लखनऊ: प्रदेश सरकार ने दो साल पहले पॉलिथीन और सिंगल यूज प्लास्टिक को यूपी में पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया था. पॉलिथीन के उपयोग और बिक्री को अपराध भी घोषित किया जा चुका है. बावजूद इसके अफसरों की लापरवाही और जागरूकता के अभाव में पॉलिथीन का इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है.
प्रतिबंधित प्लास्टिक का हो रहा उपयोग
तमाम बड़े शहरों में या अन्य नगर निकायों के स्तर पर पॉलिथीन और सिंगल यूज प्लास्टिक का धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है. अब इसके खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है. यही नहीं जब प्रदेश सरकार की तरफ से बड़े स्तर पर अभियान चलाए जाते हैं तो बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित पॉलिथीन जब्त करने की कार्रवाई होती है. साथ ही बड़े पैमाने पर जुर्माना भी लगाया जाता है, लेकिन कुछ दिनों बाद पॉलिथीन का इस्तेमाल फिर से शुरू हो जाता है.
![धड़ल्ले से प्लास्टिक का हो रहा इस्तेमाल.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/up-luc-01-plastic-ban-story-pkg-7200991_11122020120532_1112f_00647_611.jpg)
पर्यावरण के लिए बेहद खतरनाक है पॉलिथीन
पॉलिथीन के उपयोग से पर्यावरण को भी काफी नुकसान पहुंच रहा है. ये जानते हुए भी अधिकारी इसे पूरी तरह से प्रतिबंधित करने की दिशा में ठीक ढंग से प्रयास नहीं कर रहे हैं. पॉलिथीन के उपयोग से जमीन की उर्वरा शक्ति भी कम हो रही है, लेकिन सरकार और प्रशासनिक अधिकारी पॉलिथीन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने में विफल नजर आ रहे हैं.
लगातार पॉलिथीन के खिलाफ कर रहे हैं कार्रवाई
अपर नगर आयुक्त अमित कुमार का कहना है कि पिछले 2 सालों से पॉलिथीन और सिंगल यूज प्लास्टिक के सामानों पर प्रतिबंध लगाया गया है. लखनऊ नगर निगम प्रशासन ने भी अभी तक करीब 80 लाख तक जुर्माना लगाया है. निगम की ओर से इस संदर्भ में निरंतर कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि अभी दो-तीन दिन पहले प्रतिबंधित प्लास्टिक के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की गई है.
जागरूकता से रुक सकता है प्लास्टिक का इस्तेमाल
अपर नगर आयुक्त अमित कुमार कहते हैं कि सरकार ने पॉलिथीन और सिंगल यूज प्लास्टिक को बंद रखने के लिए कानून बनाया, लेकिन इसके लिए जनता को भी सहयोग देना पड़ेगा. कोई भी कानून बिना जनता के सहयोग से सफल नहीं हो सकता है. प्लास्टिक के दुष्प्रभाव के प्रति लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है. लोगों को जागरूक करने का प्रयत्न किया जा रहा है. लोगों से अपील है कि प्लास्टिक का उपयोग स्वयं से बंद कर दें, तब ही इसे बेहतर तरीके से रोका जा सकता है.
कार्रवाई के बावजूद जारी है प्रतिबंधित प्लास्टिक की आपूर्ति
अफसरों की कार्रवाई और जुर्माना वसूलने के बावजूद भी यूपी के तमाम शहरों में प्लास्टिक का इस्तेमाल बड़े स्तर पर किया जा रहा है. अधिकारी दावा कर रहे हैं इसके खिलाफ लगातार कार्रवाई हो रही है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि फैक्ट्रियों के स्तर पर लगातार प्रतिबंधित प्लास्टिक और डिस्पोजेबल सामान की मैन्युफैक्चरिंग हो रही है और उसकी आपूर्ति बाजारों में दुकानों में हो रही है.
फैक्ट्रियों के स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग पर रोक लगाना की जरूरत
सरकार और प्रशासन को इस दिशा में भी कठोर कार्रवाई करने की आवश्यकता है. जब फैक्ट्री के स्तर पर मैनुफैक्चरिंग होती रहेगी और उसकी आपूर्ति बिना रोकथाम के दुकानों तक होगी तो फिर प्लास्टिक के यूज को रोकना कठिन होगा. सरकार को फैक्ट्रियों पर ही प्लास्टिक के इस्तेमाल को पूरी तरह से प्रतिबंध लगाना चाहिए.
प्लास्टिक का उपयोग नहीं करना चाहिए से पर्यावरण को काफी नुकसान होता है समाज में गंदगी फैलती है और जानवरों को भी काफी नुकसान होता है प्लास्टिक में अगर कोई चीज भेजते हैं खाने खाने का सामान या कोई अन्य चीज जानवरों से खा लेते हैं और उनके पेट में प्लास्टिक पहुंच जाती है और उन्हें दिक्कत होती है सबसे हम अनुरोध करना चाहते हैं कि प्लास्टिक के जो बैग होते हैं कागज का कपड़ों के थैलों का उपयोग किया जाना चाहिए जिससे प्रदूषण को कम किया जा सके।