लखनऊ: राजधानी लखनऊ का सबसे पॉश इलाका गोमती नगर इन दिनों क्षेत्र में होने वाली चोरियों को लेकर चर्चा में है. गोमती नगर में चोरी की घटनाओं को अंजाम देने वाले शातिर आईएएस अधिकारियों के बंगलों को भी नहीं छोड़ रहे हैं. चोरी की घटनाएं जहां चर्चा में बनी हुई है. वहीं चोरी की घटनाओं के खुलासे न होने से लोगों में आक्रोश भी है. शहर की ही नहीं प्रदेश की सबसे पॉश कॉलोनी सीएसआई में पिछले दिनों आईएएस राजन शुक्ला और विशेष सचिव सचिव न्याय अनिल उपाध्याय के घर चोरी की घटना को अंजाम दिया. पुलिस 10 महीने बाद तक चोरों का सुराग नहीं लगा पाई है और केस में फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई.
सुरक्षित नहीं पाॅश कालोनियां
- अगस्त 2018 में गोमती नगर क्षेत्र में दो बड़ी चोरियों को अंजाम दिया गया.
- एक चोरी आईएएस ऑफिसर राजन शुक्ला के घर हुई, जिसमें चोरों ने आलमारी तोड़कर जेवरात, नकदी और सजावटी सामान सहित लाइसेंसी पिस्टल पर हाथ साफ किया.
- दोनों ही घटनाओं को लेकर गोमतीनगर थाने में एफआईआरदर्ज कराई गई.
- 10 महीनों के बाद तक पुलिस चोरों तक पहुंचने में नाकामयाब नजर आ रही है.
- पीड़ितों ने आरोप लगाए हैं कि बिल्डिंग में ही रहने वाले कुछ अधिकारी पुलिस की जांच में हस्तक्षेप करते हैं.
- आरोप तो यहां तक है कि कई जिलों में डीएम रहे एक आईएएस ऑफिसर अपने प्रभाव के दम पर पुलिस को बिल्डिंग के कर्मचारियों से बातचीत करने नहीं देते हैं.
इन आईएएस अधिकारियों के भी यहां हुई चोरी:
- न्यायिक सदस्य उपभोक्ता अदालत राजर्षि शुक्ला ने बताया कि पिछले दो वर्षों में चोरों ने तमाम आला अधिकारियों के घरों को निशाना बनाया है.
- आईएस विशाल चौहान, मनीषा त्रिघाटिया, विकास गोठवाल के घर में भी चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया गया.
- जिसको लेकर एफआईआर भी दर्ज कराई गई, लेकिन पुलिस ने इन सभी मामलों में फाइनल रिपोर्ट लगाई है.
सभी चोरियों की जांच की जा रही है. चोरी की घटनाओं को एक दूसरी घटना से जोड़कर पड़ताल की जा रही है. हड़ताल में हम टेक्निकल पहलुओं को भी ध्यान रख रहे हैं. गोमती नगर क्षेत्र में चोरी की घटनाओं को रोका जा सके इसलिए अभियान चलाया गया है .
सुकीर्ति माधव,एसपी नॉर्थ
यह लखनऊ पुलिस सहित प्रदेश की योगी सरकार का फेलियर है कि प्रदेश के सबसे पॉश इलाके के सबसे पॉश कॉलोनी में चोरी की घटनाएं लगातार हो रही हैं और पुलिस अपराधियों तक नहीं पहुंच पा रही है. जिस तरीके से पुलिस की कार्यप्रणाली सामने आ रही है, उससे संदेह होता है की चोरी का खुलासा हो भी पाएगा कि नहीं.
राजर्षि शुक्ला,सदस्य न्यायिक उपभोक्ता अदालत