लखनऊः ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में फार्मेसी कोर्सों के संचालन की मंजूरी मिलने के बाद इस सत्र से ही आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दिया है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने बीफार्मा और डीफार्मा विषयों में प्रवेश के लिए 19 दिसंबर से 31 दिसंबर तक ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू की है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने जनरल कैटेगरी और ओबीसी कैटेगरी के छात्रों के लिए आवेदन फीस रुपए 500, जबकि अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों के लिए ढाई सौ रुपए आवेदन फीस निर्धारित किया है. वहीं, डीफार्मा में प्रवेश मेरिट के आधार पर दिया जाएगा. जबकि बीफार्मा में प्रवेश सीयूईटी के स्कोर, एकेटीयू स्कोरकार्ड या फिर प्रवेश परीक्षा के आधार पर मिलेगा. वाय डी फार्मा कोर्स का शुल्क 70000 रुपए निर्धारित किया गया है जबकि बी फार्मा कोर्स के लिए 82000 वार्षिक फीस देनी होगी. आवेदन करने के लिए छात्रों को विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा.
दोनों ही कोर्सों के लिए 60-60 सीटों की मान्यता
भाषा विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर बीबी सिंह ने बताया कि बीते दिनों सीसीआई ने दोनों ही कोर्सों में 60-60 सीटों के मान्यता प्रदान की थी. शनिवार को बैठक कर दोनों ही कोर्सों में प्रवेश के लिए पूरी रूपरेखा तैयार की गई है. उन्होंने बताया कि फार्मेसी से पूर्व विश्वविद्यालय में एलएलबी कोर्स की मंजूरी बार काउंसिल आफ इंडिया से मिली थी.
इसके साथ ही फाइन आर्ट्स कोर्स भी शुरू किए गए थे आप फार्मेसी कोर्स को मंजूरी मिलना विश्वविद्यालय के लिए एक बड़ी उपलब्धियां में से है. फार्मेसी के प्रति छात्रों की रुचि देखते हुए विश्वविद्यालय ने इस कोर्स के संचालन की तैयारी बीते सत्र से शुरू किया था. जिसके लिए फार्मेसी काउंसिल आफ इंडिया को आवेदन किया गया था. अब फार्मेसी काउंसिल आफ इंडिया ने विश्वविद्यालय प्रशासन को इस कोर्स को शुरू करने की अनुमति दे दी है.
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