लखनऊ: बीते 17 अक्टूबर को पीलीभीत जिले में हुए बस हादसे में 12 यात्रियों की मौत हो गई थी. वहीं अब सड़क हादसे में नई बात निकल कर सामने आ रही है. अनुबंधित बस अपने रूट से हटकर अवैध रूट पर दौड़ रही थी. यह सब अधिकारियों की आपसी मिलीभगत से चल रहा था. लखनऊ-पीलीभीत के बीच सवारियों को ढोह रही बस का ये रूट था ही नहीं. ये बस परिवहन निगम की राष्ट्रीयकृत मार्ग पर दौड़ रही थी, जबकि रोडवेज के रेड कॉरिडोर रूट पर साधारण अनुबंधित बसों का संचालन प्रतिबंधित है. गलत रूट पर बस संचालित करने का खेल परिवहन निगम के अफसरों के सरपरस्ती में चल रहा है.
रेड कॉरिडोर पर नहीं चल सकती अनुबंधित बस
परिवहन निगम के रेड कॉरिडोर रूट पर साधारण अनुबंधित बसों के संचालन पर पूरी तरह रोक है. पीलीभीत-लखनऊ रूट रेड कॉरिडोर है. लिहाजा इस रूट पर सिर्फ परिवहन निगम की अपनी स्वामित्व वाली बसें ही संचालित होती हैं. अभी तक हादसे के जांच में इस बात का खुलासा होने पर बरेली क्षेत्र से लेकर निगम मुख्यालय के अफसरों के बीच खलबली मची है. पीलीभीत डिपो की अनुबंधित बस संख्या यूपी 27 टी 9304 का अनुबंध वर्ष 2016 में गैर राष्ट्रीयकृत मार्ग के लिए हुआ था. लखनऊ से सवारी ढोने का खेल पीलीभीत डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, बरेली के आरएम और कैसरबाग बस डिपो के एआरएम प्रबंधन व स्टेशन प्रभारी की मिलीभगत से चल रहा है.
जांच रिपोर्ट आने पर होगा खुलासा
परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक धीरज साहू ने पीलीभीत बस दुर्घटना की विस्तृत जांच के आदेश जारी किए हैं. मुख्य प्रधान प्रबंधक (संचालन) पीआर बेलवारियार बताते है कि लखनऊ-बरेली राष्ट्रीयकृत मार्ग है या नहीं, इसे देखा जा रहा है. अगर यह रेड कॉरिडोर रूट है तो इस पर अनुबंधित बसों का संचालन नहीं हो सकता है. अगर ऐसा हो रहा है तो बिल्कुल गलत है. जिम्मेदार अधिकारियों पर एक्शन लिया जाएगा.