लखनऊ : कोर्ट से जमानत मंजूर होने के बावजूद इटौंजा पुलिस द्वारा दो अभियुक्तों को गिरफ्तार करने के एक मामले में न्यायालय के सख्त रुख को देखते हुए, चौकी इंचार्ज बजरंग गौतम ने अदालत में हाजिर होकर माफी मांगी है. हालांकि, कोर्ट द्वारा तलब किए जाने पर थानाध्यक्ष रविंद्र कुमार सिंह अदालत में हाजिर हुए, लेकिन माफी नहीं मांगी. इसे देखते हुए पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश बृजेन्द्र त्रिपाठी (Special Judge Brijendra Tripathi) ने मामले को पुनः 4 जनवरी को सुनवाई के लिए पेश करने का आदेश दिया है.
दोनों पुलिस अधिकारियों ने आरोपी सुनील एवं उसके पिता राम खेलावन को गत 17 दिसम्बर को सुबह चार बजे दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया था. इस मामले में अदालत के कहने व सूचना देने के उपरांत भी दोनों पुलिस अधिकारियों ने उन्हें रिहा नहीं किया, जिसके बाद अदालत ने इंस्पेक्टर रविंद्र कुमार सिंह व चौकी इंचार्ज बजरंग गौतम को स्पष्टीकरण के साथ तलब कर लिया. मंगलवार को दोनों अधिकारी अदालत में हाजिर हुए, जहां पर सिर्फ बजरंग गौतम ने अपना स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि अदालत के मध्यम से सूचना मिलने के पहले गिरफ्तारी की सभी कार्यवाही पूरी की जा चुकी थीं. बजरंग गौतम ने अदालत से अनुरोध किया कि उन्हें माफ कर दिया जाए, जबकि थानाध्यक्ष ने स्पष्टीकरण का कोई जवाब नहीं दिया.
अदालत में दी गई अर्जी में कहा गया था कि सुनील एवं राम खेलावन को छोड़ने के लिए पचास हजार रुपए की मांग की जा रही है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि दोनों आरोपियों के विरुद्ध 9 नवंबर 2022 को गैर जमानती वारंट का आदेश हुआ था, लेकिन जमानत होने के बाद पैरोकार की यह जिम्मेदारी थी कि वह सम्बंधित अभियुक्त की जमानत की जानकारी थाने पर देता. यह भी कहा गया है कि अदालत द्वारा जमानत आदेश के बाबत थाने के अधिकारियों के अलावा थाना कार्यालय के सिपाही दुष्यंत को भी व्हाट्सएप से सूचित किया गया था.
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