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उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के स्थापना दिवस पर होंगे कार्यक्रम

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Published : Dec 30, 2020, 8:13 PM IST

उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के 44 साल पूरे होने पर 31 दिसंबर को व्याख्यान एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा. संस्थान के अध्यक्ष डाॅ. वाचस्पति मिश्र ने बताया कि संस्थान के स्थापना दिवस के अवसर पर गुरुवार को दोपहर 2 बजे से व्याख्याना का आयोजन किया जाएगा.

उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान
उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान

लखनऊ: उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के 44 साल पूरे होने पर 31 दिसंबर को व्याख्यान एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा. काव्य गोष्ठी और व्याख्यान में देश की जानी-मानी हस्तियां शिरकत करेंगी.

संस्थान के अध्यक्ष डाॅ. वाचस्पति मिश्र ने बताया कि संस्थान के स्थापना दिवस के अवसर पर गुरुवार को दोपहर 2 बजे से व्याख्यान का आयोजन किया जाएगा.डॉ. वनस्पति मिश्र ने बताया कि व्याख्यान सत्र में शिमला के प्रो. अभियान राजेन्द्र मिश्र ' संस्कृत भाषा: वर्तमान दशा एवं दिशा, दिल्ली के डाॅ. अनेकान्त जैन' प्राकृत भाषा का महत्व' व वाराणसी के डाॅ.हर प्रसाद दीक्षित 'पाली भाषा और बौद्ध धर्म पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत करेंगे.

डाॅ. वाचस्पति मिश्र ने बताया कि इसके अलावा कवि गोष्ठी में लखीमपुर की डाॅ. सुरचना त्रिवेदी, राजधानी के डाॅ. प्रफुल्ल गडवाल, प्रो. राम सुमेर यादव, हापुड़ के प्रो. वागीश दिनकर, सुल्तानपुर के अरुण निषाद, दिल्ली के बलराम शुक्ल, अहमदाबाद के डाॅ. दीनानाथ शर्मा व वाराणसी के प्रो. शिवराम शर्मा प्राकृत एवं संस्कृत में काव्य पाठ करेंगे.

31 दिसम्बर, 1976 को हुई थी स्थापना
डाॅ. वाचस्पति मिश्र ने बताया कि उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान की स्थापना 31 दिसम्बर, 1976 को हुई थी. संस्कृत भाषा के प्रचार- प्रसार के उद्देश्य से संस्थान की स्थापना की गई थी.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के 44 साल पूरे होने पर 31 दिसंबर को व्याख्यान एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा. काव्य गोष्ठी और व्याख्यान में देश की जानी-मानी हस्तियां शिरकत करेंगी.

संस्थान के अध्यक्ष डाॅ. वाचस्पति मिश्र ने बताया कि संस्थान के स्थापना दिवस के अवसर पर गुरुवार को दोपहर 2 बजे से व्याख्यान का आयोजन किया जाएगा.डॉ. वनस्पति मिश्र ने बताया कि व्याख्यान सत्र में शिमला के प्रो. अभियान राजेन्द्र मिश्र ' संस्कृत भाषा: वर्तमान दशा एवं दिशा, दिल्ली के डाॅ. अनेकान्त जैन' प्राकृत भाषा का महत्व' व वाराणसी के डाॅ.हर प्रसाद दीक्षित 'पाली भाषा और बौद्ध धर्म पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत करेंगे.

डाॅ. वाचस्पति मिश्र ने बताया कि इसके अलावा कवि गोष्ठी में लखीमपुर की डाॅ. सुरचना त्रिवेदी, राजधानी के डाॅ. प्रफुल्ल गडवाल, प्रो. राम सुमेर यादव, हापुड़ के प्रो. वागीश दिनकर, सुल्तानपुर के अरुण निषाद, दिल्ली के बलराम शुक्ल, अहमदाबाद के डाॅ. दीनानाथ शर्मा व वाराणसी के प्रो. शिवराम शर्मा प्राकृत एवं संस्कृत में काव्य पाठ करेंगे.

31 दिसम्बर, 1976 को हुई थी स्थापना
डाॅ. वाचस्पति मिश्र ने बताया कि उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान की स्थापना 31 दिसम्बर, 1976 को हुई थी. संस्कृत भाषा के प्रचार- प्रसार के उद्देश्य से संस्थान की स्थापना की गई थी.

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