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शायर मुनव्वर राना अभी भी वेंटीलेटर सपोर्ट पर, पेट में दर्द के कारण हुए थे भर्ती

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Published : Jun 2, 2023, 5:44 PM IST

मशहूर शायर मुनव्वर राना को 22 मई शाम करीब 6 बजे निजी अस्पताल की इमरजेंसी में लाया गया था. जांच में पता चला था कि उनके गाॅल ब्लैडर में छेद हो गया है और आस-पास पस पड़ गया है.

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लखनऊ : प्रख्यात शायर मुनव्वर राना की स्थिति फिलहाल गंभीर है. जिस कारण उनके चाहने वालों और परिजनों को उनकी चिंता सता रही है. उनकी तबीयत बीते 12 दिनों से खराब चल रही है. शुक्रवार को मुनव्वर राना की स्थिति को लेकर निजी अस्पताल ने हेल्थ अपडेट जारी किया. जिसमें बताया गया कि मौजूदा समय में मुनव्वर राना वेंटीलेटर सपोर्ट पर ही हैं. स्थिति जस की तस बनी हुई है. पेट में तेज दर्द की शिकायत के साथ मुनव्वर राना को 22 मई शाम करीब 6 बजे निजी अस्पताल की इमरजेंसी में लाया गया था. उन्हें पहले से ही डायबिटीज और हाई बीपी की समस्या है. इसके अलावा कुछ समय पहले वह क्रोनिक किडनी रोग के कारण डायलिसिस पर थे.


निजी अस्पताल की ओर से जारी हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक, मुनव्वर राणा को अस्पताल की इमरजेंसी में पेट में भयानक दर्द के कारण भर्ती किया गया था. जांच कराने पर पता चला कि उसके गॉल ब्लैडर में छेद हो गया है और आस-पास पस जम गया है. संक्रमण खून सहित शरीर के सभी हिस्सों में फैल चुका था. मुनव्वर राना को तुरंत सर्जरी के लिए ले जाया गया. वर्तमान में वह लाइफ सपोर्ट पर आईसीयू में भर्ती हैं. उनकी देखरेख चिकित्सा विशेषज्ञों की एक्सपर्ट टीम कर रही हैं. उनकी वर्तमान स्थिति नाजुक है.

रायबरेली में हुआ था जन्म
रायबरेली में हुआ था जन्म

रायबरेली में हुआ था जन्म : मुनव्वर राना का जन्म उत्तर प्रदेश के रायबरेली में हुआ था. मुनव्वर राना के पिता का नाम अनवर राना है. मुनव्वर राना की माता का नाम आयशा खातून है. भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के समय मुनव्वर राना के कई रिश्तेदार पाकिस्तान चले गए थे, लेकिन मुनव्वर राना के पिता ने भारत में रहना ही स्वीकार किया. उनका बचपन कोलकाता में बीता है. उनकी शिक्षा की बात करें तो बता दें कि मुनव्वर राना ने अपनी शिक्षा कोलकाता से ही हासिल की है. मुनव्वर राना ने बीकॉम की डिग्री हासिल की है.

शायर मुनव्वर राना को मिला सम्मान
शायर मुनव्वर राना को मिला सम्मान

मुनव्वर राना का परिवार : मुनव्वर राना के परिवार में उनकी पत्नी और बच्चे हैं. मुनव्वर राना के छह बच्चे हैं. एक बेटा और पांच बेटियां हैं. उनके बेटे का नाम तबरेज राना है. मुनव्वर राना की दो बेटियां सुमैया राना और फौजिया राना भी अक्सर चर्चा में बनी रहती हैं. देशभर में चले नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मुद्दे पर भी इनका परिवार धरने में शामिल रहा. इनकी दोनों बेटियों ने महीनों लखनऊ के घंटाघर पर चल रहे धरना प्रदर्शन में जोरशोर से समर्थन दिया था.

मशहूर शायरी
मशहूर शायरी

यूपी चुनाव 2022 में दिया था विवादित बयान : यूपी चुनाव 2022 में शायर मुनव्वर राना ने कहा था कि "योगी आदित्यनाथ दोबारा मुख्यमंत्री बने तो यूपी छोड़ दूंगा. दिल्ली-कोलकाता चला जाऊंगा. मेरे पिता ने पाकिस्तान जाना मंजूर नहीं किया, लेकिन अब बड़े दुख के साथ मुझे यह शहर, यह प्रदेश, अपनी मिट्टी को छोड़ना पड़ेगा." हालांकि ऐसा हुआ कुछ नहीं. उत्तर प्रदेश में योगी सरकार पूर्ण बहुमत से विजयी हुई थी. चुनाव के बाद मुनव्वर राना ने लखनऊ नहीं छोड़ा. फिलहाल उनका परिवार पुराने लखनऊ स्थित अपने घर में रह रहे हैं.'



पुरस्कार लेने से किया इनकार
पुरस्कार लेने से किया इनकार

2015 में सरकारी अवार्ड लेने से किया इनकार : वैसे तो प्रख्यात शायर मुनव्वर राना को अनेकों अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है. 1993 से साल 2014 तक इन्हें कई बड़े अवॉर्ड्स से नवाजा गया. 2014 में उन्हें भारत सरकार द्वारा उर्दू साहित्य के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. इसी अवार्ड को उन्होंने एक लाइव टीवी शो पर 18 अक्टूबर 2015 को इस पुरस्कार को वापस लौटाया और भविष्य में किसी भी सरकारी पुरस्कार को स्वीकार न करने का वचन दिया.

यह भी पढ़ें : यूपी में आगरा से 'मिशन-2024' का चुनावी बिगुल फूकेंगे जेपी नड्डा, कार्यकर्ताओं से करेंगे 'टिफिन पर चर्चा'

लखनऊ : प्रख्यात शायर मुनव्वर राना की स्थिति फिलहाल गंभीर है. जिस कारण उनके चाहने वालों और परिजनों को उनकी चिंता सता रही है. उनकी तबीयत बीते 12 दिनों से खराब चल रही है. शुक्रवार को मुनव्वर राना की स्थिति को लेकर निजी अस्पताल ने हेल्थ अपडेट जारी किया. जिसमें बताया गया कि मौजूदा समय में मुनव्वर राना वेंटीलेटर सपोर्ट पर ही हैं. स्थिति जस की तस बनी हुई है. पेट में तेज दर्द की शिकायत के साथ मुनव्वर राना को 22 मई शाम करीब 6 बजे निजी अस्पताल की इमरजेंसी में लाया गया था. उन्हें पहले से ही डायबिटीज और हाई बीपी की समस्या है. इसके अलावा कुछ समय पहले वह क्रोनिक किडनी रोग के कारण डायलिसिस पर थे.


निजी अस्पताल की ओर से जारी हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक, मुनव्वर राणा को अस्पताल की इमरजेंसी में पेट में भयानक दर्द के कारण भर्ती किया गया था. जांच कराने पर पता चला कि उसके गॉल ब्लैडर में छेद हो गया है और आस-पास पस जम गया है. संक्रमण खून सहित शरीर के सभी हिस्सों में फैल चुका था. मुनव्वर राना को तुरंत सर्जरी के लिए ले जाया गया. वर्तमान में वह लाइफ सपोर्ट पर आईसीयू में भर्ती हैं. उनकी देखरेख चिकित्सा विशेषज्ञों की एक्सपर्ट टीम कर रही हैं. उनकी वर्तमान स्थिति नाजुक है.

रायबरेली में हुआ था जन्म
रायबरेली में हुआ था जन्म

रायबरेली में हुआ था जन्म : मुनव्वर राना का जन्म उत्तर प्रदेश के रायबरेली में हुआ था. मुनव्वर राना के पिता का नाम अनवर राना है. मुनव्वर राना की माता का नाम आयशा खातून है. भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के समय मुनव्वर राना के कई रिश्तेदार पाकिस्तान चले गए थे, लेकिन मुनव्वर राना के पिता ने भारत में रहना ही स्वीकार किया. उनका बचपन कोलकाता में बीता है. उनकी शिक्षा की बात करें तो बता दें कि मुनव्वर राना ने अपनी शिक्षा कोलकाता से ही हासिल की है. मुनव्वर राना ने बीकॉम की डिग्री हासिल की है.

शायर मुनव्वर राना को मिला सम्मान
शायर मुनव्वर राना को मिला सम्मान

मुनव्वर राना का परिवार : मुनव्वर राना के परिवार में उनकी पत्नी और बच्चे हैं. मुनव्वर राना के छह बच्चे हैं. एक बेटा और पांच बेटियां हैं. उनके बेटे का नाम तबरेज राना है. मुनव्वर राना की दो बेटियां सुमैया राना और फौजिया राना भी अक्सर चर्चा में बनी रहती हैं. देशभर में चले नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मुद्दे पर भी इनका परिवार धरने में शामिल रहा. इनकी दोनों बेटियों ने महीनों लखनऊ के घंटाघर पर चल रहे धरना प्रदर्शन में जोरशोर से समर्थन दिया था.

मशहूर शायरी
मशहूर शायरी

यूपी चुनाव 2022 में दिया था विवादित बयान : यूपी चुनाव 2022 में शायर मुनव्वर राना ने कहा था कि "योगी आदित्यनाथ दोबारा मुख्यमंत्री बने तो यूपी छोड़ दूंगा. दिल्ली-कोलकाता चला जाऊंगा. मेरे पिता ने पाकिस्तान जाना मंजूर नहीं किया, लेकिन अब बड़े दुख के साथ मुझे यह शहर, यह प्रदेश, अपनी मिट्टी को छोड़ना पड़ेगा." हालांकि ऐसा हुआ कुछ नहीं. उत्तर प्रदेश में योगी सरकार पूर्ण बहुमत से विजयी हुई थी. चुनाव के बाद मुनव्वर राना ने लखनऊ नहीं छोड़ा. फिलहाल उनका परिवार पुराने लखनऊ स्थित अपने घर में रह रहे हैं.'



पुरस्कार लेने से किया इनकार
पुरस्कार लेने से किया इनकार

2015 में सरकारी अवार्ड लेने से किया इनकार : वैसे तो प्रख्यात शायर मुनव्वर राना को अनेकों अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है. 1993 से साल 2014 तक इन्हें कई बड़े अवॉर्ड्स से नवाजा गया. 2014 में उन्हें भारत सरकार द्वारा उर्दू साहित्य के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. इसी अवार्ड को उन्होंने एक लाइव टीवी शो पर 18 अक्टूबर 2015 को इस पुरस्कार को वापस लौटाया और भविष्य में किसी भी सरकारी पुरस्कार को स्वीकार न करने का वचन दिया.

यह भी पढ़ें : यूपी में आगरा से 'मिशन-2024' का चुनावी बिगुल फूकेंगे जेपी नड्डा, कार्यकर्ताओं से करेंगे 'टिफिन पर चर्चा'

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