कानपुर: अभी तक आपने बांध से बिजली बनते तो सुना होगा लेकिन क्या कभी आपने सुना है कि किसी पेड़ से बिजली पैदा होगी. शायद नहीं. इस नई तकनीक को यूपी में इजाद कर लिया है. ये नई तकनीक खोजी है बस्ती निवासी प्रमोद पांडेय ने. उनका दावा है कि पेड़ से अब किसान फल औऱ बिजली दोनों ही पैदा कर सकेंगे. उनका कहना है कि अभी तक यह तकनीक नीदरलैंड समेत कई देशों में इस्तेमाल हो रही है, अब यह तकनीक भारत में भी तैयार हो चुकी है. उन्होंने इस तकनीक को खोजने के साथ ही स्टार्टअप शुरू कर दिया है.
आईआईटी की पढ़ाई पूरी कीः बस्ती निवासी प्रमोद पांडेय ने बीएससी मैथ के साथ आईटीआई की पढ़ाई पूरी की और फिर इलेक्ट्रिकल उपकरणों को ठीक करने का काम करने लगे. साल 2008 के बाद उन्हें एक आइडिया आया, पेड़ों से बिजली तैयार करने का. हालांकि ऐसा काम था जिसे कोई नहीं जानता था, न वह कभी घटित हुआ. हालांकि, आसमान में बिजली कड़कने को देखते हुए गतिविधि से उन्हें यह आइडिया मिला था.
![up uttar pradesh root reactor.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/18-01-2025/23348517_kkk11.jpg)
वेद-उपनिषद पढ़ेः प्रमोद ने इसके लिए ऋग्वेद से लेकर कई उपनिषद पढ़े. उनका दावा है कि श्वेताश्वतर उपनिषद में उन्हें धन और ऋण का सिद्धांत पढ़ने को मिला, जिससे उन्हें लग गया कि पेड़ों से बिजली बन जाएगी. साल 2011 में उन्होंने अपने घर के पास लगे पीपल के पेड़ के नीचे जड़ों के पास इलेक्ट्रोड लगाया. कुछ देर में ही उन्हें एक वोल्ट डायरेक्ट करंट मिल गया. कुछ सालों की कड़ी मेहनत के बाद प्रमोद ने एक ऐसा रूट रिएक्टर का मॉडल बना दिया, जिसे पेड़ों के नीचे लगाने के बाद बिजली बनाना बहुत आसान हो गया.
![up uttar pradesh root reactor built tree give electricity along with fruits.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/18-01-2025/farmersofupnowmakeaelectricitywiththehelpofplants_18012025080034_1801f_1737167434_178.jpg)
बिजली ऐसे पैदा कीः प्रमोद ने अपने रूट रिएक्टर मॉडल के प्रेजेंटेशन से मुंबई में एक वोल्ट से दो, चार, छह और 10 वोल्ट तक अल्टरनेट करंट (एसी) हासिल किया. प्रमोद ने दावा किया, अब एक वोल्ट करंट से ही हम 300 वोल्ट यानी 30 वॉट तक आसानी से बिजली बना लेंगे. इसकी ग्राऊंड टेस्टिंग अगले माह बुंदेलखंड विवि के विशेषज्ञ करेंगे। इस संबंध में सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. उन्होंने कहा कि एक पेड़ से 30 से 100 वॉट तक बिजली बनाई जा सकती है.
ट्रांसफॉर्मर सिद्धांत काम आयाः प्रमोद पांडेय ने ईटीवी भारत संवाददाता को बताया, उनका रूट रिएक्टर मॉडल बिल्कुल वैसे ही काम करता है, जैसे मोहल्लों में लगे ट्रांसफॉर्मर. यहां हम रूट रिएक्टर मॉडल में प्राइमरी फेज पर करंट को स्विचिंग के माध्यम से जब प्रवाहित करते हैं, तो सेकेंड्री फेज पर हमें जो करंट मिलता है. वह इंड्यूस्ड फॉर्म में होता है जिसे आगे कहीं भी भेजा जा सकता है. ऐसा ही ट्रांसफार्मर में होता है. उनमें सबस्टेशन से सप्लाई दी प्राइमरी फेज में दी जाती है, जो आगे घरों तक पहुंचने में सेकेंड्री फेज में पहुंचती है.
नीदरलैंड में ये तकनीक काम कर रहीः प्रमोद ने बताया कि उन्हें अपना शोध पूरा करने में आठ सालों का समय लग गया. बोले, नीदरलैंड समेत कुछ ऐसे देश हैं जहां पेड़ों से बिजली बनाई जा रही है. आने वाले समय में भारत के किसान बिजली की खेती कर सकेंगे. उन्होंने बताया, एक पेड़ से किसान को 30 वॉट तक बिजली बनाने का मौका मिलेगा. बरगद के पेड़ की जड़ों की बात करने पर प्रमोद ने कहा, बरगद का पेड़ तो किसानों के लिए ट्रांसफॉर्मर का काम करेगा.
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