लखनऊ: प्रदेश की योगी ने सरकार प्रवासी मजदूरों और शहरी गरीबों के लिए एक और बड़ा कदम उठाया है. प्रवासी मजदूरों, गरीबों व विधवाओं को कम कीमत पर किराए के मकान उपलब्ध कराने जा रही है. मुख्यमंत्री योगी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में किफायती रेंटल आवास एवं कांप्लेक्स योजना को मंजूरी दी गई है.
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हर दो साल पर आठ फीसदी किराए में बढ़ोतरी
सरकार के इस निर्णय के तहत अफॉर्डेबल हाउसिंग के तहत बने मकान जो किसी को आवंटित नहीं हुए हैं, अब उन्हें जरूरतमंदों को किराए पर दिया जा सकेगा. किराए पर दिए जाने वाले मकान का किराया क्षेत्र और मकान की हालत के आधार पर तय किया जाएगा. हर दो साल में आठ फीसदी की दर से किराए में बढ़ोतरी की जाएगी. मकान किराए पर देने से पहले 25 साल के लिए अनुबंध किया जाएगा.
बिल्डरों से घर बनवाकर किराए पर देगी सरकार
सरकार ने इस निर्णय के तहत दो प्रावधान किए हैं. पहले में अफोर्डेबल हाउसिंग योजना के तहत बने मकान जो खाली पड़े हैं उन्हें किराए पर दिया जाएगा. दूसरे में बिल्डरों से आवास बनवा कर गरीबों को किराए पर मकान दिए जाने की व्यवस्था की गई है. बिल्डर अपनी जमीन पर किफायती रेंटल आवास एवं कांप्लेक्स योजना के तहत आवास बना कर अगर किराए पर देते हैं तो उन्हें सरकार फ्लोर एरिया रेश्यो (एफएआर) और जीएसटी समेत कई अन्य तरह की छूट भी प्रदान करेगी. हालांकि शासन के स्तर पर इसके लिए अलग से दिशा निर्देश जारी किया जाएगा.
अधूरी टाउनशिप योजना में संशोधन के प्रस्ताव पर भी लगी मुहर
कैबिनेट की बैठक में एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है. हाईटेक टाउनशिप नीति के तहत मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित हाई पावर कमेटी एचपीसी के कार्य क्षेत्र में संशोधन संबंधी प्रस्ताव को भी मंजूरी मिली है. कैबिनेट के निर्णय के बाद अब क्रियाशील सात हाइटेक टाउनशिप परियोजनाओं के आकार को हाईटेक टाउनशिप नीति के तहत न्यूनतम सीमा 1500 एकड़ से आवश्यकता पड़ने पर कम करने का अधिकार एचपीसी को होगा. विकासकर्ता को परियोजना की संशोधित डीपीआर शासनादेश जारी होने से तीन माह में प्रस्तुत करनी होगी.
योजना के समय को विस्तार दे सकेगी एचपीसी
हाइटेक टाउनशिप नीति की व्यवस्था के अनुसार उच्च स्तरीय समिति (एचपीसी) को परियोजना अवधि में 10 साल से अधिक विस्तार अनुमन्य किए जाने का अधिकार नहीं है. इस निर्णय के बाद अब एचपीसी को 10 साल से अधिक का समय देने का भी सशर्त अधिकार होगा. 80 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से समय विस्तार शुल्क लगाते हुए केवल पांच वर्ष की समृद्धि ही एचपीसी दे सकेगी.
मुख्यमंत्री करेंगे निर्णय
निर्णय के अनुसार अब परियोजना के लिए आवश्यक भूमि का जुटाव खुद विकासकर्ता को करना होगा. हाइटेक टाउनशिप परियोजना के तहत अवैध निर्माणों के खिलाफ प्राधिकरण और जिला प्रशासन की ओर से कार्रवाई की जाएगी. परियोजनाओं के संबंध में व्यवहारिक कठिनाइयों का निराकरण कराने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किए जाने का फैसला भी कैबिनेट ने किया है.