ETV Bharat / state

राजधानी की सड़कों पर गड्ढे, भारी पड़ रही अफसरों की लापरवाही

राजधानी लखनऊ में ही सत्ता की आंख के सामने ही सड़कों की स्थिति बदहाल है. वीआईपी कॉलोनियों से लेकर तमाम अन्य कॉलोनियों की सड़कें खराब हो चुकी हैं. अफसर खराब हो चुकी सड़कों को दुरुस्त करने के लिए अभियान चलाने के दावे करते हैं, लेकिन धरातल पर सड़कों की स्थिति जस की तस बनी हुई है.

pits on the roads in lucknow
राजधानी की सड़कों पर गड्ढे.
author img

By

Published : Feb 26, 2021, 9:08 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की सरकार अपने 4 साल की उपलब्धियों का बखान कर रही है. प्रदेश में कई हजार किलोमीटर सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं, लेकिन अफसरों की लापरवाही की वजह से राजधानी लखनऊ में ही शासन सत्ता की आंख के सामने सड़कों की स्थिति बदहाल है. वीआईपी कॉलोनियों से लेकर तमाम अन्य कॉलोनियों की सड़कें खराब हो चुकी हैं.

राजधानी के सड़कों पर गड्ढे.
सड़कों की हालत दयनीय

अफसर खराब हो चुकी सड़कों को दुरुस्त करने के लिए अभियान चलाने के दावे करते हैं, लेकिन धरातल पर सड़कों की स्थिति जस की तस बनी हुई है. आने जाने वाले राहगीरों को भी तमाम तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही लोगों पर भारी पड़ रही है.

वीआईपी हो या आम कॉलोनी, हर जगह सड़कों की हालत बदहाल
राजधानी लखनऊ की वीआईपी से लेकर पॉश कॉलोनी हो या फिर कोई भी अन्य साधारण कॉलोनी, हर जगह सड़कों की हालत बदहाल नजर आती है. विक्रमादित्य मार्ग, कालिदास मार्ग, गोमती नगर, गोमती नगर विस्तार, आलमबाग, महानगर, इंदिरा नगर और आशियाना जैसी कॉलोनियों की सड़कें बदहाल हैं. इससे आने जाने वाले लोगों को काफी परेशानी होती है.

pits on the roads in lucknow
राजधानी की सड़क.

अधिकारियों की लापरवाही उजागर
राजधानी में सड़कों की मरम्मत करने और लोगों को बेहतरीन सड़कें देने की जिम्मेदारी नगर निगम, लखनऊ विकास प्राधिकरण से लेकर आवास विकास की है, लेकिन इन तीनों विभागों के अधिकारियों की लापरवाही के चलते सड़कों की ठीक ढंग से न मरम्मत हो पाती है और न ही बदहाल सड़कों का दोबारा से निर्माण कार्य हो पाता है. इससे लोगों को तमाम तरह की सुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है. कई कॉलोनियों में तो कई साल से सड़कों को ठीक करने का काम नहीं हुआ तो कई कॉलोनियों में 2 से 3 महीने से सड़कें खुदी पड़ी हुई हैं, लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.

बदहाल सड़कों की वजह से होती है दिक्कत
स्थानीय निवासी नौशाद कहते हैं कि कालिदास मार्ग के आसपास की वीआईपी कॉलोनी की सड़कें 2 महीने से अधिक समय से खराब हैं. यहां आने-जाने में लोगों को काफी समस्या भी होती है और सड़क दुर्घटनाओं का भी डर रहता है. वीआईपी कॉलोनी होने के बावजूद अधिकारी इन सड़कों को नहीं बना पा रहे हैं.

pits on the roads in lucknow
राजधानी की सड़क.

लापरवाही करने वाले अफसरों पर हो कार्रवाई
लखनऊ जन कल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे ने कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार जब आई थी, तब सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के दावे किए गए थे. 4 साल बीतने को है. प्रदेश की बात तो और है राजधानी लखनऊ की ही सड़कें बदहाल हैं. अफसर कागजों पर सड़क बना रहे हैं. हमारी सरकार से मांग है कि सड़कों की मरम्मत में लापरवाही करने वाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई हो और सड़कों को ठीक करने का बड़े स्तर पर अभियान चलाया जाए, जिससे लोगों को सहूलियत मिले.

सड़कों को ठीक करने का जल्द चलेगा अभियान
एलडीए वीसी लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया कि जहां जो सड़कें खराब हैं, उनकी मरम्मत कराने को लेकर बजट का आंकलन किया जा रहा है. जल्दी ही अभियान चलाकर सड़कों को दुरुस्त करने का काम कराया जाएगा.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की सरकार अपने 4 साल की उपलब्धियों का बखान कर रही है. प्रदेश में कई हजार किलोमीटर सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं, लेकिन अफसरों की लापरवाही की वजह से राजधानी लखनऊ में ही शासन सत्ता की आंख के सामने सड़कों की स्थिति बदहाल है. वीआईपी कॉलोनियों से लेकर तमाम अन्य कॉलोनियों की सड़कें खराब हो चुकी हैं.

राजधानी के सड़कों पर गड्ढे.
सड़कों की हालत दयनीय

अफसर खराब हो चुकी सड़कों को दुरुस्त करने के लिए अभियान चलाने के दावे करते हैं, लेकिन धरातल पर सड़कों की स्थिति जस की तस बनी हुई है. आने जाने वाले राहगीरों को भी तमाम तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही लोगों पर भारी पड़ रही है.

वीआईपी हो या आम कॉलोनी, हर जगह सड़कों की हालत बदहाल
राजधानी लखनऊ की वीआईपी से लेकर पॉश कॉलोनी हो या फिर कोई भी अन्य साधारण कॉलोनी, हर जगह सड़कों की हालत बदहाल नजर आती है. विक्रमादित्य मार्ग, कालिदास मार्ग, गोमती नगर, गोमती नगर विस्तार, आलमबाग, महानगर, इंदिरा नगर और आशियाना जैसी कॉलोनियों की सड़कें बदहाल हैं. इससे आने जाने वाले लोगों को काफी परेशानी होती है.

pits on the roads in lucknow
राजधानी की सड़क.

अधिकारियों की लापरवाही उजागर
राजधानी में सड़कों की मरम्मत करने और लोगों को बेहतरीन सड़कें देने की जिम्मेदारी नगर निगम, लखनऊ विकास प्राधिकरण से लेकर आवास विकास की है, लेकिन इन तीनों विभागों के अधिकारियों की लापरवाही के चलते सड़कों की ठीक ढंग से न मरम्मत हो पाती है और न ही बदहाल सड़कों का दोबारा से निर्माण कार्य हो पाता है. इससे लोगों को तमाम तरह की सुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है. कई कॉलोनियों में तो कई साल से सड़कों को ठीक करने का काम नहीं हुआ तो कई कॉलोनियों में 2 से 3 महीने से सड़कें खुदी पड़ी हुई हैं, लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.

बदहाल सड़कों की वजह से होती है दिक्कत
स्थानीय निवासी नौशाद कहते हैं कि कालिदास मार्ग के आसपास की वीआईपी कॉलोनी की सड़कें 2 महीने से अधिक समय से खराब हैं. यहां आने-जाने में लोगों को काफी समस्या भी होती है और सड़क दुर्घटनाओं का भी डर रहता है. वीआईपी कॉलोनी होने के बावजूद अधिकारी इन सड़कों को नहीं बना पा रहे हैं.

pits on the roads in lucknow
राजधानी की सड़क.

लापरवाही करने वाले अफसरों पर हो कार्रवाई
लखनऊ जन कल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे ने कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार जब आई थी, तब सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के दावे किए गए थे. 4 साल बीतने को है. प्रदेश की बात तो और है राजधानी लखनऊ की ही सड़कें बदहाल हैं. अफसर कागजों पर सड़क बना रहे हैं. हमारी सरकार से मांग है कि सड़कों की मरम्मत में लापरवाही करने वाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई हो और सड़कों को ठीक करने का बड़े स्तर पर अभियान चलाया जाए, जिससे लोगों को सहूलियत मिले.

सड़कों को ठीक करने का जल्द चलेगा अभियान
एलडीए वीसी लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया कि जहां जो सड़कें खराब हैं, उनकी मरम्मत कराने को लेकर बजट का आंकलन किया जा रहा है. जल्दी ही अभियान चलाकर सड़कों को दुरुस्त करने का काम कराया जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.