लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधान परिषद की पिक्चर गैलरी में वीर सावरकर की तस्वीर लगाए जाने को लेकर मचे सियासी बवाल के बीच विधान परिषद सभापति रमेश यादव ने इस मामले के लिए जांच के आदेश प्रमुख सचिव विधान परिषद को दिए हैं. विधान परिषद में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के तस्वीरों के साथ ही विनायक दामोदर सावरकर की तस्वीर लगाई गई है. जिसको लेकर उत्तर प्रदेश कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य दीपक सिंह ने नाराजगी जताते हुए इसे हटाने की मांग की थी.
बीजेपी और कांग्रेस के बीच सावरकर के चित्र को लेकर हो रहे बवाल के मद्देनजर अब जांच के आदेश दिए गए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 1 दिन पहले मंगलवार को विधान परिषद की पिक्चर गैलरी में लगे चित्र व सौंदर्यीकरण के कार्यों का लोकार्पण करते हुए सावरकर के व्यक्तित्व को महान बताते हुए देशवासियों को प्रेरणा लेने की बात कही थी.
कांग्रेस एमएलसी ने जताई थी आपत्ति
विधान परिषद के गलियारे में सावरकर की तस्वीर लगाए जाने पर कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह ने आपत्ति जताई थी. कहा था कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों क्रांतिकारियों के बीच सावरकर का चित्र लगाना उन महापुरुषों का अपमान है. अंग्रेजों से माफी मांगने वाले उनके साथ मिलकर देश के विरुद्ध लड़ने वाले मोहम्मद अली जिन्ना की तरह दो राष्ट्र की मांग करने वाले को सिर्फ भाजपा ही स्वतंत्रता सेनानी मान सकती है.
भाजपा अपने कार्यालयों में लगाए चित्र
विधान परिषद में आने जाने वाले लोग और छात्र क्या इससे प्रेरणा ले पाएंगे. उन्होंने मांग की थी कि तत्काल सावरकर के चित्र को विधान परिषद की पिक्चर गैलरी से हटाया जाए और अगर भाजपा को इतना ही सावरकर से प्रेम है, तो भाजपा के विधान परिषद कार्यालय या अन्य कार्यालयों में लगाया जाए.