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अब माटी मेला में छोटे कुम्हारों, शिल्पकारों को भी हुनर दिखाने का मौका - छोटे शिल्पकारों को मौका

उत्तर प्रदेश के कारीगरों का हुनर आम लोगों तक पहुंचाने के लिए डालीबाग के उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड परिसर में माटी कला मेले का आयोजन किया गया है. इसमें अब स्थानीय छोटे शिल्पकारों को भी अपनी कलाकृतियों को प्रदर्शित करने का मौका मिलेगा.

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माटी कला मेला में अब फुटपाथ पर दुकान लगाने वाले शिल्पकारों को भी मिलेगा मौका.
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Published : Nov 9, 2020, 8:19 AM IST

लखनऊ : राजधानी के डालीबाग में चल रहे 10 दिवसीय माटी मेला प्रदर्शनी में विभिन्न जनपदों के शिल्पकारों के साथ-साथ स्थानीय कुम्हारों-शिल्पकारों को भी अब अपनी बेजोड़ कलाकृतियों को प्रदर्शित करने का मौका मिलेगा. शिल्पकारों के 25 स्टॉल को मेले में जगह दिए जाने का फैसला किया गया है.

सूचना विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने कहा कि लखनऊ में जो कारीगर मिट्टी के उत्पादों को फुटपाथ पर बेच रहे हैं. उन कारीगरों को भी माटी मेला बोर्ड अपने कार्यालय में लगाई गई प्रदर्शनी में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित कर रहा है. कारीगरों के आश्रय की व्यवस्था भी माटी कला बोर्ड के तरफ से की जा रही है.

दीपावली के शुभ अवसर पर दूसरों के घरों को दियों से रोशन करने वाले शिल्पकारों के चेहरे पर मुस्कान बिखेरने का काम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया है. उत्तर प्रदेश के कारीगरों का हुनर आम लोगों तक पहुंचाने के लिए डालीबाग के उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड परिसर में माटी कला मेले का आयोजन किया गया है. इससे कारोबारियों को सीधे तौर पर नाम और पहचान दोनों ही मिल रही है. मेले में उद्घाटन के बाद से ही रोजाना लाखों रुपए की बिक्री हो रही है. प्रधानमंत्री की अपील के बाद वोकल फॉर लोकल मुहिम को बढ़ावा देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी जमीनी स्तर पर कम समय में ऐसे मेले का आयोजन कर शिल्पकारों की सीधे तौर पर मदद की है. बल्कि इस मुहिम को बढ़ावा देते हुए दीपावली पर बड़ी संख्या में लोगों को इससे जोड़ने का काम किया है.

इस दीपावली पर शिल्पकारों पर मां लक्ष्मी की कृपा हो रही है. कोरोना काल में प्रदेश भर के शिल्पकारों का काम ठप पड़ गया था. वहीं माटी कला मेले में यूपी के 15 जनपदों के शिल्पकारों के 35 स्टॉल लगाए गए हैं. मेले में अब तक 8 लाख 65 हजार रुपये की बिक्री हुई है. पहले दिन जहां एक लाख 10 हजार रुपये की बिक्री हुई थी. वहीं दूसरे दिन 2 लाख 60 हजार रुपये से अधिक की बिक्री दर्ज की गई. माटी कला मेले में रविवार को रात तक लगभग 4 लाख 35 हजार रुपये की बिक्री हुई है.

लखनऊ : राजधानी के डालीबाग में चल रहे 10 दिवसीय माटी मेला प्रदर्शनी में विभिन्न जनपदों के शिल्पकारों के साथ-साथ स्थानीय कुम्हारों-शिल्पकारों को भी अब अपनी बेजोड़ कलाकृतियों को प्रदर्शित करने का मौका मिलेगा. शिल्पकारों के 25 स्टॉल को मेले में जगह दिए जाने का फैसला किया गया है.

सूचना विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने कहा कि लखनऊ में जो कारीगर मिट्टी के उत्पादों को फुटपाथ पर बेच रहे हैं. उन कारीगरों को भी माटी मेला बोर्ड अपने कार्यालय में लगाई गई प्रदर्शनी में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित कर रहा है. कारीगरों के आश्रय की व्यवस्था भी माटी कला बोर्ड के तरफ से की जा रही है.

दीपावली के शुभ अवसर पर दूसरों के घरों को दियों से रोशन करने वाले शिल्पकारों के चेहरे पर मुस्कान बिखेरने का काम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया है. उत्तर प्रदेश के कारीगरों का हुनर आम लोगों तक पहुंचाने के लिए डालीबाग के उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड परिसर में माटी कला मेले का आयोजन किया गया है. इससे कारोबारियों को सीधे तौर पर नाम और पहचान दोनों ही मिल रही है. मेले में उद्घाटन के बाद से ही रोजाना लाखों रुपए की बिक्री हो रही है. प्रधानमंत्री की अपील के बाद वोकल फॉर लोकल मुहिम को बढ़ावा देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी जमीनी स्तर पर कम समय में ऐसे मेले का आयोजन कर शिल्पकारों की सीधे तौर पर मदद की है. बल्कि इस मुहिम को बढ़ावा देते हुए दीपावली पर बड़ी संख्या में लोगों को इससे जोड़ने का काम किया है.

इस दीपावली पर शिल्पकारों पर मां लक्ष्मी की कृपा हो रही है. कोरोना काल में प्रदेश भर के शिल्पकारों का काम ठप पड़ गया था. वहीं माटी कला मेले में यूपी के 15 जनपदों के शिल्पकारों के 35 स्टॉल लगाए गए हैं. मेले में अब तक 8 लाख 65 हजार रुपये की बिक्री हुई है. पहले दिन जहां एक लाख 10 हजार रुपये की बिक्री हुई थी. वहीं दूसरे दिन 2 लाख 60 हजार रुपये से अधिक की बिक्री दर्ज की गई. माटी कला मेले में रविवार को रात तक लगभग 4 लाख 35 हजार रुपये की बिक्री हुई है.

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