लखनऊ: सीएम योगी लगातार कानून व्यवस्था को बेहतर करने के लिए प्रदेश पुलिस के आलाधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं, लेकिन सीएम निर्देश और अधिकारियों की सक्रियता का पलीता उन्हीं के कर्मचारी लगा रहे हैं. राजधानी में पीजीआई पुलिस के पास अपराध की घटना को अंजाम देने वाली गाड़ी का नंबर होने के बावजूद पीजीआई थाना पुलिस अपराधियों तक नहीं पहुंच पाई है.
अपराधियों तक नहीं पहुंच पा रही पुलिस
राजधानी के पीजीआई थाना क्षेत्र पुलिस के पास अपराध की घटना को अंजाम देने वाली गाड़ी का नंबर होने के बावजूद भी पुलिस अपराधियों तक नहीं पहुंच पाई है. पुलिस की सुस्त इन्वेस्टिगेशन और लगातार समझौते के दबाव को लेकर पीड़ित के वकील आला अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन आलाधिकारियों से की गई शिकायतों का भी असर पीजीआई पुलिस पर नहीं पड़ रहा है.
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एफआईआर दर्ज होने के बाद भी नहीं हो रही कार्रवाई
मामला पीजीआई थाने का है. आरोप है कि 22 जनवरी 2018 को राजाजीपुरम निवासी नीतीश साहनी शहीद पथ पर जा रहे थे तभी गाड़ी में सवार 7 अज्ञात लोगों ने हमला बोल दिया. आरोपियों ने नीतीश और गाड़ी में बैठे परिजनों से मारपीट और लूटपाट की. घटना पर पीजीआई थाने में एफआईआर दर्ज हुआ लेकिन अब तक आरोपियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई है.
आलाधिकारी हैं दबाव में
पीड़ित के वकील का कहना है कि एफआईआर में गाड़ी का नंबर दिया गया है लेकिन पुलिस उन पर कार्रवाई नहीं करना चाहती है. पीड़ित के वकील ने आरोप लगाए हैं कि जिस गाड़ी से घटना को अंजाम दिया गया था. वह इंडियन ऑयल के किसी बड़े अधिकारी की गाड़ी है, जिसके चलते पुलिस दबाव में कोई कार्यवाही नहीं कर रही है.
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पीड़ित का हो रहा मानसिक शोषण
जब पीड़ित पुलिस से कार्यवाही करने की बात करता है तो पुलिस पीड़ित को ही थाने पर बुलाकर घंटों बिठाए रखती है, जिससे पीड़ित का मानसिक शोषण भी हो रहा है. कोर्ट से केस के संदर्भ में प्रगति रिपोर्ट मांगने के बावजूद भी पुलिस ने अब तक केस की प्रगति रिपोर्ट नहीं पहुंचाई है. इस पूरे मामले की शिकायत एसएसपी से लेकर डीजीपी तक की गई है लेकिन कहीं से कोई फायदा होता हुआ नजर नहीं आ रहा है.