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यूपी में फॉग के साथ बढ़ रहा प्रदूषण स्तर, धूप नहीं निकलने से दोपहर में एक्यूआई पहुंचा 150 पार - AQI of UP

उत्तर प्रदेश में कोहरे के कारण प्रदूषण लेवल (Pollution in UP) में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक कोहरा नहीं छंटने की वजह से धुंध हो रही है जो प्रदूषण बढ़ाने का प्रमुख कारक है. देखिए यूपी के शहरों में प्रदूषण की स्थिति.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 30, 2023, 2:59 PM IST

लखनऊ : यूपी में बीते दो दिनों से लगातार कोहरे की चादर के चलते दिन में धूप नहीं निकल रही है. यही कारण है कि फॉग के साथ धुंध होने के चलते प्रदूषण स्तर भी काफी बढ़ गया है. पिछले एक हफ्ते पहले सुबह शाम और रात के समय घना कोहरा पड़ रहा था. जिसके चलते प्रदूषण स्तर भी काफी ज्यादा बढ़ा हुआ है. अमूमन दोपहर के समय एयर क्वालिटी इंडेक्स कम हो जाता है. बीते दो दिनों से लगातार दोपहर के समय धूप नहीं निकलने के कारण प्रदूषण स्तर में तेजी से बढ़त देखने को मिल रही है.

औद्योगिक क्षेत्र में बढ़ रहा प्रदूषण.
औद्योगिक क्षेत्र में बढ़ रहा प्रदूषण.

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. उमेश चंद्र शुक्ला ने बताया कि इन दिनों लगातार प्रदूषण स्तर बढ़ रहा है. दोपहर के समय प्रदूषण स्तर लगभग 100 से 150 अंक के बीच पहुंच जाता था, लेकिन बीते दो दिनों से लगातार दोपहर के समय कोहरा नहीं छंटने से प्रदूषण स्तर 150 अंक के पार पहुंच जा रहा है. राजधानी लखनऊ में बीते दो दिनों से दोपहर में धूप नहीं निकली है. शनिवार को भी दोपहर 12 बजे तक कोहरे की चादर लदी रही. जैसे-जैसे गलन वाली ठंड बढ़ रही है वैसे ही फॉग के साथ धुंध बढ़ रही है. गलन वाली सर्दी में फॉग तेजी से बढ़ता है और कोहरा कम नहीं होता है. जिसके चलते प्रदूषण स्तर का मानक काफी अधिक बढ़ जाता है. ऐसे मौसम में बहुत ही संभल के रहने की आवश्यकता है. अगर जरूरत है तो बाहर निकलें वरना घर में ही रहें, ठंड से बचने के लिए अलाव जलाएं. प्लास्टिक या किसी प्रकार के खाद्य सामग्री की पैकेट या बोतल इत्यादि न जलाएं, इससे प्रदूषण स्तर और भी ज्यादा बढ़ जाता है.

प्रदूषण का मानक.
प्रदूषण का मानक.



सेंट्रल कंट्रोल पॉल्यूशन बोर्ड (सीपीसीबी) की शनिवार दोपहर 12 बजे की रिपोर्ट के मुताबिक नोएडा का एक्यूआई 324, मेरठ का एक्यूआई 242, गाजियाबाद का एक्यूआई 324, ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 276, गोरखपुर का एक्यूआई 128, प्रयागराज का एक्यूआई 137, लखनऊ का एक्यूआई 181, मुरादाबाद का एक्यूआई 149, वृंदावन का एक्यूआई 87, गोरखपुर का एक्यूआई 119, कानपुर का एक्यूआई 142, बरेली का एक्यूआई 102, झांसी का एक्यूआई 131, प्रतापगढ़ का एक्यूआई 205 और वाराणसी का एक्यूआई 91 है.



सिविल अस्पताल के चेस्ट फिजिशियन डॉ. एनबी सिंह के मुताबिक इस समय अस्पताल की ओपीडी में अस्थमा से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ गई है. रोजाना नॉर्मल दिनों में जो ओपीडी 100 से 150 मरीज की चलती थी, वह बढ़कर के करीब 250 से 300 पहुंच रही है. नेत्ररोग विभाग के डॉ. प्रेम दुबे ने बताया कि इस समय प्रदूषण के चलते आंखों में जलन के मामले अधिक आ रहे हैं. मरीजों की शिकायत होती है कि उनकी आंखों में बहुत जलन हो रही है. इसके अलावा आंखें लाल हो रही हैं. यह सब लक्षण जब लोग बाहर निकलते हैं और प्रदूषण के कण आंखों में चले जाते हैं तब यह समस्याएं शुरू होती हैं.



यह भी पढ़ें : काल बना प्रदूषण, ले रहा जान, जानिए विशेषज्ञों से समाधान

यूपी में सुबह-शाम बढ़ जाता है प्रदूषण स्तर, दोपहर कम हो जाता है एक्यूआई...

लखनऊ : यूपी में बीते दो दिनों से लगातार कोहरे की चादर के चलते दिन में धूप नहीं निकल रही है. यही कारण है कि फॉग के साथ धुंध होने के चलते प्रदूषण स्तर भी काफी बढ़ गया है. पिछले एक हफ्ते पहले सुबह शाम और रात के समय घना कोहरा पड़ रहा था. जिसके चलते प्रदूषण स्तर भी काफी ज्यादा बढ़ा हुआ है. अमूमन दोपहर के समय एयर क्वालिटी इंडेक्स कम हो जाता है. बीते दो दिनों से लगातार दोपहर के समय धूप नहीं निकलने के कारण प्रदूषण स्तर में तेजी से बढ़त देखने को मिल रही है.

औद्योगिक क्षेत्र में बढ़ रहा प्रदूषण.
औद्योगिक क्षेत्र में बढ़ रहा प्रदूषण.

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. उमेश चंद्र शुक्ला ने बताया कि इन दिनों लगातार प्रदूषण स्तर बढ़ रहा है. दोपहर के समय प्रदूषण स्तर लगभग 100 से 150 अंक के बीच पहुंच जाता था, लेकिन बीते दो दिनों से लगातार दोपहर के समय कोहरा नहीं छंटने से प्रदूषण स्तर 150 अंक के पार पहुंच जा रहा है. राजधानी लखनऊ में बीते दो दिनों से दोपहर में धूप नहीं निकली है. शनिवार को भी दोपहर 12 बजे तक कोहरे की चादर लदी रही. जैसे-जैसे गलन वाली ठंड बढ़ रही है वैसे ही फॉग के साथ धुंध बढ़ रही है. गलन वाली सर्दी में फॉग तेजी से बढ़ता है और कोहरा कम नहीं होता है. जिसके चलते प्रदूषण स्तर का मानक काफी अधिक बढ़ जाता है. ऐसे मौसम में बहुत ही संभल के रहने की आवश्यकता है. अगर जरूरत है तो बाहर निकलें वरना घर में ही रहें, ठंड से बचने के लिए अलाव जलाएं. प्लास्टिक या किसी प्रकार के खाद्य सामग्री की पैकेट या बोतल इत्यादि न जलाएं, इससे प्रदूषण स्तर और भी ज्यादा बढ़ जाता है.

प्रदूषण का मानक.
प्रदूषण का मानक.



सेंट्रल कंट्रोल पॉल्यूशन बोर्ड (सीपीसीबी) की शनिवार दोपहर 12 बजे की रिपोर्ट के मुताबिक नोएडा का एक्यूआई 324, मेरठ का एक्यूआई 242, गाजियाबाद का एक्यूआई 324, ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 276, गोरखपुर का एक्यूआई 128, प्रयागराज का एक्यूआई 137, लखनऊ का एक्यूआई 181, मुरादाबाद का एक्यूआई 149, वृंदावन का एक्यूआई 87, गोरखपुर का एक्यूआई 119, कानपुर का एक्यूआई 142, बरेली का एक्यूआई 102, झांसी का एक्यूआई 131, प्रतापगढ़ का एक्यूआई 205 और वाराणसी का एक्यूआई 91 है.



सिविल अस्पताल के चेस्ट फिजिशियन डॉ. एनबी सिंह के मुताबिक इस समय अस्पताल की ओपीडी में अस्थमा से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ गई है. रोजाना नॉर्मल दिनों में जो ओपीडी 100 से 150 मरीज की चलती थी, वह बढ़कर के करीब 250 से 300 पहुंच रही है. नेत्ररोग विभाग के डॉ. प्रेम दुबे ने बताया कि इस समय प्रदूषण के चलते आंखों में जलन के मामले अधिक आ रहे हैं. मरीजों की शिकायत होती है कि उनकी आंखों में बहुत जलन हो रही है. इसके अलावा आंखें लाल हो रही हैं. यह सब लक्षण जब लोग बाहर निकलते हैं और प्रदूषण के कण आंखों में चले जाते हैं तब यह समस्याएं शुरू होती हैं.



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