लखनऊ: राजधानी की सड़कों पर वारदातों को अंजाम देने के लिए शातिर बदमाश कभी अधिवक्ता, कभी मीडियाकर्मी तो कभी पुलिसकर्मी बनकर लूट करने नजर आ रहे हैं. लखनऊ की हसनगंज पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो मीडिया संस्थान का नाम इस्तेमाल कर लूट की वारदातों को अंजाम देकर मौके से बड़ी आसानी से भाग निकलते थे.
रविवार रात लूट की वारदात को अंजाम देते हुए गिरोह के एक सदस्य को पुलिस ने राहगीरों की मदद से गिरफ्तार किया था. पुलिस ने बदमाशों के पास से दो तमंचा, दो जिंदा कारतूस, दो कार और लूट के ₹18000 बरामद किए. गिरफ्तार बदमाश से जानकारी जुटाकर पुलिस ने 4 अन्य लोगों को भी सोमवार को हिरासत में ले लिया.
पूरा मामला
हसनगंज पुलिस ने बीती देर रात एक बदमाश को लूट की घटना अंजाम देने के दौरान राहगीरों की मदद से गिरफ्तार किया गया था. बदमाश से जब पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि इस काम में पूरा गिरोह सक्रिय है. इसके बाद पुलिस ने लूट की वारदात को अंजाम देने वाले राजीव श्रीवास्तव, अब्दुल मोमीन, कल्लन, मेराज गाजी व अनमोल अवस्थी को गिरफ्तार कर लिया.
लूट की कई वारदातों का खुलासा
डीसीपी नॉर्थ रईस अख्तर ने बताया कि पकड़े गए बदमाशों ने चौक के सर्राफा व्यापारी से डालीगंज पर लूट की वारदात की थी. लूट करने के दौरान एक बुजुर्ग ने एक युवक को दबोचा लिया था. अन्य लोग उस समय भागने में सफल रहे थे. हिरासत में लिए गए युवक से पूछताछ की गई तो इस गिरोह का भी नाम सामने आया है और उसने अन्य सदस्यों का पता भी बता दिया.
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि यह बदमाश लूट की वारदातों को अंजाम देते थे और गोली चलाने से भी नहीं पीछे हटते थे. इस घटना में जो राजीव श्रीवास्तव नामक आरोपी है उसके ऊपर इससे पहले भी गाजीपुर के साथ-साथ लखनऊ के पश्चिमी क्षेत्र में भी कई मामले दर्ज हैं. फिलहाल पुलिस इस मामले पर और जांच करेगी और यह देखेगी की गिरोह के तार कहां-कहां तक जुड़े हैं और इसमें कितने लोग सम्मिलित हैं.