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लखनऊ: पूर्व सांसद अतीक अहमद के अकाउंटेंट का होगा पॉलीग्राफ टेस्ट - सीबीआई

उत्तर प्रदेश के राजधानी में प्रॉपर्टी डीलर मोहित जायसवाल को अगवा करने के मामले में अभियुक्त पवन कुमार सिंह का पॉलीग्राफ टेस्ट किया जाएगा. पवन मोहित को देवरिया जेल ले जाने व जेल में ही मारने-पीटने व रंगदारी वसूलने तथा जबरन कई कागजातों पर दस्तखत कराने के मामले में निरुद्ध है.

पूर्व सांसद अतीक अहमद के अकाउंटेंट का होगा पॉलीग्राफ.
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Published : Aug 30, 2019, 10:53 AM IST

लखनऊ: प्रापर्टी डीलर मोहित जायसवाल को अगवा कर देवरिया जेल ले जाने व जेल में ही मारने-पीटने व रंगदारी वसूलने तथा जबरन कई कागजातों पर दस्तखत कराने के मामले में निरुद्ध अभियुक्तों में से एक पवन कुमार सिंह का पॉलीग्राफ टेस्ट किया जाएगा. सीबीआई की विशेष अदालत ने इसकी अनुमति सीबीआई को दी है.

पवन कुमार सिंह पूर्व सांसद अतीक अहमद का अकाउंटेंट है. सीबीआई के विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट सुब्रत पाठक ने यह आदेश सीबीआई की अर्जी व अभियुक्त पवन की आपत्ती पर दिया है.

सीबीआई की दलील
सीबीआई की दलील थी कि पवन कुमार सिंह जांच में सहयोग नहीं कर रहा है. पीड़ित मोहित जायसावल ने अपने बयान में स्पष्ट बताया है कि पवन ही वो लेटर लेकर आया था, जिस पर उससे जबरन दस्तखत कराए गए थे. इस लेटर के जरिए ही पीड़ित को उसकी चार कम्पनियों की डायरेक्टरशिप से रिजाइन कराया गया था.

इस घटना के बाद पवन के एकाउंट में छह लाख रुपये भी जमा हुए. सीबीआई का कहना है कि पवन से यह जानकारी हासिल करनी है कि किस कम्प्यूटर से उक्त लेटर टाईप हुआ और कहां से उसके एकाउंट में छह लाख रुपये आए.

पूर्व सांसद अतीक अहमद के अकाउंटेंट का होगा पॉलीग्राफ
दूसरी तरफ अदालत के समक्ष अभियुक्त पवन कुमार सिंह ने लिखित बयान दिया कि है कि वह पॉलीग्राफ टेस्ट कराने को तैयार है. उसने कहा कि उस पर कोई दबाव नहीं है. वह स्वेच्छा से अपनी सहमति दे रहा है. इसके बाद सीबीआई को इस मामले में अभियुक्त गुलाम मोइनुद्दीन सिद्दीकी, इरफान व गुलाम सरवर से जेल में पूछताछ की इजाजत भी मिल गई थी.

इस मामले में अतीक अहमद समेत कुल 11 अभियुक्त न्यायिक हिरासत में हैं, जबकि अतीक अहमद का बेटा मोहम्मद उमर फरार चल रहा है.

अपहरण मोहित जायसवाल का बयान
29 दिसंबर 2018 को रियल स्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल ने इस मामले की एफआईआर दर्ज कराई थी. इसके मुताबिक देवरिया जेल में निरुद्ध अतीक अहमद ने अपने गुर्गो के जरिए गोमती नगर आफिस से उसका अपहरण करा लिया. तमंचे के बल पर उसे देवरिया जेल ले जाया गया.

जहां उसको बहुत पिटा गया उसके बेसुध होते ही स्टाम्प पेपर पर दस्तखत बनवा लिया गया और करीब 45 करोड़ की सम्पति अपने नाम करा ली. साथ ही जानमाल की धमकी भी दी. अतीक के गुर्गो ने उसकी एसयूवी गाड़ी भी लूट ली.

लखनऊ: प्रापर्टी डीलर मोहित जायसवाल को अगवा कर देवरिया जेल ले जाने व जेल में ही मारने-पीटने व रंगदारी वसूलने तथा जबरन कई कागजातों पर दस्तखत कराने के मामले में निरुद्ध अभियुक्तों में से एक पवन कुमार सिंह का पॉलीग्राफ टेस्ट किया जाएगा. सीबीआई की विशेष अदालत ने इसकी अनुमति सीबीआई को दी है.

पवन कुमार सिंह पूर्व सांसद अतीक अहमद का अकाउंटेंट है. सीबीआई के विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट सुब्रत पाठक ने यह आदेश सीबीआई की अर्जी व अभियुक्त पवन की आपत्ती पर दिया है.

सीबीआई की दलील
सीबीआई की दलील थी कि पवन कुमार सिंह जांच में सहयोग नहीं कर रहा है. पीड़ित मोहित जायसावल ने अपने बयान में स्पष्ट बताया है कि पवन ही वो लेटर लेकर आया था, जिस पर उससे जबरन दस्तखत कराए गए थे. इस लेटर के जरिए ही पीड़ित को उसकी चार कम्पनियों की डायरेक्टरशिप से रिजाइन कराया गया था.

इस घटना के बाद पवन के एकाउंट में छह लाख रुपये भी जमा हुए. सीबीआई का कहना है कि पवन से यह जानकारी हासिल करनी है कि किस कम्प्यूटर से उक्त लेटर टाईप हुआ और कहां से उसके एकाउंट में छह लाख रुपये आए.

पूर्व सांसद अतीक अहमद के अकाउंटेंट का होगा पॉलीग्राफ
दूसरी तरफ अदालत के समक्ष अभियुक्त पवन कुमार सिंह ने लिखित बयान दिया कि है कि वह पॉलीग्राफ टेस्ट कराने को तैयार है. उसने कहा कि उस पर कोई दबाव नहीं है. वह स्वेच्छा से अपनी सहमति दे रहा है. इसके बाद सीबीआई को इस मामले में अभियुक्त गुलाम मोइनुद्दीन सिद्दीकी, इरफान व गुलाम सरवर से जेल में पूछताछ की इजाजत भी मिल गई थी.

इस मामले में अतीक अहमद समेत कुल 11 अभियुक्त न्यायिक हिरासत में हैं, जबकि अतीक अहमद का बेटा मोहम्मद उमर फरार चल रहा है.

अपहरण मोहित जायसवाल का बयान
29 दिसंबर 2018 को रियल स्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल ने इस मामले की एफआईआर दर्ज कराई थी. इसके मुताबिक देवरिया जेल में निरुद्ध अतीक अहमद ने अपने गुर्गो के जरिए गोमती नगर आफिस से उसका अपहरण करा लिया. तमंचे के बल पर उसे देवरिया जेल ले जाया गया.

जहां उसको बहुत पिटा गया उसके बेसुध होते ही स्टाम्प पेपर पर दस्तखत बनवा लिया गया और करीब 45 करोड़ की सम्पति अपने नाम करा ली. साथ ही जानमाल की धमकी भी दी. अतीक के गुर्गो ने उसकी एसयूवी गाड़ी भी लूट ली.

प्रॉपर्टी डीलर को अगवा करने का मामला
अभियुक्त पवन कुमार सिंह का होगा पॉलीग्राफ टेस्ट
पूर्व सांसद अतीक अहमद का अकाउंटेंट है पवन

विधि संवाददाता

लखनऊ। प्रापर्टी डीलर मोहित जायसवाल को अगवा कर देवरिया जेल ले जाने व जेल में ही मारने-पीटने व रंगदारी वसूलने तथा जबरन कई कागजातों पर दस्तखत कराने के मामले में निरुद्ध अभियुक्तों में से एक पवन कुमार सिंह का पॉलीग्राफ टेस्ट किया जाएगा। सीबीआई की विशेष अदालत ने इसकी अनुमति सीबीआई को दी है। पवन कुमार सिंह पूर्व सांसद अतीक अहमद का अकाउंटेंट है। सीबीआई के विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट सुब्रत पाठक ने यह आदेश सीबीआई की अर्जी व अभियुक्त पवन की अनापत्ति पर दिया है।

सीबीआई की दलील थी कि पवन कुमार सिंह जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। जबकि पीड़ित मोहित जायसावल ने अपने बयान में स्पष्ट बताया है कि पवन ही वो लेटर लेकर आया था, जिस पर उससे जबरन दस्तखत कराए गए थे। इस लेटर के जरिए ही पीड़ित को उसकी चार कम्पनियों की डायरेक्टरशिप से रिजाइन कराया गया था। इस घटना के बाद पवन के एकाउंट में छह लाख रुपए भी जमा हुए। सीबीआई का कहना है कि पवन से यह जानकारी हासिल करनी है कि किस कम्प्यूटर से उक्त लेटर टाईप हुआ और कहां से उसके एकाउंट में छह लाख रुपए आए।

दूसरी तरफ अदालत के समक्ष अभियुक्त पवन कुमार सिंह ने लिखित बयान दिया कि है कि वह पॉलीग्राफ टेस्ट कराने को तैयार है। उसने कहा कि उस पर कोई दबाव नहीं है। वह स्वेच्छा से अपनी सहमति दे रहा है। इसके बाद सीबीआई को इस मामले में अभियुक्त गुलाम मोइनुद्दीन सिद्दीकी, इरफान व गुलाम सरवर से जेल में पूछताछ की इजाजत भी मिल गई थी। इस मामले में अतीक अहमद समेत कुल 11 अभियुक्त न्यायिक हिरासत में हैं। जबकि अतीक अहमद का बेटा मोहम्मद उमर फरार चल रहा है।

थाना कृष्णानगर से संबधित इस मामले की विवेचना पहले स्थानीय पुलिस कर रही थी। विवेचना के बाद पुलिस ने इस मामले में अतीक अहमद समेत कुल आठ अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से इस मामले की विवेचना सीबीआई कर रही है।

मामला

29 दिसंबर 2018 को रियल स्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल ने इस मामले की एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसके मुताबिक देवरिया जेल में निरुद्ध अतीक अहमद ने अपने गुर्गो के जरिए गोमती नगर आफिस से उसका अपहरण करा लिया। तंमचे के बल पर उसे देवरिया जेल ले जाया गया। अतीक ने उसे एक सादे स्टाम्प पेपर पर दस्तखत करने को कहा। उसने इंकार कर दिया। इस पर अतीक ने अपने बेटे उमर तथा गुर्गे गुरफान, फारुख, गुलाम व इरफान के साथ मिलकर उसे तंमचे व लोहे की राड से बेतहाशा पीटा। उसके बेसुध होते ही स्टाम्प पेपर पर दस्तखत बनवा लिया और करीब 45 करोड़ की सम्पति अपने नाम करा ली। साथ ही जानमाल की धमकी भी दी। अतीक के गुर्गो ने उसकी एसयूवी गाड़ी भी लूट ली।


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Chandan Srivastava
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