लखनऊ: राजधानी लखनऊ में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. जिले में अब तक कुल 18 हॉट स्पॉट चिह्नित किए जा चुके हैं. राजधानी के फूलबाग इलाके में कोरोना का नया मरीज मिलने के बाद ये इलाका एक बार फिर रेड जोन में तब्दील हो गया है. इसके पहले 14 दिनों तक इस इलाके में कोरोना संक्रमित मरीज नहीं मिलने पर इस क्षेत्र को ऑरेंज जोन घोषित कर दिया गया था. लेकिन फूलबाद इलाका एक बार फिर रेड जोन में आ गया है.
क्या होता है रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन
आपको बता दें कि, रेड जोन वो होता है जहां पर सबसे ज्यादा संक्रमण का खतरा रहता है. इसके बाद ऑरेंज जोन आता है. जिस इलाके में 14 दिनों तक कोरोना का कोई नया मरीज नहीं मिलता है, वह ऑरेंज जोन होता है और फिर उसके बाद ग्रीन जोन आता है. ग्रीन जोन वो इलाके होते हैं जहां कम से कम 28 दिनों तक कोरोना का कोई केस सामने नहीं आता है. इसके बाद जब यह प्रक्रिया पूरी हो जाती है तो उस क्षेत्र को हॉटस्पॉट मुक्त कर दिया जाता है.
ऐसे में राजधानी के फूलबाग का ऑरेंज जोन से दोबारा रेड जोन में तब्दील होना जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के लिए एक झटका है. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि सभी इलाकों के हॉट स्पॉट क्षेत्र की मॉनीटरिंग की जा रही है. इन इलाकों में विशेष सख्ती बरती जा रही है. जिन इलाकों को हॉटस्पॉट इलाके में रखा गया था उसके साथ-साथ अन्य चार हॉटस्पॉट पर स्वास्थ्य विभाग की खास नजर है जो बीते दिनों ऑरेंज जोन में शामिल हुए हैं. इन इलाकों में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सख्ती और ज्यादा बढ़ा दी है. जिससे इन इलाकों में कोरोना वायरस फिर से अपना असर ना दिखाने पाए.
कैसे होती है हॉट स्पॉट की पहचान
हॉटस्पॉट कैसे सुनिश्चित होता है इस पर जिला सर्विलांस अधिकारी डॉक्टर के पी त्रिपाठी का कहना है कि नई नियमावली के तहत अब राजधानी लखनऊ में एक पॉजिटिव कोरोना मरीज मिलने के बाद ही हॉटस्पॉट क्षेत्र सुनिश्चित किया जा रहा है. जनसंख्या के घनत्व व शिक्षा के मानकों को देखते हुए राजधानी में हॉटस्पॉट क्षेत्र चिह्नित किए जा रहे हैं.
उम्मीद है आने वाले दिनों में स्वास्थ्य विभाग इस सख्ती के साथ हॉटस्पॉट क्षेत्रों में कोरोना वायरस के संक्रमण को खत्म करने में कामयाब रहेगा और समय रहते कोरोना वायरस के संक्रमण को खत्म किया जा सकेगा.