लखनऊ : प्रदेश में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. यूपी के कई शहरों की हवा बहुत जहरीली हो गई है. कुछ शहरों में वायु प्रदूषण बेहद खतरनाक स्थित में है. इसमें ग्रेटर नोएडा में एक्यूआई 336, गाजियाबाद में 309, लखनऊ में 312, प्रयागराज में 181, मुजफ्फरनगर में 266, बनारस में 196, आगरा में 209, कानपुर में 229 और मेरठ में 313 एक्यूआई है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड रिपोर्ट के मुताबिक, इन दिनों लखनऊ की आबोहवा दूषित हो गई है. रिपोर्ट के अनुसार, बीते शुक्रवार को शहर का एक्यूआई 209 था, वहीं शनिवार को शहर का एक्यूआई 312 है. ठंड बढ़ते ही सुबह शाम घना कोहरा रहता है, वहीं प्रदूषण का स्तर भी लगातार बढ़ रहा है. जिसके चलते लोग आंखों की एलर्जी से परेशान हैं.
बता दें कि राजधानी के तालकटोरा इंडस्ट्रियल एरिया का एक्यूआई 326, सेंट्रल स्कूल का एक्यूआई 370, लालबाग का एक्यूआई 365, गोमतीनगर का एक्यूआई 252, भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी क्षेत्र का एक्यूआई 312 और कुकरैल पिकनिक स्पॉटस्पॉट-1 का एक्यूआई 306 है. राजधानी लखनऊ के यह क्षेत्र इंडस्ट्रियल एरिया में शामिल होते हैं. यहां पर कल कारखाने का काम अधिक होता है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की एयर क्वालिटी इंडेक्स रिपोर्ट के अनुसार, बीते मंगलवार को प्रदूषित शहरों में आगरा भी शामिल था. रिपोर्ट के मुताबिक आगरा का एक्यूआई 343 पहुंच गया था, हालांकि वर्तमान में आगरा का एक्यूआई 209 है. गाजियाबाद के बाद नोएडा, लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, गुरुग्राम, ग्वालियर, हापुड़, कानपुर, कुरुक्षेत्र, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर और प्रयागराज खराब एक्यूआई की लिस्ट में शामिल हैं.
अस्पताल में बढ़ रहे आंखों के मरीज : हजरतगंज क डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रेम ने बताया कि "मौजूदा समय में लगातार वायु प्रदूषण बढ़ रहा है. वायु प्रदूषण बढ़ने के कारण मरीजों की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है. जितने भी मरीज आंखों में जलन के कारण आ रहे हैं उनमें एक समान लक्षण हैं. आंखों में जलन, आंखों से पानी आना और आंखों का लाल हो जाना. यह तीन लक्षण के साथ इस समय मरीज अस्पताल की ओपीडी में आ रहे हैं. इनकी संख्या 10 में से तीन है, लेकिन जहां वायु प्रदूषण के कारण एक भी मरीज नहीं आ रहे थे, वहां अब दो या तीन मरीज हर रोज की ओपीडी में आ रहे हैं.