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लखनऊ: पुलिस के पास है आरोपियों की गाड़ी का नंबर, अपराधी फिर भी पहुंच से दूर

राजधानी में पुलिस के ढीले रवैये का ताजा मामला सामने आया है. बता दें कि 22 जनवरी 2018 को राजाजीपुरम निवासी नीतीश साहनी पर कुछ अज्ञात लोगों ने हमला कर दिया था. पुलिस के पास आरोपियों के गाड़ी का नंबर भी है, लेकिन इसे बावजूद पुलिस कोई कार्रवाई करती नजर नहीं आ रही है.

नीतीश साहनी पर हमले को लेकर पीड़ित के वकील से खास बातचीत
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Published : Oct 18, 2019, 11:51 AM IST

लखनऊ: सीएम योगी लगातार कानून व्यवस्था को बेहतर करने के लिए प्रदेश पुलिस के आलाधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं, लेकिन सीएम निर्देश और अधिकारियों की सक्रियता का पलीता उन्हीं के कर्मचारी लगा रहे हैं. राजधानी में पीजीआई पुलिस के पास अपराध की घटना को अंजाम देने वाली गाड़ी का नंबर होने के बावजूद पीजीआई थाना पुलिस अपराधियों तक नहीं पहुंच पाई है.

नीतीश साहनी पर हमले को लेकर पीड़ित के वकील से खास बातचीत.

अपराधियों तक नहीं पहुंच पा रही पुलिस
राजधानी के पीजीआई थाना क्षेत्र पुलिस के पास अपराध की घटना को अंजाम देने वाली गाड़ी का नंबर होने के बावजूद भी पुलिस अपराधियों तक नहीं पहुंच पाई है. पुलिस की सुस्त इन्वेस्टिगेशन और लगातार समझौते के दबाव को लेकर पीड़ित के वकील आला अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन आलाधिकारियों से की गई शिकायतों का भी असर पीजीआई पुलिस पर नहीं पड़ रहा है.

इसे भी पढ़ें:- लखनऊ: तीन दिन बाद अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छूटा छात्र

एफआईआर दर्ज होने के बाद भी नहीं हो रही कार्रवाई
मामला पीजीआई थाने का है. आरोप है कि 22 जनवरी 2018 को राजाजीपुरम निवासी नीतीश साहनी शहीद पथ पर जा रहे थे तभी गाड़ी में सवार 7 अज्ञात लोगों ने हमला बोल दिया. आरोपियों ने नीतीश और गाड़ी में बैठे परिजनों से मारपीट और लूटपाट की. घटना पर पीजीआई थाने में एफआईआर दर्ज हुआ लेकिन अब तक आरोपियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई है.

आलाधिकारी हैं दबाव में
पीड़ित के वकील का कहना है कि एफआईआर में गाड़ी का नंबर दिया गया है लेकिन पुलिस उन पर कार्रवाई नहीं करना चाहती है. पीड़ित के वकील ने आरोप लगाए हैं कि जिस गाड़ी से घटना को अंजाम दिया गया था. वह इंडियन ऑयल के किसी बड़े अधिकारी की गाड़ी है, जिसके चलते पुलिस दबाव में कोई कार्यवाही नहीं कर रही है.

इसे भी पढ़ें:- लखनऊ: वाराणसी से लौटकर सीएम योगी लोकभवन में करेंगे समीक्षा बैठक

पीड़ित का हो रहा मानसिक शोषण
जब पीड़ित पुलिस से कार्यवाही करने की बात करता है तो पुलिस पीड़ित को ही थाने पर बुलाकर घंटों बिठाए रखती है, जिससे पीड़ित का मानसिक शोषण भी हो रहा है. कोर्ट से केस के संदर्भ में प्रगति रिपोर्ट मांगने के बावजूद भी पुलिस ने अब तक केस की प्रगति रिपोर्ट नहीं पहुंचाई है. इस पूरे मामले की शिकायत एसएसपी से लेकर डीजीपी तक की गई है लेकिन कहीं से कोई फायदा होता हुआ नजर नहीं आ रहा है.

लखनऊ: सीएम योगी लगातार कानून व्यवस्था को बेहतर करने के लिए प्रदेश पुलिस के आलाधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं, लेकिन सीएम निर्देश और अधिकारियों की सक्रियता का पलीता उन्हीं के कर्मचारी लगा रहे हैं. राजधानी में पीजीआई पुलिस के पास अपराध की घटना को अंजाम देने वाली गाड़ी का नंबर होने के बावजूद पीजीआई थाना पुलिस अपराधियों तक नहीं पहुंच पाई है.

नीतीश साहनी पर हमले को लेकर पीड़ित के वकील से खास बातचीत.

अपराधियों तक नहीं पहुंच पा रही पुलिस
राजधानी के पीजीआई थाना क्षेत्र पुलिस के पास अपराध की घटना को अंजाम देने वाली गाड़ी का नंबर होने के बावजूद भी पुलिस अपराधियों तक नहीं पहुंच पाई है. पुलिस की सुस्त इन्वेस्टिगेशन और लगातार समझौते के दबाव को लेकर पीड़ित के वकील आला अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन आलाधिकारियों से की गई शिकायतों का भी असर पीजीआई पुलिस पर नहीं पड़ रहा है.

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एफआईआर दर्ज होने के बाद भी नहीं हो रही कार्रवाई
मामला पीजीआई थाने का है. आरोप है कि 22 जनवरी 2018 को राजाजीपुरम निवासी नीतीश साहनी शहीद पथ पर जा रहे थे तभी गाड़ी में सवार 7 अज्ञात लोगों ने हमला बोल दिया. आरोपियों ने नीतीश और गाड़ी में बैठे परिजनों से मारपीट और लूटपाट की. घटना पर पीजीआई थाने में एफआईआर दर्ज हुआ लेकिन अब तक आरोपियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई है.

आलाधिकारी हैं दबाव में
पीड़ित के वकील का कहना है कि एफआईआर में गाड़ी का नंबर दिया गया है लेकिन पुलिस उन पर कार्रवाई नहीं करना चाहती है. पीड़ित के वकील ने आरोप लगाए हैं कि जिस गाड़ी से घटना को अंजाम दिया गया था. वह इंडियन ऑयल के किसी बड़े अधिकारी की गाड़ी है, जिसके चलते पुलिस दबाव में कोई कार्यवाही नहीं कर रही है.

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पीड़ित का हो रहा मानसिक शोषण
जब पीड़ित पुलिस से कार्यवाही करने की बात करता है तो पुलिस पीड़ित को ही थाने पर बुलाकर घंटों बिठाए रखती है, जिससे पीड़ित का मानसिक शोषण भी हो रहा है. कोर्ट से केस के संदर्भ में प्रगति रिपोर्ट मांगने के बावजूद भी पुलिस ने अब तक केस की प्रगति रिपोर्ट नहीं पहुंचाई है. इस पूरे मामले की शिकायत एसएसपी से लेकर डीजीपी तक की गई है लेकिन कहीं से कोई फायदा होता हुआ नजर नहीं आ रहा है.

Intro:एंकर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था प्रदेश सरकार के लिए सिरदर्द बनी हुई है सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार कानून व्यवस्था को बेहतर करने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस के आला अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश व अधिकारियों की सक्रियता का पलीता उन्हीं के कर्मचारी लगा रहे हैं आलम यह है कि राजधानी लखनऊ में गंभीर अपराधों की तक गंभीरता से जांच नहीं की जा रही है। जिसके चलते अपराधियों के हौसले बुलंद है। राजधानी लखनऊ के पीजीआई थाना क्षेत्र का एक मामला प्रकाश में आया है जिसमें पुलिस के पास अपराध की घटना को अंजाम देने वाली गाड़ी का नंबर होने के बावजूद भी अभी तक पीजीआई थाना पुलिस अपराधियों तक नहीं पहुंच पाई है। पुलिस की सुस्त इन्वेस्टिगेशन व लगातार समझौते के दबाव को लेकर पीड़ित के वकील आला अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन आला अधिकारियों से की गई शिकायतों का भी असर पीजीआई पुलिस पर नहीं पड़ रहा है।


Body:वियो

मामला पीजीआई थाने का है आरोप है कि 22 जनवरी 2018 को शहीद पथ पर जा रहे नीतीश साहनी निवासी राजाजीपुरम पर एक गाड़ी में सवार 7 अज्ञातओं ने हमला बोल दिया। आरोपियों ने नीतीश व गाड़ी में बैठे परिजनों से मारपीट और लूटपाट की।


घटना के संदर्भ में जानकारी देते हुए पीजीआई थाने में तहरीर दी गई पुलिस ने एफ आई आर दर्ज की लेकिन अब तक आरोपियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई है जबकि पीड़ित के वकील का कहना है कि f.i.r. में गाड़ी का नंबर दिया गया है अगर पुलिस आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही करना चाहती तो फिर गाड़ी के नंबर से उन तक पहुंच सकती थी। लेकिन पुलिस उन पर कार्यवाही नहीं करना चाहती है पीड़ित के वकील ने आरोप लगाए हैं कि जिस गाड़ी से घटना को अंजाम दिया गया था व इंडियन ऑयल के किसी बड़े अधिकारी की गाड़ी है जिसके चलते पुलिस दबाव में कोई कार्यवाही नहीं कर रही है वकील ने आरोप लगाए कि जब पीड़ित पुलिस से कार्यवाही करने की बात करता है तो पुलिस पीड़ित को ही थाने पर बुलाकर घंटों बिठाए रखती है जिससे पीड़ित का मानसिक शोषण भी हो रहा है पुलिस पर मनमाने रवैए का आरोप लगाते हुए वकील ने यह भी कहा है कि कोर्ट से केस के संदर्भ में प्रगति रिपोर्ट मांगने के बावजूद भी पुलिस ने अब तक केस की प्रगति रिपोर्ट नहीं पहुंचाई है इस पूरे मामले की शिकायत एसएसपी से लेकर डीजीपी तक की गई है लेकिन कहीं से कोई फायदा होता हुआ नजर नहीं आ रहा है

वर्जन- इस बारे में जब पीजीआई इंस्पेक्टर अशोक कुमार सरोज से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है केस के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने मैं भी पीजीआई इंस्पेक्टर नाकामयाब है। हाला की सफाई देते हुए पीजीआई इंस्पेक्टर ने कहा कि अभी मुझे आए हुए कम समय हुआ है मैं मामले की जानकारी कर कार्यवाही करूंगा।



बाइट- पीड़ित के वकील प्रदीप सिंह


Conclusion:संवाददाता प्रशांत मिश्रा 90 2639 25 26
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