लखनऊ: यूपीडा के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए 2,250 करोड़ के लोन की सीमा निर्धारित की गई है. इस कार्य के लिए बैंक कंसोर्शियम के गठन करने की मंजूरी कैबिनेट द्वारा प्रदान की गई है. वहीं पंजाब नेशनल बैंक द्वारा 750 करोड़ रुपए का लोन स्वीकृत किया गया है. इस दौरान पंजाब नेशनल बैंक द्वारा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे परियोजना के वित्त पोषण के लिए बनने वाले बैंक कंसोर्शियम का नेतृत्व किया जाएगा.
कंसोर्शियम में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, कैनरा बैंक, इण्डियन बैंक, यूको बैंक, बैंक ऑफ इण्डिया एवं बैंक ऑफ महाराष्ट्र भी सहभागी होंगे. उन्होंने बताया कि सम्पूर्ण ऋण राशि तीन वर्षों में यूपीडा द्वारा आवश्यकतानुसार समय-समय पर बैंकों से आहरित की जाएगी. ऋण राशि के लिए प्रारम्भिक तौर पर कंसोर्शियम बैंकिंग व्यवस्था के अंर्तगत कार्य किया जाएगा, लेकिन यूपीडा की परियोजना के कार्य के लिए धनराशि की तात्कालिक आवश्यकता व अन्य बैंकों से अंतिम स्वीकृति में लग रहे समय को ध्यान में रखते हुए पंजाब नेशनल बैंक ने कंसोर्शियम के लीड बैंक की भूमिका स्वीकार करते हुए यह सहमति दी है. इसके साथ ही जैसे अन्य बैंकों से अंतिम स्वीकृति पत्र प्राप्त होते जाएंगे. उसी अनुसार, बैंक कंसोर्शियम की स्थापना कर दी जाएगी.
पंजाब नेशनल बैंक द्वारा सामान्य रूप से ली जाने वाली अप फ्रंट फीस एवं प्रोसेसिंग फीस यूपीडा के लिए माफ करने की सहमति दी गई है. यह सहमति अन्य बैंकों से भी ली जाएगी. इस ऋण का पुनर्भुगतान ऋण की स्वीकृति के दिनांक से 03 वर्ष की मोरेटोरियम अवधि के पश्चात 12 वर्षों में (कुल 15 वर्ष की अवधि में) त्रैमासिक आधार पर 48 किश्तों में किया जाएगा. ऋण पुनर्भुगतान सुनिश्चित करने के लिए यूपीडा द्वारा एक सिंकिंग फंड डी.एस.सी.आर खाता (Debt Servicing Coverage Ratio) स्थापित किया जाएगा, जिस पर बैंकों का ऋण की बकाया राशि की सीमा तक प्रभार होगा.
इसके साथ ही यूपीडा को टोल से होने वाले रेवेन्यू आय व अन्य वित्तीय लेन-देन को एकीकृत रूप से संपादित करने हेतु एक एस्क्रो एकाउंट वित्त पोषण करने वाली बैंकों की सहमति से लीड बैंक में खोला जाएगा, जिस पर बैंकों का ऋण की बकाया राशि की सीमा तक प्रभार होगा. ऋण से संबंधित एक लोन एग्रीमेंट यूपीडा व संबंधित बैंकों के मध्य सम्पादित किया जाएगा. इसके साथ ही यूपीडा द्वारा इस प्रोजेक्ट के संबंध में शासन से यथावश्यक अनुमोदन संबंधित बैंकों को प्रस्तुत करने होंगे.