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दुर्गेश यादव मर्डर केस, आरोपी पलक ठाकुर सहित दो गिरफ्तार - दुर्गेश यादव मर्डर केस

लखनऊ पुलिस ने बुधवार देर रात हिस्ट्रीशीटर दुर्गेश यादव की हत्या के आरोप में पलक यादव समेत दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों ने बताया कि दुर्गेश बड़ा जालसाज था और उसने पलक समेत कई लोगों से लाखों रुपये की ठगी की थी.

हिस्ट्रीशीटर अपराधी की हत्या का खु
हिस्ट्रीशीटर अपराधी की हत्या का खु
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Published : Sep 3, 2020, 4:16 AM IST

Updated : Sep 3, 2020, 11:04 AM IST

लखनऊ: राजधानी के पीजीआई थाना क्षेत्र की वृंदावन कॉलोनी में बुधवार सुबह गोरखपुर के हिस्ट्रीशीटर दुर्गेश यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने इस मामले में एक महिला सहित दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त पिस्टल, पांच जिंदा कारतूस और हत्या में इस्तेमाल की गई कार बरामद कर ली है. पुलिस ने वारदात के बाद मानवेंद्र यादव की तहरीर पर फिरोजाबाद निवासी मनीष यादव, गोमती नगर की रहने वाली पलक ठाकुर और उनके अज्ञात साथियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया था.

आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि दुर्गेश एक बड़ा जालसाज था. उसने लोगों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर 65 लाख रुपए ऐंठ लिए थे. दुर्गेश यादव वृंदावन कॉलोनी के सेक्टर-14 स्थित एटा निवासी मानवेंद्र के मकान में आकर रुका था. जिसकी भनक पलक ठाकुर और उसके दोस्तों को लग गई थी. इसके बाद वे अपनी रकम की वसूली के लिए वृंदावन कॉलोनी पहुंच गए. वहां आरोपियों ने पहले दुर्गेश से मारपीट की, फिर गोली मार दी.

पुलिस ने बताया कि दुर्गेश यादव वृंदावन कॉलोनी के सेक्टर-14 के जिस मकान में रुका था. उसकी तलाशी में कई फर्जी दस्तावेज बरामद हुए हैं. दस्तावेजों के आधार पर यह आशंका जताई जा रही है दुर्गेश यादव नौकरी का झांसा देकर लोगों से बड़े पैमाने पर ठगी कर रहा था. पुलिस अब उन लोगों की तलाश भी कर रही है, जो आरोपियों के साथ कार में सवार होकर दुर्गेश की हत्या करने आए थे.

लखनऊ: राजधानी के पीजीआई थाना क्षेत्र की वृंदावन कॉलोनी में बुधवार सुबह गोरखपुर के हिस्ट्रीशीटर दुर्गेश यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने इस मामले में एक महिला सहित दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त पिस्टल, पांच जिंदा कारतूस और हत्या में इस्तेमाल की गई कार बरामद कर ली है. पुलिस ने वारदात के बाद मानवेंद्र यादव की तहरीर पर फिरोजाबाद निवासी मनीष यादव, गोमती नगर की रहने वाली पलक ठाकुर और उनके अज्ञात साथियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया था.

आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि दुर्गेश एक बड़ा जालसाज था. उसने लोगों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर 65 लाख रुपए ऐंठ लिए थे. दुर्गेश यादव वृंदावन कॉलोनी के सेक्टर-14 स्थित एटा निवासी मानवेंद्र के मकान में आकर रुका था. जिसकी भनक पलक ठाकुर और उसके दोस्तों को लग गई थी. इसके बाद वे अपनी रकम की वसूली के लिए वृंदावन कॉलोनी पहुंच गए. वहां आरोपियों ने पहले दुर्गेश से मारपीट की, फिर गोली मार दी.

पुलिस ने बताया कि दुर्गेश यादव वृंदावन कॉलोनी के सेक्टर-14 के जिस मकान में रुका था. उसकी तलाशी में कई फर्जी दस्तावेज बरामद हुए हैं. दस्तावेजों के आधार पर यह आशंका जताई जा रही है दुर्गेश यादव नौकरी का झांसा देकर लोगों से बड़े पैमाने पर ठगी कर रहा था. पुलिस अब उन लोगों की तलाश भी कर रही है, जो आरोपियों के साथ कार में सवार होकर दुर्गेश की हत्या करने आए थे.

Last Updated : Sep 3, 2020, 11:04 AM IST
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