लखनऊ: राजधानी के ग्रामीण इलाकों में आज भी शराब की भट्टियों में मौत धधक रही है. पुलिस और आबकारी विभाग की नाक के नीचे तस्करों का गिरोह सक्रिय है. बावजूद इसके इन अवैध तस्करों पर लगाम नहीं लग पा रही है. बंथरा में जहरीली शराब से गुरुवार रात तीन लोगों की मौत के पूर्व भी राजधानी के ग्रामीण इलाकों में घटनाएं होती रहीं है. पुलिस और आबकारी विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठते रहे हैं. शुक्रवार को पुलिस ने दबिश देकर गोसाईगंज के मुकुंदखेड़ा के जौखंडी में अंजनी रावत पत्नी रामू रावत को पुलिस ने पांच लीटर अवैध शराब के साथ गिरफ्तार किया.
50 से 70 रुपये लीटर बिकती है शराब
इन ग्रामीण इलाकों में तैयार की गई कच्ची शराब की बिक्री 50 से 70 रुपये लीटर होती है. इसका नशा बहुत तीव्र होता है. सस्ते के कारण नीचे तबके के लोग अवैध शराब का धंधा करने वाले लोगों से खरीदते हैं. इसकी बिक्री करने के लिए गिरोह के लोग एजेंट भी रखते हैं.
घरों तक में चल रहीं भट्टियां
ग्रामीण इलाकों में अवैध शराब की भट्टियां लोगों के घरों से लेकर बाग और जंगलों तक में धड़ल्ले से चल रही हैं. पुलिस अवैध रूप से शराब काम करने वाले छुटभैया लोगों को पकड़कर आए दिन पीठ थपथपाती है. पर बड़े तस्करों को नहीं पकड़ पाती है. सूत्रों की माने तो पुलिस उन्हें खुद सह देती है. ग्रामीण इलाकों में प्रति दिन अवैध शराब की करीब तीन हजार लीटर खपत है.
महिलाएं और बच्चे भी हैं इस काम में संलिप्त
शराब बिक्री के इस अवैध काम में महिलाएं और बच्चे तक संलिप्त हैं. घरों के मुखिया इनकी मदद से शराब की बिक्री करते हैं. क्योंकि महिलाओं और बच्चों पर पुलिस का शक नहीं होता है. वह बंद बोतलों और डिब्बों में गांव के अंदर और गांव के बाहर खेत-खलिहानों में इसकी डिलीवरी देने जाते हैं. बंथरा में शुक्रवार को जहरीली शराब से तीन लोगों की मौत के बाद पुलिस ने ग्रामीण इलाकों में दबिश दी. जिसके बाद गोसाईगंज के मुकुंदखेड़ा के जौखंडी में अंजनी रावत पत्नी रामू रावत को पुलिस ने पांच लीटर अवैध शराब के साथ गिरफ्तार किया. यह महिला कई वर्षों से शराब बिक्री का काम कर रहीं थीं.