लखनऊ : पेट्रोल पंप खुलवाने के नाम पर पांच साल पहले सामाजिक कार्यकर्ता से 60 लाख की ठगी करने वाले आरोपी मुकेश सक्सेना को राजधानी पुलिस ने देहरादून से गिरफ्तार (police arrested absconding thug from dehradun) कर लिया है. जालसाज खुद को कंपनी का कंसल्टेंट बताकर लोगों के साथ जालसाजी करता था. पुलिस ने आरोपी पर 15 हजार का इनाम घोषित कर रखा था.
डीसीपी मध्य अपर्णा रजत कौशिक (DCP Central Aparna Rajat Kaushik) ने बताया कि साल 2018 को सामाजिक कार्यकर्ता अनीता सिंह ने हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें पीड़ित ने बताया था कि साल 2015 में उनकी मुलाकात ठाकुरगंज निवासी विपिन गुप्ता से हुई थी, जहां उन्होंने खुद का एक व्यापार शुरू करने की इच्छा जाहिर की थी, जिस पर विपिन ने उनकी मुलाकात मुकेश सक्सेना से करवाई थी. मुकेश सक्सेना ने पीड़िता को पेट्रोल पंप शुरू करने की सलाह देते हुए कहा कि वह एक बड़ी कंपनी में कंसल्टेंट है और वह एग्रीमेंट कराता है. पीड़िता ने जब अपनी सहमति दी तो मुकेश ने गोमती नगर के एक पेट्रोल पंप का एग्रीमेंट करवाने की बात कही, जिसका खर्चा एक करोड़ 75 लाख रुपए बताया.
डीसीपी के मुताबिक, पीड़िता ने जालसाज को पहले 23 लाख की चेक से भुगतान किया, उसके बाद कई मदों में 60 लाख रुपए दे दिए. बावजूद इसके पीड़िता को पेट्रोल पंप नहीं मिला. इस पर वह दिल्ली स्थित कंपनी के कार्यालय गयी और अब तक पेट्रोल पंप न मिलने के बाबत पूछताछ की तो पता चला कि मुकेश सक्सेना नाम का व्यक्ति न ही कंपनी में कार्यरत है और न ही कंसल्टेंट है, जिसके बाद पीड़िता ने हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था.
डीसीपी ने बताया कि जालसाजी कर आरोपी मुकेश फरार हो गया था, जिस पर 15 हजार इनाम घोषित किया गया था. पांच साल से फरार आरोपी जालसाज को एक जनवरी को क्राइम ब्रांच व हजरतगंज थाने की टीम ने उत्तराखंड के देहरादून से धर दबोचा है.
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