इसे भी पढ़ें:- अलीगढ़ : जहरीली शराब कांड का फरार एक लाख का इनामी ऋषि शर्मा गिरफ्तार
कोरोना काल में कम हुई बिजली की खपत
राजधानी लखनऊ में अप्रैल से 15 मई तक कोरोना संक्रमण सबसे ज्यादा रहा. ऐसे में सरकारी कार्यालय से लेकर दुकानें और शॉपिंग मॉल तक प्रभावित हुए, जिसके चलते इस बार बिजली की खपत पिछले साल की अपेक्षा काफी कम रही. वहीं दूसरी तरफ इसका सबसे बड़ा फायदा मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को ही हुआ, क्योंकि हर साल गर्मी का मौसम शुरू होते ही बिजली की खपत में जबरदस्त बढ़ोतरी होती थी, जिसके चलते ट्रांसफार्मरों के जलने का सिलसिला शुरू होता था. वहीं इस बार अलीगंज स्थित बिजली विभाग के ट्रांसफार्मर कार्यशाला में अप्रैल, मई और जून में ट्रांसफार्मर की डिमांड में भारी गिरावट आई है. अप्रैल महीने में केवल 77 ट्रांसफार्मर खराब हुए तो वहीं मई में 100 ट्रांसफार्मर ही खराब हुए हैं.