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राजधानी लखनऊ की हवा में जहर घोल रहे वाहनों पर आरटीओ की नजर

उत्तर प्रदेश की राजधानी में बढ़ते प्रदूषण की वजह से लोगों का जीना मुहाल है. लिहाजा अब परिवहन विभाग के प्रवर्तन दस्ते सड़क पर उतरकर प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.

विदिशा सिंह आरटीओ प्रवर्तन.
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Published : Nov 17, 2019, 4:38 PM IST

लखनऊ: प्रदूषण के मामले में प्रदेश की राजधानी देश के 10 टॉप शहरों में शुमार है. लखनऊ की सड़कों पर तमाम ऐसे वाहन दौड़ रहे हैं जो प्रदूषण फैला रहे हैं. शहर की फिजाओं में जहर घोल रहे, ऐसे वाहनों के खिलाफ परिवहन विभाग अब सख्त रुख अख्तियार करने जा रहा है. परिवहन विभाग के प्रवर्तन दस्ते सड़क पर उतरकर प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.

लखनऊ में प्रदूषण से लोगों को सांस लेने में हो रही दिक्कत.

प्रदूषण से लोगों को सांस लेने में हो रही दिक्कत
शहर में बढ़ते प्रदूषण से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. लोग मास्क लगाकर सड़कों पर निकल रहे हैं. इस प्रदूषण के बढ़ते स्तर के पीछे कहीं न कहीं डीजल टेंपो और डीजल संचालित वाहन बड़ी भूमिका निभा रहे हैं. लिहाजा, एक बार फिर विभाग सख्ती के मूड में है. हालांकि परिवहन विभाग के पास कोई ऐसे उपकरण नहीं है, जिनसे प्रदूषण के स्तर को मापा जा सके.

1500 वाहनों को किया गया निरुद्ध
नवंबर के शुरुआत तक लखनऊ आरटीओ की तरफ से 1500 वाहनों को निरुद्ध किया जा चुका है. वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए प्रवर्तन दस्ते सड़क पर उतर कर अभियान चला रहे हैं. वहीं बिना जांचे पॉल्यूशन सर्टिफिकेट जारी न करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं.

लखनऊ: प्रदूषण के मामले में प्रदेश की राजधानी देश के 10 टॉप शहरों में शुमार है. लखनऊ की सड़कों पर तमाम ऐसे वाहन दौड़ रहे हैं जो प्रदूषण फैला रहे हैं. शहर की फिजाओं में जहर घोल रहे, ऐसे वाहनों के खिलाफ परिवहन विभाग अब सख्त रुख अख्तियार करने जा रहा है. परिवहन विभाग के प्रवर्तन दस्ते सड़क पर उतरकर प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.

लखनऊ में प्रदूषण से लोगों को सांस लेने में हो रही दिक्कत.

प्रदूषण से लोगों को सांस लेने में हो रही दिक्कत
शहर में बढ़ते प्रदूषण से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. लोग मास्क लगाकर सड़कों पर निकल रहे हैं. इस प्रदूषण के बढ़ते स्तर के पीछे कहीं न कहीं डीजल टेंपो और डीजल संचालित वाहन बड़ी भूमिका निभा रहे हैं. लिहाजा, एक बार फिर विभाग सख्ती के मूड में है. हालांकि परिवहन विभाग के पास कोई ऐसे उपकरण नहीं है, जिनसे प्रदूषण के स्तर को मापा जा सके.

1500 वाहनों को किया गया निरुद्ध
नवंबर के शुरुआत तक लखनऊ आरटीओ की तरफ से 1500 वाहनों को निरुद्ध किया जा चुका है. वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए प्रवर्तन दस्ते सड़क पर उतर कर अभियान चला रहे हैं. वहीं बिना जांचे पॉल्यूशन सर्टिफिकेट जारी न करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं.

Intro:शहर की फिजाओं में जहर घोल रहे वाहनों पर आरटीओ की नजरें टेढ़ी, होगी कड़ी कार्रवाई चलेगा विशेष अभियान

लखनऊ। प्रदूषण के मामले में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ देश के 10 टॉप शहरों में शुमार है। लखनऊ की सड़कों पर तमाम ऐसे वाहन दौड़ रहे हैं जो प्रदूषण फैला रहे हैं। शहर की फिजाओं में जहर घोल रहे ऐसे प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ परिवहन विभाग अब सख्त रुख अख्तियार करने जा रहा है जिलाधिकारी के निर्देश पर अब परिवहन विभाग के प्रवर्तन दस्ते सड़क पर उतरकर प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे, उन्हें थानों में बंद कराएंगे।

Body:लखनऊ शहर में बढ़ते प्रदूषण के स्तर से लोगों को सांस लेना भी दूभर हो गया है। मास्क लगाकर लोग सड़कों पर निकल रहे हैं और इस प्रदूषण के बढ़ते स्तर के पीछे कहीं न कहीं डीजल टेंपो और डीजल संचालित वाहन बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। वैसे तो समय-समय पर परिवहन विभाग की तरफ से प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की चेकिंग कर कार्रवाई की जाती है लेकिन बढ़ते हुए प्रदूषण को देखते हुए यह कार्रवाई काफी कम नजर आ रही है। लिहाजा, एक बार फिर विभाग सख्ती के मूड में है। हालांकि संसाधनों की बात की जाए तो परिवहन विभाग के पास कोई अपने ऐसे उपकरण नहीं है जिनकी वजह से प्रदूषण के स्तर को जांचा जा सके कि कौन से वाहन प्रदूषण फैला रहे हैं, सिर्फ प्रदूषण सर्टिफिकेट पर ही अधिकारी वाहन पर कार्रवाई कर सकने में समर्थ हैं।

Conclusion:अप्रैल से नवंबर माह तक लखनऊ आरटीओ की तरफ से 1500 प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को निरुद्ध किया जा चुका है। सिर्फ नवंबर माह में ही अब तक 66 वाहनों पर कार्रवाई की गई है लेकिन ये कार्रवाई प्रदूषण के स्तर को देखते हुए कम लग रही है। लिहाजा एक बार फिर कड़ी कार्रवाई किए जाने की तैयारी हो रही है। अभी भी हर रोज 2 से 3 घंटे तक प्रवर्तन दस्ते सड़क पर उतर कर अभियान चला रहे हैं। जहां तक वाहनों के प्रदूषण स्तर जांचने की बात है तो सख्त निर्देश दिया गया है कि कोई भी प्रदूषण केंद्र बिना जांचे पॉल्यूशन सर्टिफिकेट जारी न करें। अगर ऐसे वाहन चेकिंग के दौरान सड़क पर मिलते हैं तो निश्चित तौर पर कड़ी कार्रवाई होगी।

बाइट: विदिशा सिंह: आरटीओ (प्रवर्तन) लखनऊ

Akhil pandey, Lucknow, 9336864096
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