लखनऊ: राजधानी लखनऊ में चल रहे CAA, NRC और NPR के खिलाफ महिलाओं के 47वें दिन धरने प्रदर्शन में एक बार फिर से पुलिसिया कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े हुए हैं. धरने में शामिल महिलाओं ने पुलिस पर जबरन डर का माहौल बनाने के आरोप के साथ छोटी बच्ची को भी जीप से फेंकने का आरोप लगाया है.
लखनऊ में घंटाघर पर चल रहे महिलाओं के प्रदर्शन में पुलिस की कार्रवाई के चलते अचानक महिलाओं में दहशत का माहौल दिखा. पुलिस ने देर रात धरने स्थल पर पहुंचकर आसपास खड़े लोगों को खदेड़ना शुरू कर दिया, जिसमें सपा के पूर्व मंत्री यामीन खान को भी हिरासत में ले लिया गया.
इस दौरान महिलाओं ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए मीडिया को बताया कि पुलिस ने मनमाने और गैर जिम्मेदाराना तरीके से पुरुषों के साथ 5 साल की बच्ची को भी उठा लिया. बच्ची को पुलिस ने गैरकानूनी तरीके से बीच रास्ते में जीप से फेंक दिया.
प्रदर्शनकारी महिला ने बताया कि पुलिस ने देर रात उनके पति के साथ उनको घर से हिरासत में ले लिया और महिला को बीच रास्ते में उतार के उनके पति को कहीं ले गए, जिसके बाद से उनको अपने पति की कोई जानकारी नहीं दी जा रही है.
हालांकि इस घटना के बाद पुलिस ने लिखित में बयान जारी करते हुए कहा है कि पुलिस द्वारा पकड़े गए लोग पिछले मुकदमों में वांटेड है और किसी बच्चे को पुलिस द्वारा नहीं उठाया गया है. किसी आम पब्लिक को पुलिस द्वारा नहीं पकड़ा गया है और न ही दौड़ाया गया है. सिर्फ वांछित अभियुक्त की पिछले मुकदमों के कारण गिरफ्तारी की जा रही है.